सरकार नहीं करना चाहती थी कार्रवाई, सांसदों ने ही की खुद के निलंबन की मांग; जानें पूरा विवाद

146 MP's Suspension Reason: विपक्षी सांसदों ने ही खुद के निलंबन की मांग की थी। ऐसा दावा संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद ने की है। उन्होंने ये बताया है कि सरकार उनका निलंबन नहीं करता चाहती थी, तो फिर ऐसा हुआ कि ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी। आपको बताते हैं पूरा विवाद।

146 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर जारी है संग्राम।

Parliament News: संसद से 146 सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्षी गठबंधन INDIA का जंतर-मंतर पर जोरदार विरोध प्रदर्शन देखा गया। सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया तो संसद की इतिहास में पहली बार इतने अधिक सदस्यों को निलंबन करना पड़ गया। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां इसे मोदी सरकार की तानाशाही करार दे रही हैं, तो वहीं केंद्र सरकार ने ये दावा किया है कि इन सांसदों ने ही खुद को निलंबन करने की मांग की थी।

सदस्यों ने अनुरोध किया था खुद के निलंबन की मांग

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कार्यवाही में बाधा डालने और हंगामा करने को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विपक्ष पर हमला करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार लोकसभा से सदस्यों के निलंबन की इच्छुक नहीं थी, लेकिन कुछ विपक्षी सदस्यों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई के बाद उनके कुछ साथियों ने खुद को भी निलंबित करने का अनुरोध किया। जोशी ने कहा कि यदि विपक्ष को संसद में पारित तीनों नये आपराधिक कानूनों के खिलाफ कोई शिकायत है तो वह अदालत में जाने के लिए स्वतंत्र हैं। जोशी के साथ संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी थे।

'सांसदों को निलंबित नहीं करना चाहती थी सरकार'

जोशी ने कहा, 'हम सांसदों को निलंबित नहीं करना चाहते थे, हमने उनसे अनुरोध किया था। लेकिन जब हमने कुछ सदस्यों को निलंबित कर दिया तो उनके कई सहयोगी निलंबन की मांग करने लगे। कांग्रेस का स्तर इतना नीचे गिर गया है।' उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से विपक्षी सांसदों से कहा गया था कि सदन में तख्तियां दिखाकर अनुशासनहीनता में संलिप्त रहने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, 'उन्होंने हमसे कहा कि वे अनुशासनहीनता करते रहेंगे और चाहते हैं कि हम उन्हें निलंबित कर दें।'

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