Kalasa The Symbol of Abundance movie review: दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ती है कोंडा रामबाबू की ये फिल्म, अलग है कहानी कहने का ढंग...

Kalasa: The Symbol of Abundance movie review: निर्देशक कोंडा रामबाबू की कलासा: द सिंबल ऑफ एबंडेंस तेलुगु सिनेमा की बाकी फिल्मों से अलग एक नए ढंग से अपनी कहानी कहती है। अनुराग राजपूत, सोनाक्षी वर्मा, भानु श्री और रोशिनी कामिसेट्टी स्टारर ये फिल्म दर्शकों के दिल पर गहरी छाप छोड़ती है।

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Kalasa The Symbol of Abundance

Kalasa: The Symbol of Abundance

Kalasa: The Symbol of Abundance movie review: तेलुगु सिनेमा के जाने माने निर्देशक कोंडा रामबाबू ने अपनी लेटेस्ट फिल्म कलासा: द सिंबल ऑफ एबंडेंस में बेहद अलग ढंग से अपनी कहानी को बुना है। अनुराग राजपूत, सोनाक्षी वर्मा, भानु श्री और रोशिनी कामिसेट्टी जैसे शानदार कलाकारों के साथ, यह फिल्म पारंपरिक कहानी कहने से परे है, प्यार, लॉस और अलगाव के दायरे में गहराई से उतरती है।

Kalasa: The Symbol of Abundance movie review: कहानी

कहानी कलासा नाम के व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे अनुराग राजपूत ने बेहतरीन ढंग से निभाया है। अपने पिता की मृत्यु से लेकर अपनी मां की दूसरी शादी और सौतेली बहन अंशू (सोनाक्षी वर्मा) के आने से खड़ी हुई मुश्किलों तक, कलासा जिंदगी की चुनौतियों से जूझती है। हालांकि कहानी एक दुखद घटना के साथ बड़ा मोड़ लेती है जो परिवार को एक साथ रखने वाले नाजुक बंधन को तोड़ देती है।
कहानी की धड़कन प्यार में निहित है क्योंकि जब अंशू अपने लवर का परिचय कराती है तो कलासा खुद को भावनाओं के जाल में उलझा हुआ पाती है। कलासा को निराशा होती है कि वह वही व्यक्ति है, जिसे वो खुद मन ही मन चाहती थी। यहीं से कहानी में बड़ा मोड़ आने की शुरुआत होती है।

Kalasa: The Symbol of Abundance movie review: डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी

निर्देशक के तौर पर कोंडा रामबाबू चमकते हैं क्योंकि वो कहानी की जटिलताओं को बखूबी दर्शाने में कामयाब हुए हैं। हर एक फ्रेम को इमोशन और गहराई से भर देते हैं। सिनेमैटोग्राफी, आत्मा को झकझोर देने वाले म्यूजिकल स्कोर के साथ देखने के अनुभव को और भी बेहतर बनाती है।

Kalasa: The Symbol of Abundance movie review: परफॉर्मेंस

कलासा के किरदार में अनुराग राजपूत ने अपने कैरेक्टर की बारीकियों को बखूबी दर्शाया है। वहीं सोनाक्षी वर्मा के साथ उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री उनके किरदारों के रिश्ते में प्रामाणिकता जोड़ती है। जिससे दर्शक उनके किरदारों के साथ भावनात्मक रूप से भी जुड़ सके हैं। अंशू की भूमिका में सोनाक्षी वर्मा की परफॉर्मेंस ने कहानी में परतें जोड़ी हैं। वहीं कलासा की मां के किरदार में भानु श्री का किरदार फिल्म में भावनात्मक गहराई जोड़ता है।
भानू श्री ने कलासा की मां के रूप में एक शानदार काम किया है, जो उनके कैरेक्टर की बारीकियों को बखूबी दर्शाती नजर आती हैं। किरदारों के बीच की केमिस्ट्री परिस्थितियों के हिसाब से बदलती है और पारिवारिक संबंधों के सार को दर्शाती है। रोशिनी कामिसेट्टी ने एक अहम भूमिका निभाई है, जो कहानी में गहराई की एक परत जोड़ती है, जिससे फिल्म का भावनात्मक हिस्सा और मजबूत हो जाता है।

Kalasa: The Symbol of Abundance movie review: कंक्लूजन

आखिर में कलासा: द सिंबल ऑफ एबंडेंस एक सिनेमैटिक जेम है, जो अपनी भावनात्मक गहराई, शानदार प्रदर्शन और पारंपरिक कहानी कहने की सीमाओं से परे एक कहानी के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। ये फिल्म दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ने में कामयाब होगी।
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आर्टिकल की समाप्ति

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