ईरान के हमलों के बाद मध्य पूर्व में खुल सकता है जंग का नया मोर्चा, पलटवार करेगा इजरायल!
Iran attack on Iraq :ईरान के इन हमलों की अमेरिका और इराक दोनों ने निंदा की है। एक हमला तो इरबिल में तैयार हो रहे अमेरिका कॉन्सुलेट के बेहद नजदीक हुआ। रिपोर्टों के मुताबिक इरबिल में हुए हमलों में चार लोगों की मौत होने और इमारतों के मलबे में तब्दील होने की बात सामने आई।
ईरान के हमले के बाद बदल सकती है जंग की सूरत।
Iran attack on Iraq : इजरायल और हमास के लड़ाई के बीच मध्य पूर्व में बहुत कुछ हो रहा है। लाल सागर में हमले ने अमेरिका, ब्रिटेन, भारत जैसी महाशक्तियों को अपनी ताकत दिखाने के लिए विवश तो किया ही है। इसी बीच मध्य पूर्व में मंगलवार तड़के बड़ा हमला हो गया। यह हमला ईरान की तरफ से इराक और सीरिया में हुआ। ईरान का दावा है कि उसने इराक के कुर्दिश इलाके में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय और आईएसआईएल के कथित ठिकानों को निशाना बनाते हुए मिसाइल हमले किए। इन हमलों के बारे में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने बयान भी जारी किया। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने इराक के अलावा सीरिया में भी हमले किए।
अमेरिका-ईराक ने हमले की निंदा की
ईरान के इन हमलों की अमेरिका और इराक दोनों ने निंदा की है। एक हमला तो इरबिल में तैयार हो रहे अमेरिका कॉन्सुलेट के बेहद नजदीक हुआ। रिपोर्टों के मुताबिक इरबिल में हुए हमलों में चार लोगों की मौत होने और इमारतों के मलबे में तब्दील होने की खबर है। इन हमलों के बाद अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इरबिल में हुए हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है। अमेरिका ने इन हमलों को इराक की स्थिरता को कमजोर करने वाला बताया है। इन हमलों पर इजरायल अभी चुप है उसकी और से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
ईरान ने खुले तौर पर की कार्रवाई
इजरायल और हमास के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद। यह पहली बार है जब ईरान ने खुले तौर पर कार्रवाई करते हुए हमले किए हैं और उनकी जिम्मेदारी ली है। यह सीधे तौर पर अमेरिका और इजरायल को संकेत है कि वह जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। साल की शुरुआत में करमानी शहर में पुर्व जनरल सुलेमानी के कब्र के नजदीक हुए बम धमाकों की जिम्मेदारी भले ही इस्लामिक स्टेट ने ली हो मगर ईरान को लगता है कि इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ है जिसमें में 100 से ज्यादा लोग मारे गए।
अमेरिका और इजरायल को दिखाई अपनी ताकत
जाहिर है कि इन हमलों के जरिए ईरान ने अमेरिका और इजरायल दोनों को अपनी ताकत दिखाई है लेकिन ऐसा करते हुए उसने एक तरह से मधुमक्खी के छ्त्ते में हाथ डाल दिया है। इराक और सीरिया दोनों जगहों पर अमेरिकी सैन्य अड्डे और बेस हैं। अमेरिका कभी नहीं चाहेगा कि उसके सैन्य ठिकाने और उसके आस-पास इस तरह का कोई हमला हो। अपनी खुफिया एजेंसी के कथित मुख्यालय पर हमले के बाद इजरायल भी चुप नहीं बैठेगा। गत 7 अक्टूबर को अपने ऊपर हुए हमास के हमलों और उसका समर्थन करने को लेकर वह पहले ही कई बार ईरान को चेतावनी दे चुका है। ईरान के इन ताजा हमलों के बाद हो सकता है कि इजरायल-हमास की लड़ाई के अलावा मध्य पूर्व में जंग का नया मोर्चा खुल जाए।
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