Cash For Query: महुआ मोइत्रा के लिए अब आगे क्या? एथिक्स कमेटी ने की है निष्कासन की सिफारिश

Cash-for-query charges: लोकसभा के कंडक्ट ऑफ बिजनेस से चैप्टर XXA में एथिक्स कमेटी की कार्यशैली के बारे में बताया गया है। इसमें कहा गया है कि कमेटी अपनी सिफारिश रिपोर्ट के रूप लोकसभा के स्पीकर के समक्ष पेश करेगी। इसके बाद स्पीकर रिपोर्ट को संसद के पटल पर रखने के बारे में फैसला ले सकते हैं।

Mahua Moitra

महुआ पर पैसे लेकर सवाल पूछने का लगा है आरोप।

Cash-for-query charges:'पैसे लेकर सवाल पूछने' के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर निष्कासन का खतरा मंडरा रहा है। संसद की एथिक्स कमेटी ने 6-4 के अपने फैसले में उनके निष्कासन की सिफारिश की है। यह सिफारिश अब लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला के पास जाएगी। इस पूरे प्रकरण में महुआ अलग-थलग पड़ गई हैं। सबसे बड़ी हैरानी इस बात की है कि उनकी पार्टी टीएमसी पूरी मुस्तैदी के साथ उनके साथ खड़ी नहीं हुई है। अब सवाल है कि निष्कासन की सिफारिश के बाद अब महुआ के साथ क्या होगा। क्या उनकी संसद सदस्यता जाएगी? इन सब बातों को यहां जानना जरूरी है-

रिपोर्ट को पटल पर रखा जाए या नहीं, स्पीकर लेंगे फैसला

लोकसभा के कंडक्ट ऑफ बिजनेस से चैप्टर XXA में एथिक्स कमेटी की कार्यशैली के बारे में बताया गया है। इसमें कहा गया है कि कमेटी अपनी सिफारिश रिपोर्ट के रूप लोकसभा के स्पीकर के समक्ष पेश करेगी। इसके बाद स्पीकर रिपोर्ट को संसद के पटल पर रखने के बारे में फैसला ले सकते हैं। नियम यह भी कहते हैं कि कमेटी के सुझावों को देखते हुए सदन में किस तरह की प्रक्रिया चलेगी, रिपोर्ट इस बारे में भी बता सकता है।

प्रस्ताव स्वीकार होते ही सदस्य निष्कासित हो जाता है

नियम 316E के मुताबिक सदन में रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद स्पीकर, कमेटी का कोई सदस्य अथवा कई अन्य सदस्य रिपोर्ट पर विचार करने के लिए प्रस्ताव ला सकता है। इसके बाद स्पीकर सदन के समक्ष विषय को रख सकते हैं। नियम कहते हैं कि सदन के समक्ष विषय रखने से पहले स्पीकर प्रस्ताव पर आधे घंटे की चर्चा करा सकते हैं। किसी सदस्य को निष्कासित करने की मंजूरी देने वाला प्रस्ताव यदि लोकसभा के स्पीकर द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है, तब उसके बाद क्या होगा? इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का प्रस्ताव स्वीकार किए जाते ही सदस्य निष्कासित हो जाता है।

बड़े जनादेश के साथ वापस आऊंगी-महुआ

‘पैसे के बदले प्रश्न पूछने’ से जुड़े मामले में लोकसभा की आचार समिति द्वारा उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश किए जाने के एक दिन बाद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को कहा कि वह 2024 के चुनावों में बड़े जनादेश के साथ वापस आएंगी। सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में महुआ ने कहा, ‘संसदीय इतिहास में उस आचार समिति द्वारा अनैतिक रूप से निष्कासित की जाने वाली पहली व्यक्ति बनने पर गर्व है, जिसके अधिकार क्षेत्र में निष्कासन शामिल ही नहीं है। पहले निष्कासित करें और फिर सरकार से कहें कि वह सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) को सबूत ढूंढने का निर्देश दें। अपनी मनमर्जी की कंगारू कोर्ट, शुरू से अंत तक बंदरबांट।’

किसी सांसद के खिलाफ इस तरह की पहली कार्रवाई

बता दें कि लोकसभा की आचार समिति ने गुरुवार को महुआ के निष्कासन की सिफारिश की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में समिति ने यहां बैठक की और अपनी 479 पन्नों की रिपोर्ट को अपनाया, जिसमें सूत्रों के अनुसार, महुआ के निष्कासन की सिफारिश की गई है। यह संभवतः समिति द्वारा किसी सांसद के खिलाफ इस तरह की पहली कार्रवाई है।

क्या है मामला?

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक शिकायत भेजी थी। अपनी शिकायत में दुबे ने मोइत्रा पर अडाणी समूह एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर सदन में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया। इस मामले में आचार समिति की बैठक सबसे पहले 26 अक्टूबर को हुई थी। समिति ने निशिकांत दुबे और देहाद्रई का पक्ष जाना था। इसके बाद 2 नवंबर को महुआ मोइत्रा समिति के समक्ष उपस्थित हुई थीं। समिति ने आरोपों से जुड़े सवाल मोइत्रा से पूछे। पूछताछ के बाद मोइत्रा ने कहा कि उनसे व्यक्तिगत और परेशान करने वाले सवाल पूछे गए।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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