The Railway Men Review: एक्टर्स ने छोड़ी द रेलवे मेन सीरीज में अमिट छाप, शिव रवैल का परफेक्ट डेब्यू
नेटफ्लिक्स की सीरीज द रेलवे मैन प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम हो रही है। इस सीरीज में के के मेनन , बाबिल खान , दिव्येंदु शर्मा , दिब्येंदु भट्टाचार्य , सुनीता रजवार , रघुवीर यादव , सनी हिंदुजा, जूही चावला और आर माधवन लीड रोल में हैं। सीरीज बहुत ही दमदार है, इसे देखने के पहले आप यह रिव्यू जरूर पढ़ें।
कास्ट एंड क्रू
पत्रकारिता समाज को सच बताने और दिखाने का काम करती आई है। आज बात तब की हो रही है, जब भोपाल के पत्रकार राजकुमार केसवानी ने अपने अखबार रपट में कुछ खबरें लिखीं थी। इन खबरों की तीन हेडलाइन ‘ज्वालामुखी के मुहाने बैठा भोपाल’,'बचाइए हुजूर इस शहर को बचाइए’ और ‘ना समझोगे तो आखिर मिट जाओगे’ मुख्य थीं। राजकुमार केसवानी ने भोपाल में होने वाले सबसे बड़े हादसे से पहले ही देश,सरकार और वहां की आवाम को बताने की कोशिश की थी। हालांकि उन्हें यहां हार मिली, फिर भी वह डटे रहे। वह अपनी रपट में रिपोर्ट लिखते रहे, लड़ते रहे फिर भी हादसा हो गया। हालांकि राजकुमार केसवानी अब इस दुनिया में नहीं हैं, कोरोना की दूसरी लहर में उनका देहावसन हो गया था। उनकी यह लाइनें और भोपाल गैस त्रासदी पर रिपोर्ट आज भी लोगों को याद हैं।
खुली सच की परतें...
2 दिसंबर 1984 की रात शुरू हुआ यूनियन कार्बाइड की फैक्टी से जहरीली गैस का रिसाव, यहां काम करने वाले वाले मजदूर भी कंपनी को चेता रहे थे। फिर कंपनी ने बात नहीं मानी और काम चलता रहा। यह फैक्ट्री देश के दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की बस्ती के बीचों बीच लगाई गई थी। इसकी अनुमति कैसे और क्यों मिली? भोपाल के करीब 15 हजार रहवासियों को मौत की नींद सुलाने वाली अमेरिकी कंपनी के कर्मचारी और मालिक देश से भाग गए...कैसे? इसका किसका हाथ था? किसकी शह मिली? इन सब मसलों पर पिछले 35 सालों से बातें चलती आ रही हैं। खैर पत्रकार केसवानी का जानने वाला इस कंपनी काम करते वक्त मारा गया था। इसके बाद उन्होंने इसकी पड़ताल करने में लग जाता है। वह तत्कालीन पुलिस और प्रशासन को भी आड़े हाथ लेते हैं। कहानी उनकी नजरिए से चलती है। इसके साथ ही भोपाल जंक्शन का स्टेशन मास्टर की भी कहानी है। अपने बेटे को सरकारी नौकरी करने को कहता है, लेकिन लड़के को प्राइवेट नौकरी करनी है। एक विधवा मां है जिसका बेटा भी यूनियन कार्बाइड में काम करता है। अब वह रेलवे में लग जाता और पत्रकार की मदद करता है। यहां एक और किरदार है जो लूट करता है, वह 2 दिसंबर की रात को भोपाल स्टेशन में लूट करने आया था। इसी बीच भोपाल में गैस का रिसाव हो जाता है, लोग मर रहे हैं। चारों तरफ अफरा तफरी मची है, स्टेशन का कम्यूनिकेशन सिस्टम बंद है। मदद नहीं मिल सकती है। सीरीज द रेलवे मैन की कहानी इन चार लोगों की हैं, जो किस प्रकार हजारों जानों को बचाते हैं।
अभिनय से एक्टर्स ने लिखी नई इबारत
सीरीज में पत्रकार राजकुमार केसवानी का किरदार सनी हिंदुजा ने निभाया है। सनी हिंदुजा दिन प्रति दिन अपने अपने अभिनय से हैरान कर रहे हैं। उन्होंने 80 के दशक के एक आदमी के किरदार को बखूबी निभाया है। सीरीज की शुरुआत उनके किरदार से होती, यहीं से वह तय कर देते हैं कि सीरीज पूरी देखकर उठना है। के के मेनन ने इसमें स्टेशन मास्टर के किरदार निभाया था। इस सीरीज के पहले उन्होंने भोपाल पर ही बेस्ड लव ऑल में काम किया था। के के ने यहां अपने अभिनय से यह साबित किया है कि इस सीरीज में उनके सिवा किसी और क्यों नहीं लिया गया। उन्होंने अपने कैरेक्टर के साथ न्याय किया है। बाबिल ने अपने काम से यह बता दिया है कि वह लंबी रेस के घोड़े हैं। जिस प्रकार से उन्होंने अपने कैरेक्टर को पकड़ा है वह देखने लायक है। बाबिल ने भोपाली लहजे को भी बखूबी शामिल किया है। दिव्येंदु शर्मा इन्होंने लुटेरे का किरदार निभाया है, इतनी सीरीयस कहानी और डायलॉग्स में भी उन्होंने अपने अंदाज में गुदगुदा दिया है। आर माधवन ने रति पांडेय रेलवे के जनरल मैनेजर का किरदार निभाया है। माधवन यह सबित करते हैं कि उन्हें इस दौर में इतनी लोकप्रियता क्यों मिल रही है। जूही चावला कैमियों में है, लेकिन असरकारक हैं। रेलवे गार्ड की भूमिका में नजर आए रघुवीर यादव ने अपनी छाप छोड़ी है। इसके अवावा सुनीता राजवर, मनीष वाधवा, आदित्य शुक्ला, भूमिका दुबे और दिब्येंदु भट्टाचार्य ने भी अपनी प्रजेंस को मजबूती से दिखाया है।
सधी स्क्रिप्ट को मिला मजूबत डायरेक्शन का साथ
इस सीरीज की कहानी को आयुष गुप्ता ने लिखा है। भोपाल गैस कांड की काहानी सभी को पता है, लेकिन यह इस सीरीज में दूसरा पहलू लेकर आए हैं। मालूम होने के बाद भी इतनी सधी हुई कहानी लिखी है कि थ्रिल बना हुआ है। शिव रवैल पिछले दस साल से यशराज फिल्म्स से जुड़े हुए हैं। यह उनका निर्देशक के रूप में पहला काम है। उन्होंने अपना डेब्यू ही इतना जोरदार किया है कि आगे उनसे और बेहतर की उम्मीद की जाएगी। शिव राहुल रवैल के बेटे हैं। इस सीरीज में शिव ने डायरेक्शन के साथ हर डिपार्टमेंट में मेहनत की है जो पर्दे पर दिखती है। सीरीज की कास्टिंग देख शानू शर्मा की तारीफ बनती है। उन्होंने एक-एक सीन के लिए परफेक्ट नगीने चुने हैं। सीरीज तकनीकी रूप से भी बेहद जानदार है। इस सीरीज के प्रोडक्शन डिजाइनिंग, एडिटिंग, सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग में भी शिव रवैल ने अपनी नजर पैनी रखी है।
बिंज वॉच को मजबूर करती सीरीज
यह सीरीज एक प्रकार से मानवता की रक्षा करने वाले नायकों को सच्ची श्रद्धांजलि है। चाहे प्लांट में काम कर रहे कमरुद्दीन हो या पत्रकार के साथ मिलकर यूनियन कार्बाइड का सच उजागर करने की चाहत रखने वाला इमाद रियाज। सीरीज में हर एक चीज इतनी बारीक तरीके से है कि आप इसे पूरा देखे बिना नहीं उठ पाएंगे। सीरीज चार एपिसोड के साथ नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है।
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आर्टिकल की समाप्ति
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