सियासी संकट में जब आती है AAP, तब क्यों सरदार भगत सिंह आ जाते हैं याद? समझिए

Why AAP loves Bhagat Singh?: दिल्ली के सीएम और आप संयोजक इससे पहले खुद को भगत सिंह का चेला बता चुके हैं। उन्होंने कहा था- मैं उनको बहुत मानता हूं। 100 साल पहले उन्हें आतंकी बोला गया (अंग्रेजों ने) था...अब इतिहास दोहरा रहा है। सौ साल बाद उनके चेले को सारे भ्रष्टाचारी मिलकर आतंकवादी साबित करना चाहते हैं पर देशवासियों को पता है कि असलियत क्या है।

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

Why AAP loves Bhagat Singh?: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) का भगत सिंह से बड़ा गहरा लगाव रहा है। खास कर तब जब पार्टी के ऊपर सियासी संकट के बादल होते हैं तो उसे शहीद-ए-आजम की याद आ जाती है। ऐसा ही कुछ रविवार (26 फरवरी, 2023) को हुआ, जब आबकारी नीति मामले में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर शहर के डिप्टी-सीएम और सीएम के करीबी सहयोगी मनीष सिसोदिया ने कहा- हमें कुछ महीने जेल में भी रहना पड़े तो परवाह नहीं है। हम भगत सिंह के अनुयायी हैं...देश के लिए सिंह भी फांसी पर चढ़ गए थे। ऐसे झूठे आरोपों की वजह से जेल जाना तो छोटी सी चीज है।

ये हैं वे बड़ी वजहें, जिनके चलते AAP ने Bhagat Singh को माना आदर्शःजनता के बीच भगत सिंह आज भी बहुत लोकप्रिय हैं। खासकर युवाओं में। शहीद-ए-आजम के फोटो वाली टी-शर्ट्स हों या स्टिकर्स...दिल्ली से पंजाब तक युवाओं के तन-बदन और बाइक्स पर ये अक्सर दिख जाते हैं। चूंकि, सिंह अपने आप में क्रांति यानी रेव्यूल्यूशन का पर्याय माने जाते हैं। ऐसे में पार्टी जब उन्हें अपना आदर्श बताती और मानती तब वह एक तरह से साफ पैगाम देती है कि क्रांति उसके मूल में है।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जिस राष्ट्रभक्ति या राष्ट्रवाद के एजेंडे पर आगे बढ़ती है उसी रास्ते पर आप ने भी बीते कुछ समय पहले अपनी ट्रेन को डायवर्ट किया है। दरअसल, भारत में हम सभी देशवासियों को यह फैक्टर बड़े मोर्चे पर एक साथ लाने और जोड़ने में मदद करता है, इस लिहाज से आप ने भगत सिंह की सालगिरह पर दिल्ली के स्कूलों में देशभक्ति से जुड़ा पाठ भी पढ़ाना शुरू कराया था।

केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं पर जब सियासी प्रहार हुए और कथित तौर पर कुछ घटिया शब्दों का इस्तेमाल हुआ तब उनके लिए भगत सिंह राजनीतिक ढाल के रूप में सामने आए। आप की ओर से यह दलील दी गई कि जब अंग्रेजों की ओर से सिंह को आतंकी करार दे दिया गया था तब हम क्रांति और बदलाव की बात करने वाले लोग हैं।

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