'कांतारा चैप्टर 1' को खतरनाक बनाने के लिए ऋषभ शेट्टी ने एक साल तक किया ये काम, परशुराम के किरदार में आएंगे नजर?

कांतारा: चैप्टर 1 को खास बनाने के लिए ऋषभ हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने फिल्म के लिए कलरीपयट्टू की ट्रेनिंग भी की है। एक्टर ने इस मार्शल आर्ट में महारत हासिल करने के लिए एक साल तक ट्रेनिंग ली है।

Kantara: Chapter 1

ऋषभ शेट्टी इन दिनों काफी चर्चा में बने हुए हैं। अब फैंस उनकी अगली फिल्म का बेस्रबी से इंतजार कर रहे हैं। कांतारा में अपने जबरदस्त परफॉर्मेंस के बाद ऋषभ शेट्टी अब अपकमिंग प्रीक्वल, कांतारा : चैप्टर 1 में इसे अगले लेवल पर ले जाने के लिए जोरो से तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में एक्टर ने एक साल तक ट्रेडिशनल मार्शल आर्ट कलरीपयट्टू सीखने में बारे में विस्तरा से बताया। आइए जानते हैं एक्टर ने क्या कहा।
कांतारा: चैप्टर 1 को खास बनाने के लिए ऋषभ हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने फिल्म के लिए कलरीपयट्टू की ट्रेनिंग भी की है।दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे वैज्ञानिक मार्शल आर्ट में से एक कलारीपयट्टू की शुरुआत केरल में हुई थी। एक्टर ने इस मार्शल आर्ट में महारत हासिल करने के लिए एक साल तक ट्रेनिंग ली है।
किसी बॉडी डबल का नहीं करते इस्तेमाल
ऋषभ अपनी भूमिकाओं को बेहतरीन तरीके से निभाने के लिए जाने जाते हैं। कांतारा में उन्होंने कंबाला रेस से बुल रेस का सीन खुद किया था। कंबाला तुलु नाडु में होने वाली एक वार्षिक भैंसो की रेस है, जो कर्नाटक के तटीय क्षेत्र का एक लोकप्रिय त्यौहार है, जिसमें भैंसें कीचड़ भरे धान के खेतों में दौड़ लगाती हैं। ऋषभ हमेशा अपने स्टंट खुद करते हैं, किसी बॉडी डबल का इस्तेमाल नहीं करते। उन्होंने अपनी फिल्मों में लगातार भारतीय पारंपरिक संस्कृति को पेश किया है। ऐसे में कांतारा : चैप्टर 1 में कलारीपयट्टू की मार्शल आर्ट को पेश करके, वह एक बार फिर प्रामाणिक, जमीन से जुड़ी हुई कहानियां बताने के लिए अपनी समर्पण दिखा रहे हैं।
End Of Feed