Teri Baaton Mein Aisa Uljha Jiya movie review in hindi.
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क्रिटिक्स रेटिंग
4
Jul 2, 2021
Teri Baaton Mein Aisa Uljha Jiya Movie Review: शाहिद कपूर और कृति सेनन की फिल्म तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म का बिना स्पॉइलर वाला रिव्यू आप यहां पढ़ सकते हैं।
कास्ट एंड क्रू
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Teri Baaton Mein Aisa Uljha Jiya Movie Review: शाहिद ने एक्टिंग और डांसिंग ने उलझाया जिया, दिनेश का विजन दूरदर्शी
हम 21वीं शताब्दी में जी रहे हैं और यहां हमें दिन प्रति दिन नई चीजें देखने को मिल रही हैं। कभी AI तो कभी ChatGtp। रोबोट के बारे में हम कई साल से सुनते आ रहे हैं। इन तीनों में एक चीज ऐसी है जो हमने सुनी है कि इनके आने से मनुष्यों को रोजगार ना के बराबर मिलेगा। हर कोई इनके ही ऊपर निर्भर हो जाएंगे। पर क्या ऐसा होगा? क्या इसमें परफेक्शन भी देखने को मिलेगी? अगर यह संभव हुआ तो मनुष्य क्या करेगा? इसे देखने में हमें कई और साल लग सकते हैं। तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया फिल्म का ताना बाना भी इसी पर बुना हुआ है। हालांकि फिल्म में एक महत्वपूर्ण विषय पर बात की गई या यूं कहें तो मुद्दा उठाया गया है। यह कि मिलेनियल्स शादी करने से कितना भाग रहे हैं।
रोबोटिक्स इंजीनियर का रोबोट पर आया दिल
कहानी है दिल्ली शहर के अग्निहोत्री परिवार की, यहां दादा, बुआ, फूफा, मां, पापा और मामा के साथ आर्यन रहता है। आर्यन पेशे से इंजीनियर है और कोडिंग करता है। उसके घर वाले शादी करवाने के पीछे पड़े हैं। उसे सपना आता है कि एक दिन उसके माता पिता ने एक रोबोट से शादी करवा दी है। हालांकि आर्यन की जब भी शादी की बात चलती है वह भाग जाता है। आर्यन मुंबई में रहता है और एक कंपनी में काम करता है। यह कंपनी उसकी मौसी की है, जो अमेरिका से इसे चलाती हैं। यहां रोबोट्स पर काम होता है। आर्यन अपने जीवन में खुश है और शादी नहीं करना चाहता है। एक दिन कंपनी मीटिंग के बाद आर्यन को मौसी अमेरिका आने के लिए कहती हैं। यहां एक प्रोजेक्ट है उसपर काम करना आ जाओ। आर्यन खुश होकर पहुंच जाता है। मौसी के घर पर उनकी असिस्टेंट सिफरा से मिलता है। पहली मुलाकात में दोनों में प्यार हो जाता है। आर्यन सिफरा के गहरे इश्क में चला जाता है। अचानक मौसी बताती है कि सिफरा असल में इंसान नहीं रोबोट है और तुम्हारे साथ इसका एक टेस्ट लिया है। इस बात को आर्यन पचा नहीं पाता और वह मौसी से खफा हो जाता है। वह मुंबई आता है यहां उसे सिफरा की याद सताती है। वह किसी तरह से अपनी मौसी को मनाता है कि सिफरा को इंडिया भेजे ताकी टेस्ट का एडवांस लेवल चेक किया जाए। इसके बाद आर्यन सिफरा से शादी की प्लानिंग करता है, उसके घर वालों को भी सिफरा पर प्यार आता है। शादी की तैयारी शुरू हो जाती है, इसी बीच मौसी शादी के लिए मना करती है। पर जिसके सिर पर आशिकी सवार हो वह कहां किसी की सुनता है। यहां भी यही होता है और फिर शुरू होता है सिफरा का खेल।
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शाहिद ने डांस से बनाया दीवाना
तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया में आर्यन का किरदार शाहिद कपूर ने निभाया है। इस फिल्म में शाहिद को देख ऐसा लगता है कि वह कबीर सिंह वाले जोन से बाहर आ गए हैं। उन्होंने अपने अभिनय में थोड़ा नयापन लाया है, जिसे देखना सुखद लगता है। शाहिद अपनी एक्टिंग के साथ डासिंग में भी माहिर हैं। वह भी इस फिल्म में देखने को मिला है। एक्टिंग के साथ साथ शाहिद ने डांस से अपना जलवा पूरा दिखाया है। सिफरा यानी रोबोट के किरदार में कृति का काम भी अच्छा है। उनकी खूबसूरती और हाइट को फिल्म में बखूबी इस्तेमाल भी किया है। रोबोट वाले पार्ट में भी उन्होंने अपनी एक्टिंग दिखाई है। उनके द्वारा किया गया काम जबरदस्ती नहीं लगता है, जो फिल्म को और मजबूती देती है। डांस के मामले में भी कृति ने अच्छा काम किया है। मौसी उर्मिला के रोल में डिंपल कपाड़िया भी अच्छी हैं। उन्हें नए अंदाज में देखना अच्छा लगता है। दादा के रोल में धर्मेंद्र का होना फिल्म को और सुखद बना देता है। पिता के रोल में राकेश बेदी ने बढ़िया काम किया है। मां के रोल को अनुभा फतेहपुरिया ने निभाया जो एकदम सधा हुआ है। वह अपने किरदार से फिल्म में एक अलग पहचान बनाती हैं। राजेश कुमार ने मामा के रोल में अपनी कॉमिक टाइमिंग का अच्छा उपयोग किया है।
कॉमेडी से मजबूत की स्क्रिप्ट
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फिल्म के लेखक और डायरेक्टर अमित जोशी और अराधना साह हैं। दोनों ही डिपार्टमेंट में इस जोड़ी ने कमाल काम किया है। फिल्म की कहानी जिस तरीके से शुरू होकर जिस मोड़ में पहुंचती हैं, उसमें अमित और अराधना ने कॉमेडी का साहारा लिया है। यह ऐसे कॉमेडी है जिसे सुनकर आपकी खुद हंसी निकलती है। डायरेक्टर्स ने एक्टर्स की कॉमिक टाइमिंग का भी सही इस्तेमाल किया है। फिल्म में रोमांटिक ड्रामा के साथ सरल और सहज कॉमेडी का भी मिश्रण है। डायरेक्शन की बात करें तो अमित और अराधना की यह पहली फिल्म है। इस हिसाब से भी दोनों का डेब्यू अच्छा है। फिल्म में उन्होंने एक रिच फैमिली दिखाई है, उसे पूरी लैविशनेस के साथ पूरा किया है। डायरेक्शन के लिहाज से भी दोनों पहला काम देखने योग्य है।
म्यूजिक नहीं रहा यादगार
फिल्म का म्यूजिक सचिन और जिगर का है। दिनेश विजन के प्रोडक्शन की अधिकतर फिल्मों का म्यूजिक इसी जोड़ी ने कंपोज किया है। फिल्म में इनके द्वारा कंपोज किया गया गाना तुम से जेहन में रह जाता है। इस गाने बोल इंद्रनील ने लिखे हैं। इसके अलावा भी फिल्म के गानों को राघव, तनिष्क बागची और मित्राज ने कंपोज किए हैं।
रोबोट्स का ह्ययूमन एंगल होगा सफल?
तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया, जिस हिसाब से फिल्म का नाम है वही देखना को भी मिलता है। फिल्म का टाइटल थोड़ा लंबा भी है, मैडॉक की पिछली दो फिल्मों से यह सिलसिला जारी है। खैर फिल्म में रोबोट और आने वाले भविष्य में उसकी उपयोगिता दिखाई गई है। साथ ही उसका एक ह्यूमन ट्रायल भी है, जो देखा जाना चाहिए। खैर बिना स्पॉइलर वाला रिव्यू यहीं तक, बाकी आप इस फिल्म को देखें और अपनी खुद की राय बनाएं।
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