Accident or Conspiracy Godhra Review: सच्चाई से रूबरू करवाती है Ranvir Shorey की फिल्म, यहां पढ़ें पूरा रिव्यू
Accident or Conspiracy Godhra Review in Hindi
एक्सीडेंट ऑर कांस्पीरेसी गोधरा फिल्म को लेकर खूब विवाद हुआ है। सोशल मीडिया पर भी यूजर्स ने फिल्म की रिलीज को लेकर काफी कुछ कहा है। अब साल फिल्म को आखिरकार इस शुक्रवार बड़े पर्दे पर रिलीज किया जा रहा है। यह फिल्म भारतीय इतिहास की उस घटना पर आधारित है, जिसने एक समय पर सभी को हैरान कर दिया था। साल 2002 में गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती ट्रेन के दो कोच में आग लगाकर 59 लोगों को जलाकर मार दिया गया था। इस घटना पर आधारित ये फिल्म उन सवालों को जवाब देने के लिए बनाई गई है, जिनको लेकर आज भी कई लोगों के बीच कन्फ्यूजन है। यहां इस फिल्म के रिव्यू पर एक नजर डालते हैं।
फिल्म की कहानी
फिल्म में हम गुजरात में साल 2002 में साबरमती ट्रेन दुर्घटना की कहानी पर नजर डालते हैं। यह तब शुरू होता है जब गुजरात दंगों की आग में राज्य के कई इलागे जल रहे थे। इस बीच साबरमती ट्रेन में 59 लोगो को जलाकर मारने की घटना को सुनकर सभी की रूह कांप गई थी। हालांकि फिल्ममेकर साबरमती ट्रेन की घटना को हादसा और साजिश के सच को पता लगाने की कोशिश करते हैं। फिल्म शुरू होती है उस घटना से जब लोगों की लाशों को अस्पताल में पहुंचाया जा रहा है। फिल्म की शुरुआत में ही कुछ ऐसे सीन्स नजर आने हैं, जिन्हे देखकर आपको असहज महसूस हो सकता है। इसके बाद नानावटी आयोग कमीशन की कोर्ट में महमूद क़ुरैशी और रवींद्र पंड्या के बीच घटना को लेकर हो रही बहसबाजी दिखाई जाती है। यहां रवींद्र पंड्या इस पूरी घटना को सिस्टम का फेलियर बताते हैं और पूछते हैं कि जब ट्रेल को जलाया जा रहा था तो फायर ब्रिगेड, रेलवे पुलिस कहा थी।
इस बीच सीधा ही एक कॉलेज स्ट्यूडेंट को दिखाया जाता है, जिसका नाम अभिमन्यू है और वह अपने प्रोजेक्ट के लिए गोधरा पर पड़ताल शुरू कर देता है। वह सवाल करता है कि इस घटना में अल्पसंख्यकों की ही जान क्यों गई? इस फिल्म की कहानी कोर्ट रूम में बहस और इस घटना को दिखाते हुए आगे बढ़ती है।
स्टोरी और निर्देशन
फिल्म की कहानी को यह ध्यान में रखकर ही लिखा गया है कि यह किसी भी मोड़ पर बोरिंग न लगे। इसे कोर्ट रुम, फ़्लैश बैक में और घटना के साथ ही अभिमन्यु की गोधरा की सच्चाई जानने के प्रयास को लेकर लिखा गया है। फिल्म के डायलॉग भी काफी दमदार हैं।
एक्टिंग
इस फिल्म में एक्टर्स की दमदार परफॉर्मेंस की काफी जरूरत थी। इस बीच रणवीर शौरी , मनोज जोशी का अभिनय बहुत शानदार रहा है। कोर्ट रूम के दिखाए गए सीन भी काफी रियल लग रहे हैं। हितु कनोडिया और डेनिशा घुमरा ने भी फिल्म में अच्छी एक्टिंग के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। अक्षिता नामदेव भी तुलसी देवी के किरदार में अच्छा काम करते दिख रहे हैं।
मूवी देखें या नहीं?
इस घटना को दिखाने के लिए फिल्म में किसी भी तरह के फिक्शन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इन घटनाओं को बेहतरीन अंदाज से दिखाया गया है। फिल्म के कई सीन आपको इमोशनल भी कर सकते हैं। इन्हें देखना भी काफी आसान नहीं है। गोधरा कांड की सच्चाई जानने के लिए यह फिल्म काफी जरूर साबित होने वाली है। दूर-दूर तक यह फिल्म कोई प्रोपेगेंडा नजर नहीं आ रही है। आप इस फिल्म को जरूर देख सकते हैं अगर इतिहास जैसे मुद्दों पर आप रूची रखते हैं।
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आर्टिकल की समाप्ति
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