'फतेह' साल की पहली हिट एक्शन फिल्म, महज 30 करोड़ में बनाई गई, मगर स्केल जेसन बॉर्न और जॉन विक जैसा : अजय धामा

फतेह फिल्म के को-प्रोड्यूसर अजय धामा बेहद खुश हैं कि उनकी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों का प्यार मिला है। फिल्म दूसरे हफ्ते में एंटर कर चुकी है और देशभर में सैकड़ों स्क्रीन पर वह बनी हुई है। अजय का कहना है, 'अच्छी फिल्म हमेशा चमकती है और अपना दर्शक वर्ग ढूंढ लेती है, चाहे कितनी भी चुनौतियां या आलोचनाएं क्यों न हों।

Fateh

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फतेह फिल्म के को-प्रोड्यूसर अजय धामा बेहद खुश हैं कि उनकी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों का प्यार मिला है। फिल्म दूसरे हफ्ते में एंटर कर चुकी है और देशभर में सैकड़ों स्क्रीन पर वह बनी हुई है। अजय का कहना है, 'अच्छी फिल्म हमेशा चमकती है और अपना दर्शक वर्ग ढूंढ लेती है, चाहे कितनी भी चुनौतियां या आलोचनाएं क्यों न हों। गुणवत्तापूर्ण सिनेमा अपनी पहचान खुद बना लेता है। दिल से बनाई गई और दुनिया के बेहतरीन टेक्नीशियनों के साथ बनाई गई फिल्म हमेशा खास होती है। मैं भगवान का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे जॉन स्टुअर्ट एडुरी, हैंस ज़िमर, लॉयर कॉटलर, यो यो हनी सिंह, ली वॉकर, विंचेंज़ो कंडोरेली, चंद्रशेखर प्रजापति और अरिजीत सिंह जैसे असाधारण प्रतिभाशाली लोगों के साथ काम करने का मौका दिया। ये टेक्नीशियन आमतौर पर सैकड़ों करोड़ के बजट वाली फिल्मों पर काम करते हैं, लेकिन हमने फतेह को सिर्फ 30 करोड़ में बनाया।

सबसे अहम बात यह है कि फतेह सिर्फ एक फिल्म नहीं है—it एक गहरी सामाजिक संदेश लेकर आती है। यह किसानों की उस दर्दनाक सच्चाई को उजागर करती है, जो भारी कर्ज, फेक ऐप स्कैम और आर्थिक शोषण के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं। अनपढ़ और मासूम लोगों को ठग बेवजह लूटते हैं, और सरकारी प्रयासों के बावजूद ये समस्याएं खत्म नहीं हो रही हैं। फतेह के जरिए हम इन मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और उन लोगों की आवाज बनने की कोशिश कर रहे हैं, जो अपनी तकलीफों को चुपचाप सह रहे हैं।

फतेह को लेकर जो समीक्षाएं आई हैं, उनमें इसकी तुलना जेसन बॉर्न और जॉन विक जैसी हाई-बजट फिल्मों से की जा रही है। यह फिल्म मेरे तीन साल की मेहनत का नतीजा है, और पहली बार ऐसा हुआ है कि मेरे काम को देखकर हर कोई खुश और तारीफों से भरा हुआ है। फतेह सिर्फ मनोरंजन नहीं है; यह एक उद्देश्य है और एक बदलाव की पुकार है।

सोनू सूद ने इस फिल्म को पूरी तरह अपने कंधों पर उठाया है और अपनी भूमिका के साथ-साथ फिल्म के मकसद को भी बखूबी निभाया है। भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक हीरो के सैकड़ों बंदूकों के खिलाफ खड़े होने का दृश्य इतना वास्तविक लगता है। सोनू की मजबूत पर्सनैलिटी और दमदार आभा हर सीन को असली बना देती है। पर्दे के बाहर भी सोनू सूद एक सच्चे हीरो हैं—उन्होंने अनगिनत प्रवासी मजदूरों की मदद की और पूरे देश का दिल जीत लिया। वह न केवल बॉलीवुड में बल्कि लोगों के दिलों में भी भारत के मसीहा बन गए हैं।

जैकलिन फर्नांडिस का अभिनय लाजवाब है। उन्होंने फिर साबित कर दिया कि वह इंडस्ट्री की बेहतरीन अदाकाराओं में से एक क्यों हैं। कास्ट भी शानदार है—नसीरुद्दीन शाह जैसे एक्टिंग के गुरू, देबू भट्टाचार्य और शिव ज्योति जैसे टैलेंटेड अभिनेता, और पंजाबी सुपरस्टार विनय ढिल्लों ने अपने किरदारों को बेहतरीन तरीके से निभाया। आकश दीप ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है, और शिवा जाहांगीर ने प्रकाश बेलावड़ी जैसे दिग्गज के साथ मिलकर फिल्म के स्तर को और ऊंचा कर दिया। हर कलाकार ने अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ी है।

इसके अलावा, हमने नए टैलेंट को मौका देकर भी एक मिसाल कायम की है। एडिटर यश परिख ने शानदार संपादन के जरिए फिल्म को बखूबी जोड़कर प्रस्तुत किया। शिव ज्योति का दमदार प्रदर्शन फिल्म में जान डाल देता है। हाई-ऑक्टेन एक्शन सीन्स में नए अभिनेताओं ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई, जो दर्शकों को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर देंगे।

अंत में, भारत के टॉप कोरियोग्राफर बॉस्को की कोरियोग्राफी ने फतेह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया। उनके काम ने हिटमैन गाने को ग्लोबल अपील दी है और फिल्म को एक दमदार और आकर्षक विजुअल अनुभव बनाया है, जो हर किसी को पसंद आएगा।

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