टीम बन गई, अब अपने चुनावी वादों पर आगे बढ़ेंगे डोनाल्ड ट्रंप, लोगों से किए हैं ये 7 वादे

Trump 7 poll promises : ट्रंप की ऐसी कोई रैली नहीं रही जिसमें उन्होंने अवैध अप्रवासियों का मुद्दा न उठाया हो, अपनी हर एक रैली में वह अवैध घुसपैठ पर रोक लगाने और मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार खड़ी करने की बात कहते रहे। उन्होंने वादा किया कि राष्ट्रपति बनने पर वह सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम चलाएंगे। ऐसे लोग जो बिना जायज दस्तावेज के अमेरिका में दाखिल हुए हैं।

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हैं डोनाल्ड ट्रंप।

मुख्य बातें
  • अमेरिका में पांच नवंबर को आए चुनाव नतीजे, टंप को मिली ऐतिहासिक जीत
  • अपने अगले दूसरे कार्यकाल के लिए ट्रंप ने अपनी टीम का चयन कर लिया है
  • अपने चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में अब आगे बढ़ सकते हैं ट्रंप

Trump 7 poll promises : चुनाव नतीजे के एक सप्ताह बाद अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टीम तैयार कर ली। आगामी ट्रंप प्रशासन के करीब-करीब सभी महत्वपूर्ण पदों पर उनके भरोसेमंद, निष्ठावान और करीबी लोगों की तैनाती हो चुकी है। व्हाइट हाउस से लेकर पेंटागन तक ये नामचीन चेहरे राष्ट्रपति की नीतियों, सुधारों और कार्यक्रमों को लागू करेंगे और आगे बढ़ाएंगे। चूंकि, ट्रंप प्रशासन के लिए टीम तैयार हो गई है तो ट्रंप का अब पूरा फोकस अपने उन वादों को पूरा करने पर होगा, जिन्हें चुनाव-प्रचार के दौरान उन्होंने लोगों से किया है। ये वादे ही ट्रंप को दोबारा सत्ता तक लाए हैं, ट्रंप को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले लोग चाहेंगे कि अब उनसे किए हुए वादों को पूरा किया जाए। पांच नवंबर की अपनी विक्ट्री स्पीच में भी ट्रंप ने कहा कि उन्होंने जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने जा रहे हैं। ऐसे में यहां ट्रंप के उन वादों के बारे में जिक्र और चर्चा करनी जरूरी है, जिनका वादा उन्होंने लोगों से किया है।

पहला और सबसे बड़ा वादा, अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालेंगे

ट्रंप की ऐसी कोई रैली नहीं रही जिसमें उन्होंने अवैध अप्रवासियों का मुद्दा न उठाया हो, अपनी हर एक रैली में वह अवैध घुसपैठ पर रोक लगाने और मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार खड़ी करने की बात कहते रहे। उन्होंने वादा किया कि राष्ट्रपति बनने पर वह सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम चलाएंगे। ऐसे लोग जो बिना जायज दस्तावेज के अमेरिका में दाखिल हुए हैं, उन्हें पकड़-पकड़कर वापस भेजा जाएगा, यह अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम होगा। यही नहीं, ट्रंप का वादा है कि मैक्सिको की सीमा पर उस निर्माणाधीन दीवार को वह पूरा करेंगे जो उनके पहले कार्यकाल में पूरी नहीं हो पाई। जाहिर है, कि ट्रंप अपने सबसे बड़े वादे पर आगे बढ़ेंगे लेकिन यह इतना भी आसान नहीं है क्योंकि अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या हजारों में नहीं बल्कि लाखों में है। अमेरिका के होमलैंड सेक्युरिटी विभाग का अनुमान है कि जनवरी 2022 तक 11 मिलियन यानी 1 करोड़ एक लाख के करीब अवैध अप्रवासी उनके यहां रह रहे हैं। यही नहीं, बाइडेन प्रशासन के चार साल के दौरान अवैध अप्रवासियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। इतनी बड़ी आबादी को वापस भेजने में कानूनी और अन्य तरह की अड़चनें, दिक्कतें सामने आ सकती हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इतनी बड़ी आबादी को यदि उनके देश वापस भेजा जाता है तो इसका असर अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा।

दूसरा वादा, टैक्स, महंगाई से राहत दिलाएंगे

अमेरिकी चुनाव में मंहगाई, बेरोजगारी, टैक्स सबसे बड़े मुद्दे रहे। खासकर, महंगाई ऐसा मुद्दा रही जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान लोगों को सबसे ज्यादा चुभी। बाइडेन के पहले दो साल की अगर बात करें तो 2020 से 2022 तक महंगाई बहुत ज्यादा रही, यह कोरोना काल भी था...इस दौरान रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के दाम आसमान छू रहे थे। आम लोगों के हाथों से खाने-पीने, घूमने से लेकर वे सभी चीजें पकड़ से दूर होती चली गईं, जो ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान आसानी से या कहिए कि उसके बजट में आ जाती थीं। हालांकि, बाइडेन के बीते दो साल में महंगाई नियंत्रण में आई लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, इससे बाइडेन को जो राजनीतिक नुकसान होना था, वह हो चुका था। इस महंगाई से राहत पाने के लिए ही अमेरिका के मध्यम वर्ग ने इस बार चुनाव में ट्रंप को चुना। अपने चुनावी भाषणों में ट्रंप ने महंगाई खत्म करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि वे चुनकर आए तो इस पर लगाम लगाएंगे लेकिन महंगाई ऐसी चीज है कि इस पर सरकारों का वश नहीं चलता। कोई सारकर चाह कर भी महंगाई को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकती। ऐसा इसलिए क्योंकि महंगाई बढ़ने के फैक्टर केवल घरेलू नहीं होते, बाहरी भी होते हैं। ट्रंप ने टैक्स को तर्कसंगत बनाने, ज्यादातर विदेशी सामानों पर कम से कम 10 फीसद और चीन से बनकर आने वाले सामानों पर 60 फीसद का टैक्स लगाने का वादा किया है। हालांकि, कई एक्सपर्ट का मानना है कि टैक्स पर इन वादों को लागू करने पर कीमतें और बढ़ेंगी।

End Of Feed