Deadpool & Wolverine Movie Review in Hindi: क्या अपना दबदबा बरकरार रख पाया डेडपूल? मूवी देखने से पहले ये पढ़ लो!
Deadpool & Wolverine Movie Review in Hindi
डेडपूल और वूल्वरिन मूवी रिव्यू: मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (एमसीयू) के फेवरेट सुपरहीरो, डेडपूल और वूल्वरिन एक ऐसी लड़ाई के लिए एक साथ आए हैं जो न केवल एक्शन से भरपूर है बल्कि दमदार कॉमेडी का भी सही मिक्स है। शॉन लेवी एक ये फिल्म रयान रेनॉल्ड्स और ह्यू जैकमैन की जोड़ी को बेहतरीन अंदाज से पेश कर रही है। फिल्म को लेकर हाइप साफ नजर आ रही थी, इसको साल 2024 को मच अवेटेड फिल्मों में से एक माना जा रहा था। अगर आप भी मूवी देखने का प्लान बना रहे हैं तो एक बार ये रिव्यू जरूर पढ़ लें।
Deadpool & Wolverine Review: कहानी
एवेंजर्स और एक्स-मेन में शामिल होने से मना करने के बाद, वेड विल्सन (रयान रेनॉल्ड्स) या कहें डेडपूल दुनिया को बचाने के लिए सुपरहीरो ग्रुप में अपने आपको को फिट नहीं कर पाए हैं। अपनी लवर वेनेसा (मोरेना बैकारिन) के मना करने के बाद इस बड़बोले व्यक्ति का मानना है कि वह 'मसीहा' है जिसे ज्यादा मौके नहीं दिए गए हैं। हालांकि, उसके लिए सब कुछ तब बदल जाता है जब टाइम वेरिएंस अथॉरिटी (टीवीए) का एजेंट पैराडॉक्स (मैथ्यू मैकफेडेन) मल्टीवर्स में खतरे से लड़ने के लिए डेडपूल को शामिल कर लेता है।
अब दुनिया पर होने वाले इन खतरों से निपटने के लिए, डेडपूल को अपने दुश्मन, लोगान (ह्यू जैकमैन) के साथ टीमअप करना होगा, जो एक्स-मेन यूनिवर्स में वूल्वरिन के नाम से भी जाना जाता है। लाइफ बदलने वाले मिशन के लिए ताकत की दो शक्तियां टकराती हैं, मिलकर टीम बनाती हैं और फिर से कमाल करती हैं। डेडपूल की अनफ़िल्टर्ड बातचीत और वूल्वरिन के शांत लेकिन तीखे व्यवहार के बीच असली जादू नजर आता है। कोई स्पॉइलर न देते हुए , डेडपूल और वूल्वरिन में कुछ दिलचस्प कैमियो हैं जो पुरानी यादों को जगाते हैं और आपको एमसीयू में कुछ लीड होरी की याद दिलाते हैं। इससे फिल्म की कहानी और भी बेहतरीन हो जाती है।
परफॉर्मेंस
डेडपूल और वूल्वरिन एक पैसा वसूल फिल्म कही जा सकती है। लेकिन क्या है अपने पहले दो पार्ट से बेहतर है? हमारे हिसाब से नहीं। फिल्म अच्छी है, देखने लायक है पर कुछ नया वाली फीलिंग से दूर है। निर्देशक शॉन लेवी ने दर्शकों को वह सब दिया है जो वह एक एक्शन हीरो फिल्म से उम्मीद करते हैं, लेकिन शायद ही कभी कुछ नया और शॉकिंग एलीमेंट आपको मूवी में नजर आए। हमारे सुपरहीरो और कैसेंड्रा नोवा (एम्मा कोरिन्स) के बीच लड़ाई भी अधूरी सी लगती है। ऐसा लगता है कि फिल्म में हीरो तो जबरदस्त हैं पर विलेन फीका रह गया।
कैसी है फिल्म?
शॉन ने अपनी कॉमिक टाइमिंग से कमाल तो किया है और लेकिन ऐसा तो पहली दो फिल्मों में भी हुआ था। डेडपूल और वूल्वरिन में जिस चीज की कमी नजर आ रही है वह है एक मजबूत कहानी। फिल्म में दोनों इतना सब कुछ करते हैं पर उनसे एक कनेक्शन मिसिंग लगता है। एवेंजर्स में शामिल होने की अपनी इच्छा को उन्होंने 2 घंटे 7 मिनट की फिल्म को बैक-टू-बैक पंचलाइन के साथ लोड किया, जो आखिर में ऐसे ही खत्म हो जाती है।
फिल्म के स्क्रीन टाइम को भी कम किया जा सकता था। एक समय के बाद मूवी में यूज की गई पंचलाइन पर भी हंसी आना बंद हो जाता है और क्लाइमेक्स बहुत शॉकिंग नहीं है। सीन अच्छे हैं पर नए नहीं हैं। पर अगर आप मार्वल फैन हैं जो फिल्म देख सकते हैं और निराश होकर नहीं लौटेंगे।
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आर्टिकल की समाप्ति
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