Tiger Nageswara Rao Review: रवि तेजा की फिल्म नहीं जमा पाई धाक, कहानी से लेकर म्यूजिक तक में रही कमी...

Tiger Nageswara Rao Hindi Review: अपनी शानदार अदाकारी से दिल जीतने वाले एक्टर रवि तेजा खासतौर पर कॉमेडी के लिए जाने जाते हैं, लेकिन Tiger Nageswara Rao में उनका एक्शन भरा अंदाज देखने को मिलने वाला है। फिल्म की कहानी भी कुछ अलग है चलिए जातन हैं कि कैसी है फिल्म और क्रिटिक क्या कहते हैं फिल्म के बारे में।

Tiger Nageswara Rao Review

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Tiger Nageswara Rao Movie Hindi Review: लोगों के उत्थान और समृद्धि के लिए बनी यह फिल्म Tiger Nageswara Rao 20 अक्टूबर को रिलीज हो गई थी। फिल्म का निर्देशन वामसी (Vamsi Krishna Naidu) ने किया। फिल्म के निर्माता अभिषेक अग्रवाल हैं। फिल्म की कास्ट की बात करें तो फिल्म में रवि तेजा (Ravi Teja), नूपुर सैनन (Nupur Sanon), गायत्री भारद्वाज, जिशू सेनगुप्ता, मुरली शर्मा, हरीश पेरडी, सुदेव नायर, नासर और अनुपम खेर है। चलिए अब आपने कास्ट तो जान ली अब जानते हैं कि फिल्म की क्या कहानी है किनती अच्छी है यह फिल्म। साथ ही जानें कि फिल्म के बारे में क्रिटिक्स की क्या राय है।

क्या है कहानी में खास

फिल्म टाइगर नागेश्वर राव (Tiger Nageswara Rao) की कहानी काफी अलग और खास है। इस कहानी की शुरुआत दिल्ली से होती है। जब प्रधानमंत्री आवास में चोरी की चुनौती मिलती है तब उसके बाद ही कई बैठके होती हैं। सुरक्षा के कई इंतजाम किए जाते हैं। नागेश्वर राव के बारे में जानने के लिए दक्षिण के एक पुलिस अधिकारी को बुलाया जाता है। इस बैठक के दौरान नागेश्वर जिसे लोग नागी भी कहते हैं उसका स्कैच बनाकर बात की जाती है और कहानी इसी बैठक से आगे की ओर लेकर चलती है। इसके बाद कहानी में ट्रेन की आवाज आती है और हीरो की एंट्री होती है। बता दें कि यह ट्रेन स्टुअर्टपुरम जा रही होती है। जिसे अंग्रेजों ने बसाया था जहां चोरों के ऊपर विशेष निगाह रखी जा सके। इसके बाद नागेश्वर राव की कहानी पर जोर दिया जाता है जो बचपन में ही अपने पिता का सिर काट देता है। शुरआत में हीरो को काफी इंप्रेसिव दिखाया जाता है। इसके बाद कहानी में बताया जाता है कि नागेश्वर राव स्टूअर्टपुरम का भविष्य बदलना चाहता है।

फिल्म में क्या है खास

फिल्म में देखा जा सकता है कि कई ऐसे सीन्स होते हैं जो रोंगटे खड़े कर देते हैं फिल्म में जकमर एक्शन सीन भरा है जिस पर फैन्स का फिदा होना लाजमी है। जैसे तेजा का ट्रेन कूदना कई सीन्स हैं जो फिल्म में जान डाल हे हैं, लेकिन इसके बाद भी निर्देशक ने कई ऐसी चीजें भी पीछे छोड़ दीं, जिनका फिल्म में होना बेहद जरूरी था।

कैसी है परफॉर्मेंस

आपको बता दें कि मास महाराजा रवि तेजा को खास तौर पर कॉमेडी और फन के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने काम से कई लोगों के खुश किया है,लेकिन इस फिल्म में वे थ्रिल और एक्शन में नजर आ रहे हैं उन्होंने दर्शकों को अपने काम और नए अंदाज से खुश करने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनके इस किरदार को कुछ खास पसंद नहीं किया गया।

फिल्म का निष्कर्ष

फिल्म का सेनिमैटोग्राफी और एक्शन सीन्स प्रभावी हैं, लेकिन फिल्म 2 घंटे में आराम से खत्म होने वाली थी। कई बार ऐसा लगा जैसे फिल्म को पूरा करने लिए कुछ सीन्स को लंबा किया गया है। फिल्म में अच्छे म्यूजिक की भी थोड़ी कमी थी। बता दें कि फिल्म को और भी भाषाओं में डब किया जाना है इसलिए उसी हिसाब से म्यूजिक और बैकग्राउंडर्स का चयन करना चाहिए था फिलहाल तो फिल्म दर्शकों पर अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब नहीं हुई। क्रटिक्स के रेटिंग की बात करें तो फिल्म को 2.5 देना गलत नहीं होगा।

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