Adipurush पर आगबबूला हुए रामायण के 'लक्ष्मण', कहा- 'सिर पीट रहे होंगे हनुमान...मन किया पर्दा फाड़ दूं'

Sunil Lahri on Adipurush: रामानंद सागर की रामायाण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले अभिनेता सुनील लहरी ने कहा, आदिपुरुष देखकर मुझे लग रहा था कि मैं पर्दा फाड़ दूं। इस फिल्म को देखकर हनुमान जी भी सिर पीट रहे होंगे कि मुझसे किस तरह के डॉयलाग बुलवाए जा रहे हैं। इस फिल्म में बम्बईया फुटपाथी लैंग्वेज बुलवाई गई है।

Sunil Lahri on Adipurush

Sunil Lahri on Adipurush

Sunil Lahri on Adipurush: ओम राउत (Om Raut) के निर्देशन में बनी फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) द्वारा लिखे गए फिल्म के डॉयलाग (Adipurush Dialogues Controversy) को लेकर लोगों को खास आपत्ति है। इस फिल्म को लेकर लोगों में इस कदम नाराजगी है कि सड़क पर प्रदर्शन हो रहे हैं तो सोशल मीडिया पर भी मनोज मुंतशिर और ओम राउत को काफी ट्रोल किया जा रहा है।

अब रामानंद सागर (Ramanand Sagar) की रामायाण (Ramayan) में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले अभिनेता सुनील लहरी (Sunil Lahri) ने इस फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर की है। न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ हुई खास बातचीत में उन्होंने कहा है कि मुझे किसी भी एंगल से यह फिल्म पसंद नहीं आई है। फिल्म में कैरेक्टराइजेश से लेकर एग्जीक्यूशन, सीन्स और सिचुएशन्स का कोई सिर-पांव नहीं था।

मुझे नहीं पता यह फिल्म क्यों बनाई

सुनील लहरी ने कहा है कि मुझे यह नहीं समझ आया कि यह फिल्म क्यों बनाई गई, किसे दिखाने के लिए बनाई गई। जो मॉर्डनाइजेशन की बात करते हैं, वे बताएं टैटू बनाने से और विराट कोहली जैसी हेयर स्टाइल रखने से फिल्म मॉर्डन हो जाती है क्या? उन्होंने कहा पिक्चर देखने के बाद मुझे शर्म आ रही है कि मैं इसको लेकर क्या बोलूं। जो थियेटर में लोग बैठे हुए थे, उनके भी रिएक्शन बहुत खराब थे।

हनुमान जी सिर पीट रहे होंगे

फिल्म में हनुमान जी के डॉयलाग के सवाल पर सुनील लहरी ने कहा, इस देश का नागरिक होने के नाते मैं अपनी संस्कृति का बहुत सम्मान करता हूं। उसका एक हिस्सा होने के नाते मुझे लग रहा था कि मैं पर्दा फाड़ दूं। इस फिल्म को देखकर हनुमान जी भी सिर पीट रहे होंगे कि मुझसे किस तरह के डॉयलाग बुलवाए जा रहे हैं। इस फिल्म में बम्बईया फुटपाथी लैंग्वेज बुलवाई गई है। रावण जैसा ज्ञानी व्यक्ति लोहा पीट रहा है।

चूल्ल भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए

फिल्म के डॉयलाग बदले जाने को लेकर उन्होंने कहा, एक बार कपड़ा फट जाता है तो नया नहीं होता। कुछ भी कर लें अब जो डैमेज होना था हो गया है। आज भी हनुमान जी के मंदिर में चले जाइए, लोगों में कितनी श्रद्धा है। युवा हनुमान जी का पाठ करते हैं, उनका तिलक लगाकर घूमते हैं। उन्होंने मेकर्स पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इन लोगों को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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