'कड़क सिंह' मूवी रिव्यू
Kadak Singh
pankaj tripathi,jaya ahsan,sanjana sanghi
क्रिटिक्स रेटिंग
2.5
Thriller
Jul 2, 2021
Kadak Singh Movie Review: बॉलीवुड के मशहूर एक्टर पंकज त्रिपाठी ने ओटीटी पर भी अपने पैर पसारे हुए हैं। बीते दिन पंकज त्रिपाठी की 'कड़क सिंह' जी5 पर रिलीज हुई, जिसे अनिरुद्धा रॉय चौधरी ने डायरेक्ट किया है।
कास्ट एंड क्रू
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jaya ahsan
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Kadak Singh Movie Review: कड़क जैसी बिल्कुल नहीं है 'कड़क सिंह', केवल पंकज त्रिपाठी की एक्टिंग करेगी इंप्रेस
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क्या है कड़क सिंह की कहानी?
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'कड़क सिंह' में पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) ने एके श्रीवास्तव की भूमिका निभाई है, जिसे कुछ भी याद नहीं रहता। वह एक अस्पताल में रहता है और उसे कुछ पता नहीं होता कि वह वहां क्यों है। उसे खुद पता लगाना होता है कि उसकी बेटी साक्षी (संजना सांघी), उसकी सहकर्मी और प्रमिका नैना (जया एहसान) कैसे जिंदगी में उसका मार्गदर्शन करते थे। फिल्म की पूरी कहानी और ट्विस्ट वित्तीय अपराध विभाग में एके के काम के इर्द-गिर्द घूमती है। हालांकि फिल्म को देखकर कहा जा सकता है कि इस तरह की आम कहानियां पहले भी कई बार मूवीज और टीवी में देखी जा चुकी है।
कैसा है 'कड़क सिंह' का डायरेक्शन
अनिरुद्धा रॉय चौधरी ने 'कड़क सिंह' (Kadak Singh) की कहानी को कोलकाता के जाने-पहचाने जगह में सेट किया है और एके श्रीवास्तव के निजी और पेशेवर किरदार को ही रहस्यमयी बना दिया है। जैसे-जैसे कहानी में गाठें खुलती जाती हैं, वैसे-वैसे लोगों को भी पता चलता है कि एके अस्पताल में कैसे पहुंचा। फिल्म का नाम 'कड़क सिंह' केवल परिवार संग एके श्रीवास्तव के बर्ताव के लिए ही फिट बैठता है। वरना मूवी में कड़क जैसा कुछ नहीं है।
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कड़क सिंह में कहां रह गई कमी
पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) की 'कड़क सिंह' के शुरुआती हिस्से में बाप-बेटी के बीच मनमुटाव दिखता है जो कि अगले हिस्से में सुलझ जाता है। हालांकि अगर फिल्म में पारिवारिक एंगल के जरिए थोड़ी और भावनाएं दिखाई जातीं तो इसे फायदा हो सकता था। 'कड़क सिंह' में पंकज त्रिपाठी और जया एहसान का रोमांस भी कुछ खास जान नहीं फूंक पाया।
कैसी रही पंकज त्रिपाठी की 'कड़क सिंह' में परफॉर्मेंस
'कड़क सिंह' देखकर कह सकते हैं कि पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) ने एके श्रीवास्तव का रोल बखूबी अदा किया है। अस्पताल वाले हिस्सो में उन्हें बहुत ही मजाकिया और खुशमिजाज देखा जाता है, जबकि असल जिंदगी में एके श्रीवास्तव इसका बिल्कुल उल्टा है। पंकज त्रिपाठी ने अपने किरदार की छोटी से छोटी बारीकियां भी बखूबी अदा की हैं। फिल्म में संजना सांघी का रोल बेहद अहम है, हालांकि परिवार में मौजूद छोटा बेटा यानी वरुण बुद्धादेव का मेकर्स ने कुछ खास प्रयोग नहीं किया। फिल्म में जया एहसान और पार्वती थिरुवोतु का भी अहम रोल है, लेकिन मूवी की कहानी में ही उनके किरदार खो गए। जैसे-जैसे कहानी एके श्रीवास्तव द्वारा जांचे जा रहे वित्तीय अपराध की ओर बढ़ती है, मूवी में मौजूद सभी किरदार किनारे होते जाते हैं।
'कड़क सिंह' पर क्या है समीक्षक की राय
पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) जैसे कलाकार के साथ 'कड़क सिंह' की कहानी और बेहतर और रोचक हो सकती थी। फिल्म में कई पात्रों से सस्पेंस बनाने की कोशिश की गई, लेकिन इस चीज ने कहानी को और फीका कर दिया। फिल्म की कास्ट अच्छी थी, लेकिन इसकी कहानी के साथ मेकर्स खेल कर सकते थे।
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