हमलों से अपनी ताकत का अहसास कराना चाहता है इस्लामिक स्टेट? अभी भी दुनिया के लिए है गंभीर खतरा

New Orleans attack and ISIS : 2014 के समय सीरिया के ज्यादातर भूभाग और उत्तरी इराक पर एक छत्र राज करने वाला यह आतंकी संगठन 2019 में अपने मुखिया अबू बक्र अल बगदादी की मौत के बाद लगातार कमजोर होता गया। बड़ी संख्या में इसके कमांडर और इसके आतंकवादी मारे गए। अपने हमलों से अमेरिका ने इसकी कमर तोड़ दी। एक तरह से जमीन पर आईएस की मौजूदगी नगण्य हो गई।

ISIS

नए साल के दिन अमेरिका में हुए हमले।

New Orleans attack and ISIS : दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में नए साल की शुरुआत रक्तरंजित घटनाओं और हमलों से हुई। इस देश में तीन हमले हुए। अमेरिका को दहलाने की साजिश हुई। इन हमलों ने अमेरिका में नए साल के जश्न को फीका तो किया ही, अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए। एफबीआई जैसी दुनिया की बेहतरीन सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को इन हमलों की भनक तक नहीं लग पाई। ये हमले बताते हैं कि दुनिया की सुरक्षा की गारंटी लेकर अपनी पीठ थपथपाने वाला अमेरिका ऐसी घटनाओं को रोकने में उसी तरह से असहाय और लाचार है जैसे कि अन्य देश।

नए साल पर अमेरिका में 3 हमले

सबसे बड़ा हमला बुधवार तड़के न्यू ऑरलियंस में हुआ। यहां नए साल के स्वागत का जश्न मना रहे लोगों पर एक व्यक्ति ने पिकअप ट्रक चढ़ा दिया। हमलावर ने अंधाधुंध फायरिंग भी की। इस घटना में 15 लोगों की मौत हो गई और दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हुए। बाद में पुलिस एनकाउंटर में यह हमलावर मारा गया। हमलावर की पहचान अमेरिकी नागरिक शमसुद्दीन जबर (42) के रूप में हुई। आरोपी के पिकअप ट्रक पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) का झंडा लगा था। जबर 42 वर्षीय पूर्व सैनिक था और वह अमेरिका सेना के साथ अफगानिस्तान भी जा चुका था। हमले से पहले उसने अपना एक वीडियो पोस्ट किया और इसमें आईएस से जुड़ाव होने की बात कही। एफबीआई और अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां जबर के इस्लामिक स्टेट से जुड़ाव की जांच भी कर रही हैं।

क्वींस में नाइट क्लब के बाहर फायरिंग

तो दूसरा हमला नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लास वेगास स्थित होटल के बाहर हुआ। यहां ‘टेस्ला साइबरट्रक’ में विस्फोट हो जाने से उसमें सवार एक संदिग्ध व्यक्ति की मौत हो गई। इसे भी संदिग्ध आतंकवादी हमला माना जा रहा है। टेस्ला साइबर ट्रक में मोर्टार और ईंधन के कनस्तर रखे हुए थे। हमले की तीसरी घटना न्यूयॉर्क के क्वींस में हुई। यहां एक नाइट क्लब के बाहर जुटी भीड़ पर कुछ लोगों के एक समूह ने कम से कम 30 गोलियां चलाईं, जिसमें 10 लोग घायल हो गए जिनमें ज्यादातर किशोर थे।

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बगदादी के मारे जाने के बाद कमजोर हुआ IS

नए साल के पहले दिन अमेरिका में जिस तरह से ये हमले हुए, उससे बड़ी साजिश की बू आ रही है। आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से हमलावर के जुड़ाव ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इन हमलों के बाद मध्य पूर्व का यह आतंकवादी संगठन एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। 2014 के समय सीरिया के ज्यादातर भूभाग और उत्तरी इराक पर एक छत्र राज करने वाला यह आतंकी संगठन 2019 में अपने मुखिया अबू बक्र अल बगदादी की मौत के बाद लगातार कमजोर होता गया। बड़ी संख्या में इसके कमांडर और इसके आतंकवादी मारे गए। अपने हमलों से अमेरिका ने इसकी कमर तोड़ दी। एक तरह से जमीन पर आईएस की मौजूदगी नगण्य हो गई लेकिन जानकार मानते हैं कि दुनिया में भौतिक रूप से आईएसआईएस की मौजूदगी भले ही कम हो गई हो लेकिन वैचारिक रूप से यह अभी दुनिया में मौजूद है। इसे मानने वाले और बगदादी के 'कैलिफेट' में विश्वास करने वाले लोग अभी भी हैं जो उसकी विचारधारा को जीवित रखे हुए हैं।

दुनिया पर IS के 'वुल्फ अटैक' का खतरा

तो क्या यह माना जाए कि सबसे ताकतवर देश अमेरिका को विस्फोट एवं हमलों से हिलाकर आईएस उसे अपनी मौजूदगी का अहसास कराना चाहता है? वह बताना चाहता है कि अभी वह खत्म नहीं हुआ है। उसे पश्चिमी देशों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता अभी भी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आईएसआईएस अभी भी अफ्रीका और एशिया सहित दर्जन भर से ज्यादा देशों में सक्रिय है। इस आतंकवादी संगठन में अभी भी हमला खासकर 'वुल्फ अटैक' करने की क्षमता है। पिछले साल यानी 2024 में रूस के मास्को में हुए बड़े आतंकी हमले की इसने जिम्मेदारी ली। बीते मार्च में मॉस्को के एक शॉपिंग हाल में हमला हुआ जिसमें कम से कम 150 लोगों की जान गई और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए। इस हमले के बाद इस्लामिक स्टेट एक बार फिर चर्चा में आ गया।

आईएस को विस्तार दे सकते हैं सीरिया के हालात

अब चूंकि सीरिया में असद सरकार का तख्तापलट हो चुका है। यह देश अस्थिरता का शिकार है और इस पर आईएस जैसे आतंकवादी और चरमपंथी संगठनों का कब्जा हो चुका है। ये हालात आईएस को एक बार फिर से संगठित होने और उसे अपनी ताकत बढ़ाने का मौका देंगे। वह नए लड़ाकों की भर्ती कर अपना विस्तार कर सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सीरिया हाथ में आ जाने के बाद वह इराक में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाएगा। 'कैलिफेट' की अपनी अधूरी हसरत को दोबारा पूरी करने के रास्ते पर वह आगे बढ़ सकता है। दुनिया में अपना खौफ और दहशत पैदा करने के लिए वह पश्चिमी देशों को निशाना बनाने का मौका ढूंढता रहेगा। इस तरह के हमलों से लोगों में उसकी दहशत बढ़ेगी और यह खौफ उसके संगठन को विस्तार देगा।

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प्रभावी और निर्णायक तरीके से निपटना होगा

माना जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट को जितने भी मानने वाले हैं वे छूरेबाजी, शूटिंग, भीड़ पर ट्रक चढ़ाने जैसे सीमित हमले कर सकते हैं। ऐसे हमलों और साजिशों का पता करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत मुश्किल काम है। पिछले कुछ वर्षों में दुनिया के कई हिस्सों में भीड़ पर ट्रक और गाड़ी चढ़ाकर लोगों को मारा गया है। भीड़ पर वाहन चढ़ाकर जान लेने की घटनाएं नीस, बार्सिलोना, बर्लिन और न्यूयार्क में हुईं। इन हमलों में 100 से ज्यादा लोगों की जान गई। इस्लामिक स्टेट का फिर से उभार दुनिया भर के लिए खतरा बनेगा। आईएस के खिलाफ कार्रवाई में देरी अनगिनत खतरों को न्योता देंगे। ऐसे में इस खतरे से एकजुट होकर प्रभावी और निर्णायक तरीके से निपटना होगा।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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