Taaza Khabar Season 2 Review: पुरानी कहानी को नए ढंग से पेश करती है भुवन बम की ये सीरीज, एंडिंग देख निराश हुई ऑडियंस

Taaza Khabar Season 2 Review: हिमांक गौर के निर्देशन में बनी भुवन बम की हालिया रिलीज हुई सीरीज 'ताजा खबर सीजन 2' को अगर आप देखने का मन बना रहे हैं तो जान लीजिए कैसी है ये सीरीज?

क्रिटिक्स रेटिंग

2.5
Taaza Khabar Season 2 Review

Taaza Khabar Season 2 Review

कास्ट एंड क्रू

Bhuvan Bam

Jaaved Jaaferi

Shriya Pilgaonkar

Deven Bhojani

Taaza Khabar Season 2 Review: लगभग डेढ़ साल पहले डिज्नी+हॉटस्टार पर भुवन बाम की वेब सीरीज 'ताजा खबर' रिलीज हुई थी। पहले सीजन को ऑडियंस को ओर से प्यार मिलने के बाद मेकर्स ने इसका दूसरा सीजन बनाया, जिसे 27 सितंबर के दिन रिलीज किया गया। पहले सीजन के अंत में दिखाया गया था कि वसंत को ताजा खबर मिलती है कि उसकी मौत हो जाएगी। दूसरे सीजन को मेकर्स ने ठीक वहीं से शुरू किया है। इस सीरीज की कहानी के बारे में बात करने से पहले आपको बता दें कि 'ताजा खबर सीजन 2' में वसंत की वापसी हो जाती है।
जानिए कैसी 'ताजा खबर सीजन 2' की कहानी
पहले सीजन में वसंत की मौत नकली होती है, इस बात का पता आपको दूसरे सीजन के पहले एपिसोड में ही पता चल जाता है। सीजन एक में दिखाया गया था कि वसंत की वजह से युसूफ अख्तर को बेटिंग में बहुत बड़ा नुकसान होता है, जिसका बदला लेने के लिए वो वसंत को ढूढ़ता है। जब युसूफ को खोज निकालता है तो उससे अपने नुकसान की भरपाई करने के लिए बोलता है। इस सीरीज की कहानी को मेकर्स ने नए ढंग से पेश करने की कोशिश की है। अब वसंत युसूफ के आगे घुटने टेकता है या उसके नुकसान की भरपाई करने में सफल रहता है। यह जानने के लिए आपको यह सीरीज देखनी पड़ेगी।
राइटिंग और डायरेक्शन में नहीं है दम
पहले सीजन के मुकाबले 'ताजा खबर' के दूसरे सीजन की राइटिंग और डायरेक्शन को देखने के बाद थोड़ी निराशा होती है। इस सीरीज की कहानी और काम किया जा सकता था। छह एपिसोड वाली इस सीरीज को थोड़ा लंबा खींचा गया है। लेखक हुसैन दलाल और अब्बास दलाल इस मेलोड्रामा को एक सीजन छोटा कर सकते थे। कई जगह ऐसा लगता है कि युसूफ का किरदार बेहद दमदार है लेकिन कई जगह पर महसूस होता है कि मेकर्स भूल जाते हैं कि युसूफ से क्या करना था। निर्देशक हिमांक गौड़ पहले सीजन में भाग्य और भविष्य का तालमेल बैठाने में सफल रहे थे लेकिन दूसरे सीजन में यही कमी महसूस होती है।
एक्टर्स की एक्टिंग हो सकती थी और बेहतर
पहले सीजन में भुवन का किरदार काफी बोल्ड और अलग दिखाया गया थे लेकिन दूसरे सीजन में उनके करैक्टर को मेकर्स ने काफी दब्बू टाइप का दिखाया है। लास्ट के एपिसोड्स बोर करने लगते हैं। श्रिया पिलगांवकर की एक्टिंग भी ओके-ओके टाइप ही लगी है। कुल मिलकर यह कहना गलत नहीं होगा कि मेकर्स इन एक्टर्स को सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं।
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आर्टिकल की समाप्ति

मोर मूवी रिव्यु

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क्रिटिक्स रेटिंग

3.5

Jul 2, 2021

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क्रिटिक्स रेटिंग

3.5

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