Mr. & Mrs. Mahi Movie Review: 'पापा कहते हैं बड़ा नाम...' से लेकर 'अपने तरीके से पापा का नाम करूंगा...' तक का सफर दिखाते हैं राजकुमार-जाह्नवी

Mr. & Mrs. Mahi Movie Review in Hindi: डायरेक्टर शरण शर्मा की नई फिल्म मिस्टर एंड मिसेज माही (Mr. & Mrs. Mahi) दर्शकों को एक ऐसी इमोशनल राउड पर लेकर जाती है, जो उन्हें बताती है कि सपनों के पीछे भागना क्यों जरूरी है? राजकुमार राव (Rajkumaar Rao) और जाह्नवी कपूर (Janhvi Kapoor) ने शानदार एक्टिंग से इस इमोशनल स्टोरी में चार चांद लगा दिए हैं। आइए आपको बताते हैं कि मिस्टर एंड मिसेज माही में क्या है खास और क्या है एवरेज?...

क्रिटिक्स रेटिंग

3

Family

Realease Date

May 31, 2024
Mr  Mrs Mahi Review 2

Mr & Mrs Mahi Review (2)

कास्ट एंड क्रू

Janhvi Kapoor

Rajkummar Rao

Mr. & Mrs. Mahi Movie Review in Hindi: 90 के दशक में ऐसी कई फिल्में रिलीज हुईं, जिनमें हीरो अपने प्यार के लिए घरवालों से बगावत करता दिखाई दिया। बदलते वक्त के साथ हीरो के लड़ने की वजह बदली और आजकल के युवाओं की ही तरह फिल्मी हीरो भी घरवालों से अपने सपनों के लिए लड़ता दिखाई देने लगा। राजकुमार राव (Rajkumaar Rao) और जाह्नवी कपूर (Janhvi Kapoor) स्टारर फिल्म मिस्टर एंड मिसेज माही (Mr. & Mrs. Mahi) एक यंग कपल के सपनों की कहानी है, जिन्हें साकार करने के लिए उन्हें अपने घरवालों से जंग लड़नी पड़ती है। राजकुमार राव और जाह्नवी कपूर द्वारा झेड़ी गई ये जंग देखने लायक है या नहीं? आइए आपको बताते हैं...

Mr. & Mrs. Mahi Movie की कहानी

फिल्म की कहानी शुरू होती है जयपुर के रहने वाले महेन्द्र (राजकुमार राव) के साथ, जो एक क्रिकेट खिलाड़ी है और अपने पिता से बड़ा क्रिकेटर बनने के लिए एक साल की मोहलत चाहता है लेकिन एक ट्रायल मैच में फेल हो जाने की वजह से उसके हाथों से ये मौका निकल जाता है और उसे अपने पिता की दुकान पर बैठना पड़ता है, जहां वो स्पोर्ट्स का सामान बेचता है। वक्त निकलने के साथ महेन्द्र के रिश्ते की बात होती है और वो मिलता है महिमा (जाह्नवी कपूर) से... जो उसके सपने पूरे करने में उसका साथ देने वाली है।
शादी की पहली ही रात को महेन्द्र को पता चलता है कि महिमा को भी क्रिकेट का शौक है और यहीं से शुरू होती है एक दमदार पार्टनरशिप...। महेन्द्र खुद तो क्रिकेटर नहीं बन पाया लेकिन जिंदगी के झटके झेलने के बाद वो फैसला लेता है कि वो अपनी लाइफ पार्टनर महिमा को क्रिकेटर बनाएगा, जो पेशे से डॉक्टर है। महिमा भी महेन्द्र पर भरोसा कर क्रिकेटर बनने का सपना देखने लगती है और फिर शुरू होती है घरवालों से बगावत और सपनों को पूरा करने की दौड़, जिसमें महेन्द्र-महिमा कई दफा गिरते हैं और खड़े होते हैं लेकिन एक-दूसरे का साथ नहीं झोड़ते हैं।

फिल्म Mr. & Mrs. Mahi की खास बातें

डायरेक्टर शरण शर्मा मिस्टर एंड मिसेज माही से पहले गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल जैसी शानदार फिल्म बना चुके हैं, जिसमें पिता-बेटी के रिश्ते को खूबसूरती से पेश किया गया था। फिल्म मिस्टर एंड मिसेज माही में भी उन्होंने इतनी ही खूबसूरती से पिता-बेटे के रिश्ते को पेश किया है। जहां गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल में शरण शर्मा ने दिखाया था कि पिता के सपोर्ट से एक बेटी देश का नाम रोशन कर सकती है तो मिस्टर एंड मिसेज माही में उन्होंने दिखाया है कि एक पिता का अपने बच्चों पर भरोसा जताना कितना जरूरी है। अगर वो बच्चों पर भरोसा न करें तो हुनर को अभिशाप बनने में ज्यादा देर नहीं लगती है।
फिल्म में जाह्नवी कपूर ने एक मिडिल क्लास लड़की का किरदार प्ले किया है, जो बचपन से बस पिता के सपने पूरे करने में लगी हुई है। वो इसी को सफलता का पर्याय मानती है। जाह्नवी ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है। महिमा के किरदार में वो पूरी तरह से घुसी दिखाई दीं। राजकुमार राव ने महेन्द्र के रूप में एक नाकाम बेटे को जिस तरह से जिया है, उसकी तारीफ करनी होगी। हर दिन बेइज्जती का घूंट पीकर जीने वाले बेटे के दर्द को राजकुमार राव ने अपनी शानदार एक्टिंग से पर्दे पर खूबसूरती से उकेरा है।
फिल्म का स्क्रीनप्ले शानदार है, जिसमें इमोशन्स का परफेक्ट तड़का लगाया गया है। शरण शर्मा ने इस बात का ख्याल रखा है कि दर्शकों को ठीक मात्रा में इमोशन्स परोसे जाएं ताकि वो सीट से हिलने की हिमाकत न करें। शरण शर्मा इसमें कामयाब भी रहते हैं और मिस्टर एंड मिसेज माही दर्शकों को लगातार बांधे रखती है।

फिल्म Mr. & Mrs. Mahi की खामिया

जाह्नवी कपूर और राजकुमार राव की फिल्म मिस्टर एंड मिसेज माही एक अच्छी इमोशनल फैमिली ड्रामा है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी खामी यह है कि ये मूवी कुछ नया नहीं परोसती है। फिल्म के दौरान आप सीट से नहीं हिलते हैं लेकिन इसके खत्म होने का बाद अहसास होता है कि इन दिनों इस तरह की इंस्पायरिंग मूवीज कई आ रही हैं। कुछ सीन्स आपको दूसरी फिल्मों की याद दिला सकते हैं तो कई दफा राजकुमार राव और जाह्नवी कपूर ऐसे एक्सप्रेशन देते हैं, जिन्हें देखने के बाद आपको लगता है कि कहीं आप इनकी कोई पुरानी फिल्म तो नहीं देख रहे हैं।

आखिरी फैसला

अगर आप लम्बे समय से एक ऐसी फैमिली ड्रामा का इंतजार कर रहे हैं, तो मिस्टर एंड मिसेज माही आपके लिए है। डायरेक्टर शरण शर्मा का डायरेक्शन अच्छा है, जो कई दफा हंसाता है और कई दफा रुलाता है। मिस्टर एंड मिसेज माही आपको खुद पर भरोसा करना सिखाती है ताकि आपको जुबान मिल पाए। फिल्म मिस्टर एंड मिसेज माही में जाह्नवी कपूर का डायलॉग है "अगर बॉल स्लॉट में आएगी तो स्टैंड में जाएगी"। फिल्म मिस्टर एंड मिसेज माही देखने के बाद आपको समझ आएगा कि सपनों के पीछे भागना इसलिए जरूरी है ताकि जब जिंदगी आपको स्लॉट में बॉल डाले तो आप उसे बाउंड्री लाइन के पार स्टैंड में पहुंचा पाएं। टाइम्स नाउ नवभारत की तरफ से मिस्टर एंड मिसेज माही को 3.5 स्टार्स।
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आर्टिकल की समाप्ति

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