Main Atal Hoon Review: मास नहीं क्लास को अपील करती है पंकज त्रिपाठी के अच्छे अभिनय वाली मैं अटल हूं

Main Atal Hoon Review in Hindi: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर बनी फिल्म मैं अटल हूं रिलीज हो गई है। इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने अटल बिहारी की भूमिका निभाई है। आप टाइम्स नाउ नवभारत का यह रिव्यू पढ़िए और जानिए कैसी है फिल्म।

क्रिटिक्स रेटिंग

2.5
atal review

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कास्ट एंड क्रू

pankaj tripathi

ekta kaul

Main Atal Hoon Review in Hindi: कहते हैं कि जीवन में प्यार करना चाहिए। कुछ कहते हैं कि प्यार किया तो दिल भी तुड़वाना चाहिए, बहुत कुछ इससे सीखने को मिलता है। कई लोगों के लिए प्रेम में आदर्श लैला मजनू, हीर राझां और अमृता-इमरोज हो सकते हैं। एक और व्यक्ति था जिसने अपने कॉलेज के दिनों में प्रेम किया था, बेइंतहां प्रेम। उसके बारे में कुछ ही लोग जानते हैं, जो उनको पढ़ चुके हैं या उनसे परिचित हैं तो जानते होंगे। नई पीढ़ी या कहूं तो 90 के दशक के बाद की पीढ़ी को नहीं पता होगा। हालांकि लोग उनको कई और रूप में जानते हैं। उनका नाम अटल बिहारी वाजपेयी है। अगर आप अटल और राजकुमारी की प्रेम कहानी जानेंगे तो वह भी आपके आदर्श बन जाएंगे।
अटला से अटल बनने की कहानी
भारत के ग्वालियर में 25 दिसंबर कृष्ण बिहारी वाजपेयी के यहां एक बालक पैदा होता है। घर वाले बड़े ही प्यार से उसका नाम अटल बिहारी वाजपेयी रखते हैं। अटल के पिता कृष्ण एक स्कूल शिक्षक थे, वह अपने बेटे को भी बेहतरीन शिक्षा देते। अटल को उसके घरवाले अटला कहकर भी बुलाते हैं। बेटा जब पहली बार मंच पर कविता पाठ करने गया और बोल नहीं पाया तो पिता ने एक अच्छी सीख दी। वह सिखाते हैं कि तुम जब मंच से बोलो तो लोगों की आंखों में आंखें डालकर बात करो। कॉलेज में ही अटल दहेज प्रथा, जात-पात और समानता पर बात करते हैं। यहां उनकी बातें देख राजकुमारी नाम की लड़की इंप्रेस भी होती है। अटल लॉ पढ़ने जाते हैं तो उनके साथ पिता भी पहुंच जाते हैं। वह कहते हैं कि पिता और पुत्र के बीच दोस्ती होनी चाहिए। अटल का बचपन से रुझान संघ की तरफ रहता है। पिता के साथ पढ़ाई के दौरान ही वह उनसे अनुमति लेकर हमेशा के लिए देश सेवा करने निकल जाते हैं। एक पत्रिका के संपादक बनते हैं, जनसंघ का गठन करते हैं। इमरजेंसी के वक्त जेल जाते हैं और बलरामपुर से जीत कर संसद पहुंचते हैं। राजनीति की साजिशों और उनसे पार पाते हुए वह भारत के 10वें प्रधानमंत्री की कुर्सी में बैठते हैं।
पंकज का उत्कृष्ट अभिनय
अटल बिहारी वाजपेयी का किरदार पंकज त्रिपाठी ने निभाया है। उनको ट्रेलर में देख ऐसा लगा था कि पंकज ने अटल के किरदार में भी अपना वही देखा दिखाया अभिनय किया है। पूरी फिल्म देखने के बाद ऐसा नहीं लगता है। उन्होंने अटल बिहारी के किरदार को अपने अभिनय से एक बार फिर जीवंत कर दिया है। एक बार फिर पंकज ने रिस्क उठा कर अपने करियर का बेहतरीन अभिनय दर्शकों के सामने लाकर रख दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी की तरह बोलना और हाथ हिलाना सबकुछ पंकज ने बड़े ही सटीक ढंग से किया है। उनके पिता कृष्ण बिहारी के रोल में पियूष मिश्रा हैं, वह इस किरदार में हल्के अनफिट दिखते हैं। हालांकि उन्होंने भी अपने अभिनय से इस कमजोर कड़ी को ढक दिया है। वहीं, राजकुमारी के रोल में एकता कौल इस फिल्म में चमक उठी हैं। उन्होंने अपने किरदार से फिल्म में एक गहरी छाप छोड़ी है। उन्हें देखने फिल्म में सुखद है। इसके अलावा फिल्म में प्रमोद महाजन, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली का किरदार भी सपोर्टिंग कास्ट ने बढ़िया तरीके से निभाया है।
रवि ने कहानी और निर्देशन को साधा
मैं अटल हूं को रवि जाधव और ऋषि विरमानी ने लिखा है। फिल्म अटल बिहारी वाजपेयी पर केंद्रित है, लेकिन इसमें उनका महिमामंडन नहीं किया गया है। यही बात फिल्म को खूबसूरत बनाती है। फिल्म को बड़े ही संतुलित तरीके से लिखा गया है। अटल जी कविताओं और भाषणों को भी इसमें बखूबी उपयोग किया गया है। फिल्म का निर्देशन रवि जाधव ने किया है। यह उनकी दूसरी हिंदी फिल्म है, पहली बैंजो थी। इसके पहले उन्होंने मराठी में बेहतरीन सिनेमा बनाया है। रवि को फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। मैं अटल हूं में उन्होंने अपने उस उतकृष्ट काम को बचाया हुआ है। यहां उन्होंने एक ऐसे राजनेता की कहानी को पर्दे पर दिखाया है, जिसको पक्ष और विपक्ष दोनों में पसंद किया जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए रवि ने एक अच्छी पॉलिटिकल फिल्म बनाई है।
कमजोर प्रोडक्शन डिजाइन को सिनेमैटोग्राफी ने संभाला
सिनेमैटोग्राफी फिल्म लॉरेंस डीकुन्हा ने संभाली है। उन्होंने अपने काम से फिल्म को एक कदम आगे बढ़ाया है। फिल्म का प्रोडक्शन डिजाइन थोड़ा कमजोर है, जिसे लॉरेंस ने अपने कैमरे और लाइटिंग से संभाला है। उन्होने फिल्म के कालखंड को बड़े ही बारीक तरीके से समझा और अपने कैमरे से पर्दे पर उकेरा है। बंटी नागी की एडिटिंग भी अच्छी है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक मोंटी शर्मा ने किया है। यह फिल्म के कालखंड और दृश्य दोनों से मिलता है। यह भी फिल्म को पूरक बनाता है। वहीं, फिल्म के म्यूजिक को पायल देव, कैलाश खेर, अमितराज और सलीम-सुलेमान ने कंपोज किया है। फिल्म के सभी सादगी से भरे हुए हैं। कुछ गाने सिचुएशन पर फिट भी बैठते हैं।
राजनेता के भीतर छुपा प्रेमी
रिव्यू के शुरुआत में मैंने प्रेम का जिक्र किया, साथ ही इसमें आदर्श माने जाने वाले नायकों के नाम भी लिखे। आपको अपने ही देश के सबसे बेहतरीन प्रेमी अटल बिहारी वाजपेयी की कहानी से रूबरू होने के लिए मैं अटल हूं एक अच्छा मौका है। पंकज त्रिपाठी के अच्छे अभिनय और पॉलिटिकल बायोपिक बनाने की सीख भी मिलती है। एक कवि, लेखक और राजनेता से भी मैं अटल हूं रूबरू कराती है।
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आर्टिकल की समाप्ति

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