Razakar Review:

क्रिटिक्स रेटिंग

3.5

Jul 2, 2021

Razakar Review: राज अर्जुन ने रजाकार बन दिखाई साइलेंट जेनोसाइड की सच्चाई, इतिहास के पन्ने पलटती है फिल्म

हममें से कितने लोगों को पता है कि हैदराबाद की रियासत का विलय भारत में देश को आज़ादी मिलने के एक साल बाद हुआ था? कितने लोग जानते हैं कि हैदराबाद रियासत का भारत में विलय कराने‌ के लिए ख़ूनी संघर्ष हुआ था और सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा लिये गये सक्त फ़ैसलों के बाद लड़ी गई जंग के जीतने के बाद हैदराबाद का विलय भारत में हुआ था? कितने लोग इस बात से वाकिफ़ हैं कि हैदराबाद के भारत में विलय से पहले मुस्लिम शासकों द्वारा वहां की हिंदू आबादी पर बेतहाशा जुल्फ़ ढहाए जा रहे थे? इतिहास के ऐसे ही दिलचस्प पहलुओं पर बनी है फ़िल्म 'रज़ाकार' जिसे देखना इतिहास के एक अहम अध्याय का साक्षात ग़वाह बनने जैसा है.
कौन थे रजाकार?
रजाकार का अर्थ होता है किसी निज़ाम की ऐसी निजी सुरक्षा सेना का सिपाही जो निज़ाम के आदेश‌ पर‌ आंख मूंदकर अमल करता हो. फ़िल्म में दिखाया गया है कि मीर उस्मान अली ख़ान (मकरंद देशपांडे) अपने‌ निज़ाम को हैदराबाद को भारत में विलय करने के ख़िलाफ़ होते हैं और किसी क़ीमत पर निज़ाम पर‌ अपनी हुक़ूमत बरकरार रखना चाहते हैं. एक साज़िशकर्ता के तौर पर कासिम‌ रज़वी (राज अर्जुन) अपनी बातों से उन्हें ऐसी घुट्टी पिला देता है कि किसी भी कीमत पर‌ हैदाराबाद की रियासत का भारत में विलय ना हो सके.‌ ऐसे में भारत में विलय करने की चाहत रखने वाली वाली हिंदू आबादी पर एक प्रमुख रज़ाकार के तौर पर‌ बेतहाशा ज़ुल्म ढहाने का निर्देश देता है कासिम रज़वी।
राज अर्जुन का दमदार काम
एक खूंख़ार रज़ाकार प्रमुख कासिम रज़वी के तौर पर‌ राज अर्जुन ने अपने किरदार के रूप में जो दरिंदगी पर्दे पर दिखाई है, उसकी जितनी भी तारीफ़ की जाए, कम ही होगी. राज अर्जुन ने अपने नकारात्मक किरदार को पूरी शिद्दत के साथ जिया है और उन्होंने‌ धांसू अभिनय से एक बार फिर से साबित किया है कि उनमें अलग-अलग तरह के किरदारों को बख़ूबी निभाने की क़ाबिलियत मौजूद है। फिल्म के बाक़ी कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों को बढ़िया ढंग से निभाया है. बॉबी सिम्हा, मकरंद देशपांडे, वेदिका, अनूसुया भारद्वाज, तेज़ सप्रू, इंद्रजा, सुब्बाराया शर्मा, अनुश्रिया त्रिपाठी सभी ने अपने-अपने किरदारों को सशक्त अंदाज़ में निभाते हुए फ़िल्म को और भी दर्शनीय बना दिया है।
क्या है साइलेंट जेनोसाइड
निर्देशक यता सत्यनारायण ने 'रज़ाकार' के ज़रिए इतिहास के इतने अहम अध्याय को रोचक ढंग से पेश कर‌ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. यह उनके निर्देशन का ही क़माल है कि फ़िल्म अंत तक दर्शकों की रूचि बनाए रखने में कामयाब साबित होती है और एक पल के लिए भी बोरियत का एहसास नहीं होता है. छायाकार कुशेंदर रमेश रेड्डी का कैमरावर्क फ़िल्म के हरेक फ़्रेम को वास्तविकता के साथ कैप्चर करता है और उसे कुछ इस तरह से पेश करता है कि‌ दर्शकों को लगेगा कि वे साक्षात् अपनी आंखों से पूरा घटनाक्रम होते हुए देख रहे हैं। रजाकार भारतीय सिनेमा इतिहास की एक ऐसी महत्वपूर्ण फ़िल्म है जिसे भारत की आज़ादी और एक राष्ट्र के रूप में दृढ़ता दिखाने से जुड़े इतिहास के नज़रिए देखा जाना चाहिए। रज़ाकार जैसी फ़िल्में कभी-कभार ही बनती हैं। मेकर्स ने इसे बनाने में काफी हिम्मत दिखाई है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें ( Hindi News ) अब हिंदी में पढ़ें | मूवी रिव्यू ( entertainment News ) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों ( Latest Hindi News ) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

मोर मूवी रिव्यु

Jul 2, 2021

Unni Mukundan,Yukti Theraja,Kabir Duhan,Anson Paul

क्रिटिक्स रेटिंग

3.5

Thriller,Action

Dec 20, 2024

2 hr 24 mins