Blackout Movie Review: अंत तक आपको बांधे रखेगा फिल्म 'ब्लैकआउट' का सस्पेंस, विक्रांत मेस्सी ने किया कमाल

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Blackout Movie Review

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Blackout Movie Review in Hindi: कुछ फ़िल्मों की कहानियां इस क़दर रोचक होती हैं कि आखिर तक आपकी निगाहें स्क्रीन से हटती नहीं है और एक दिलचस्प तरह से चलने वाले फ़िल्म का सस्पेंस अंत मेंं इस क़दर आपको चौंका जाता है कि आपके लिए यकीन करना मुश्क़िल हो जाता है कि आख़िर आप इस क़दर एक मनोरंजक और रोमांचक फ़िल्म‌ का लुत्फ़ उठा रहे थे. जियो सिनेमा पर स्ट्रीम हो रही फ़िल्म 'ब्लैकआउट की गिनती भी ऐसी ही रहस्य और रोमांच से भरपूर फ़िल्म के रूप में की जा सकती है.
'ब्लैकआउट' की शुरुआत पुणे शहर में एक लूट की वारदात को अंजाम देते हुए बड़े ही संजीदा तरीके से होती है मगर जैसे जैसे इस फ़िल्म की कहानी आगे बढ़ती है फ़िल्म में छिपी तमाम परतें एक एक करके बाहर आती जाती हैं और फिल्म रोमांच के आसमान को छूने लगती है. देवांग शशिञ भावसार के लेखन और निर्देशन से सजी 'ब्लैकआउट' को देखने का मज़ा हर पल बढ़ता चला जाता है और यही इस फ़िल्म की सबसे बड़ी ख़ासियत भी है.
फ़िल्म में पैदा होने वाले हास्य और सस्पेंस से परिपूर्ण सीन्स को देखकर कहीं भी यह महसूस नहीं होता है कि इन्हें जबरन फ़िल्म में डाला गया है. फ़िल्म का हरेक किरदार भी अपने आप में अनूठा है. विक्रांत मेस्सी को देखकर‌ लगता है कि मानो एक खोजी पत्रकार लेनी डिसूजा के रोल को पूरी तरह से आत्मसात कर लिया है जिनकी ज़िंदगी में पैदा होने वाले विचित्र तरह के हालात को विक्रांत मेस्सी ने अपनी उम्दा अदाकारी से बखूबी पेश किया है.
एक शातिर डिटेक्टिव के रूप में जिस्सु सेनगुप्ता और उसकी चालाक सहयोगी के तौर पर मौनी रॉय ने भी बढ़िया काम है. करण सुधाकर सोनावणे, सौरव दिलीप घाडगे, रूहानी शर्मा, अनंतविजय जोशी, केली डोरजी, छाया कदम ने भी अपने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है.
फ़िल्म 'ब्लैकआउट' में अनिल कपूर कहीं भी नज़र नहीं आएंगे लेकिन अपनी आवाज़ के रूप में उनकी मौजूदगी पूरे फ़िल्म को और भी दिलचस्प बनाती है. एक नरेटर के रूप में जिस मस्ती भरे अंदाज़ में अनिल कपूर ने फ़िल्म में अपनी आवाज़ को पेश किया है वो फ़िल्म में आपकी दिलचस्पी को और बढ़ाने में काफ़ी मददगार साबित होता है.
एक गायक और संगीतकार के तौर पर बेहद कम समय में अपना एक अलग मकाम बनाने वाले विशाल मिश्रा का संगीत और बैकग्राउंड स्कोर फ़िल्म के लिए पूरी तरह से मुफ़ीद साबित होता है और फ़िल्म के रोमांच को कई गुना बढ़ा देता है. लेखन से लेकर सिनेमाटोग्राफ़ी, एडिटिंग, निर्देशन तक फिल्म का हरेक पहलू कमाल का है.
'ब्लैकआउट' पूरी तरह से एक पारिवारिक फ़िल्म है जिसमें रोमांचक, सस्पेंस थ्रिलर और मनोरंजक फ़िल्म के सभी गुण मौजूद है. फ़िल्म की मज़ेदार प्रस्तुति आपके चेहरे पर‌ मुस्का‌न ला देगी और साथ ही आपका दिल भी जीत लेगी.
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आर्टिकल की समाप्ति

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