​Sajini Shinde Ka Viral Video Review

Nimrat Kaur,Radhika Madan,Bhagyashree,Subodh Bhave

क्रिटिक्स रेटिंग

4

Jul 2, 2021

निमरत कौर और भाग्यश्री स्टारर फिल्म सजिनी शिंदे का वायरल वीडियो सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म को मैडॉक फिल्म्स और दिनेश विजन ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म में सुबोध भावे, भाग्यश्री और सोहम मजूमदार जैसे एक्टर्स नजर आ रहे हैं। पढिए फिल्म का पूरा रिव्यू...

कास्ट एंड क्रू

Nimrat Kaur

Radhika Madan

Bhagyashree

Subodh Bhave

Sajini Shinde Ka Viral Video Review: निमरत कौर ने पढ़ाया सच्चे फेमिनिज्म का पाठ, अच्छी कहानी और डायलॉग से सजी यह फिल्म है मस्च वॉच

कहानी- सवाल पूछना चाहिए...आज मेरे भी कुछ सवाल हैं, यह खुद से भी हैं और आप इसे पढ़ने वालों से भी हैं। क्या कोई व्यक्ति अगर अपने प्रोफेशलन लाइफ में टीचर है या फिर कुछ और कर रह है, तो उसे उसकी लाइफ इंजॉय करने का कोई हक नहीं है? क्या उसे हर एक चीज उसे दायरे में रहकर की जानी चाहिए? यह कौनसा दायरा है? किसने बनाया है? क्या मां-बाप को बच्चों को सपोर्ट भी नहीं करनी चाहिए? मानिए अगर गलती हो गई तो, क्या मां बाप को उसे बच्चों की जुबानी नहीं सुनना चाहिए? परिवार को समाज और अपनी इज्जत प्यारी होनी चाहिए या बच्चे? इन सवालों पर सोचिएगा....। पुणे के पास अहमदनगर है, यह बहुत खूबसूरत है। यहां थिएटर के एक बड़े एक्टर के घर पर एक बेटी सजनी पैदा होती है। वह पढ़ाई लिखाई और संस्कार में अच्छी रहती है। पढ़ती और आगे चलकर पुणे के एक बड़े स्कूल में फिजिक्स पढ़ाती है। हर कोई उसकी तारीफ करता है। बच्चों से लेकर वह टीचर्स की भी फेवरेट रहती है। शादी के लिए वह एसके नाम के लड़के से मिलती है। क्योंकि उसे अरेंज मैरिज करनी हैं। वह आईटी में हैं और बेंगलुरू में नौकरी करता है।
सजनी सुंदर है, लेकिन उसे अपनी बीवी थोड़ा मॉर्डन चाहिए। वैसे सजनी का भी मन थोड़ा मॉर्डन बनने का तो है ही। स्कूल में पढ़ाते हुए सजनी को सिंगापुर जाने का मौका मिलता है। यहां वह एक दिन पार्टी करती है, जिसकी मेमोरी के लिए उसकी दोस्त मोमेंट कैप्चर कर लेती है। वहां उसे दारू पीने को कहते हैं, वह अपने मंगेतर एसके को कॉल करती है। वह कहता है इंजॉय करो... इसी बीच स्कूल से एक कॉल आता है कि जल्दी से फोटोज और वीडियो अपलोड कर दो। सजनी की दोस्त से यहां गलती से सजनी का स्ट्रिपर बॉयज के साथ डांस का वीडियो अपलोड हो जाता है। अब कहानी इसके आगे आती है। सजनी को स्कूल से और समाज हर जगह से दो मिनट के अंदर निकाल दिया जाता है। इन सबसे सजनी बहुत परेशान है। वह अपने माता पिता से बात नहीं कर पाती। उसका मंगेतर उसे नहीं समझता, अब वह क्या करे? मर जाए या सबसे लड़े? इन सबके बीच अचानक सजनी गायब हो जती है....। कहानी यहीं नही रुकती और आगे जाती है, जिसे फिल्म देखने पर ही मजा आएगा।
एक्टिंग- राधिका मदान सजनी के रोल में हैं, इस रोल में उन्होंने अपनी सबसे अच्छी एक्टिंग की है। राधिका की एक्टिंग सजनी को न्याय दिलवाती है। पुलिस अफसर के रोल में निमरत कौर ने अपने अभिनय की नई इबारत लिखी है। उन्होंने पूरी फिल्म में अपनी अच्छी एक्टिंग से जान डाल दी है। निमरत का यह काम देख आपकी तारीफ के शब्द के कम पड़ जाएंगे। फिल्म में सुबोध भावे ने सजनी के पिता का रोल निभाया है। उन्होंने जिस तरह से अपने इस किरदार को पकड़ा है, वह देखने लायक है। उन्होंने एक मराठी एक्टर की भूमिका और पिता दोनों की भूमिका से हिला दिया है। सोहम मजूमदार ने भी अपने किरदार के साथ न्याय करते दिखे हैं। चिन्मय मंडलेकर ने इंस्पेक्टर की भूमिका को बेहद महीन तरीके से निभाया है। सुमीत व्यास का स्क्रीन टाइम बेहद कम है, बावजूद इसके उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है। इसके अलावा फिल्म में श्रुति व्यास, स्नेहा रायकर, आशुतोष गायकवाड और रश्मि अगड़ेकर का काम भी देखने योग्य है।
राइटिंग और डायरेक्शन- फिल्म को मिखिल मुसाल ने परिंदा जोशी और अनु सिंह चौधरी के साथ मिलकर लिखा है। तीनों ने अपने हिस्से का काम बखूबी निभाया है। फिल्म इतनी कसी हुई लिखी है कि सस्पेंस आखिर तक बना हुआ है। फिल्म का सबसे इंपैक्टफुल सीन है कि जब सजनी का पिता स्टेज पर एंट्री होती है और दूसरी तरफ उसकी मां शोज छोड़कर बाहर जाती है। डायरेक्शन के लिहाज से फिल्म को मिखिल ने पूरी तरीके से अच्छा बनाया है। मिखिल की यह दूसरी फिल्म है, इसके बाद भी ऐसा लगता है कि उनकी महारत है। इसके साथ ही इस फिल्म के प्रोड्यूसर दिनेश विजन की भी तारीफ होनी चाहिए, क्योंकि इस सब्जेक्ट को लाना और हर एलिमेंट को दिखाने की हिम्मत करना बड़ी बात है।
म्यूजिक और बैकग्राउंड- फिल्म का म्यूजिक सचिन-जिगर का है। उनका काम भी बेहद अच्छा है। फिल्म में हितेश सोनिक का बैक ग्राउंड म्यूजिक इसे और शानदार बनाती है।
एडिटिंग और सिनेमैटोग्राफी- फिल्म को त्रिभुवन बाबू सादिनेनी ने अपने कैमरे की नजर से शूट की है। यहां उन्होंने फिल्म के शॉट और उनकी लाइट्स बेहद महीन तरीके से की है। फिल्म जिस हिसाब से रोलरकोस्टर रूप में आगे बढ़ती है, उसमें लाइटिंग ने जबरदस्त भूमिका निभाई है। सुमीत कोटियन की कैंची भी फिल्म में बेहद सटीक तरीके से चली है। फिल्म में उन्होंने किसी भी तरीके का कोई लूप होल्स ननहीं छोड़ा है।
कनक्लूजन- इस फिल्म को जरूर देखना चाहिए। फिल्म का सब्जेक्ट और एक्टर्स की एक्टिंग के लिए भी देखना चाहिए। फिल्म खत्म होने के बाद कुछ सवाल देती है, जिसे आम जिंदगी में पूंछना चाहिए खुद से। क्योंकि सोशल मीडिया के इस दौर में, हर इंसान के अपने अलग प्रकार के दर्द हैं। सब अपने दर्द से पीछा छुड़ाना चाहते हैं।
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क्रिटिक्स रेटिंग

3.5

Jul 2, 2021

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