मस्जिदें हैं निजी संस्थाएं, वहां एंट्री के लिए मुस्लिम महिलाएं आजाद- AIMPLB ने किया साफ
All India Muslim Personal Law Board on Entry of Muslim Women in Mosques:
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
All India Muslim Personal Law Board on Entry of Muslim Women in Mosques: मस्जिदों (Mosques) में मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) की एंट्री के मसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board : AIMPLB) ने कहा है कि मुस्लिम औरतें को वहां जाने की इजाजत है और वह इसके लिए स्वतंत्र हैं।
यह बात एआईएमपीएलबी ने एक एफेडेविड के जरिए कही है। हलफनामे के मुताबिक, मुस्लिम औरतें मस्जिद जा सकती हैं। वह इसके लिए आजाद हैं। हालांकि, यह चीज उनके ऊपर निर्भर करती है कि वह वहां जाएंगी या नहीं।
मस्जिदें पूरी तरह निजी संस्थाएं हैं। ये मस्जिदों की मुत्तवली नियंत्रित करते हैं, जबकि एआईएमपीएलबी विशेषज्ञों की एक संस्था है और उसके पास किसी प्रकार की ताकत नहीं है। वह इस्लाम में बताए गए ग्रंथों के आधार पर अपनी सलाह जारी कर सकती है।
बोर्ड का कहना है कि मुस्लिम महिलाएं चाहें तो मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ सकती हैं, मगर इस दौरान वे पुरुष नमाजियों के साथ या उनके बीच न बैठें। अगर किसी कमेटी (मस्जिद की) ने उनके लिए अलग जगह तय की है, तब वहां जा कर नमाज अता कर सकती हैं।
चूंकि, महाराष्ट्र के पुणे की मुस्लिम महिला और पेशे से वकील फरहा अनवर हुसैन शेख ने साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और उसके जरिए कहा था कि मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश पर लगे रोक को अवैध घोषित किया जाए।
पूरा मसला समझने के लिए देखें टाइम्स नाउ नवभारत का यह स्पेशल वीडियोः
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