चाचा-भतीजे की लड़ाई में अजित पवार के हौसले पस्त, शरद पवार की ये चाल निकली जबरदस्त; जानें क्या थी प्लानिंग

Maharashtra: राकांपा (एसपी) ने 10 लोकसभा सीटों में से आठ सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया और यह दिखाता है कि ‘असली’ राकांपा कौन है। शरद पवार ने वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपनाई और सही समय आने का इंतजार किया। इसके बाद चाचा ने भतीजे से चुन-चुनकर हिसाब कर लिया। समझिए पूरी प्लानिंग...।

शरद पवार vs अजित पवार।

Chacha-Bhatija War: महाराष्ट्र की सियासत में लंबे वक्त से ये सवाल उठ रहा है कि चाचा और भतीजे में कौन अधिक शक्तिशाली है? कभी अजित पवार अपनी ताकत दिखाते हैं, तो कभी चाचा शरद पवार अपनी पवार से सभी को चारो खाने चित कर देते हैं। इस बार चाचा ने अपने भतीजे को ऐसी पटखनी दे दी कि छोटे पवार की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में कई राज्यों के सियासी हालात जगजाहिर हो गए हैं। नतीजों से निकली तस्वीरें ये बयां कर रही हैं कि सियासत में कभी भी कुछ भी हो सकता है, यही वजह है कि चाचा भतीजे की लड़ाई में इस बार अजित पवार का पसीना छूटता नजर आया।

शरद पवार ने करके दिखाया कौन है ज्यादा पावरफुल

शरद पवार ने ऐसी जबरदस्त चाल चली कि अजित पवार के हौसले पस्त हो गए। चुनावी नतीजों ने ये भी बताने की कोशिश की कि आखिर महाराष्ट्र की सियासत में असली एनसीपी की कमान किसके हाथों में है। ये कहा जाए कि लोकसभा चुनाव में शरद पवार ने अपनी पार्टी के शानदार प्रदर्शन से ये दिखा दिया कि कौन है 'असली' राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है। सबसे पहले आपको इसके लिए सीनियर पवार की प्लानिंग को समझना चाहिए।

अपनी इस चाल से शरद पवार ने भतीजे से लिया बदला

अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार की पार्टी एनसीपी में दो फाड़ कर दिया और ये दिखाया कि वो ही असली सियासी खिलाड़ी है, लेकिन वो कहते हैं कि कभी भी शेर दहाड़ लगाने और लंबी छलांग लगाने से पहले दो कदम पीछे जाता है। शायद शरद पवार ने भी कुछ ऐसा ही किया। उन्होंने वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपनाई और सही समय आने का इंतजार किया। भतीजे ने भले ही पार्टी तोड़ दी, विधायक और सांसदों को अपने खेमे में शामिल कर लिया, मगर जब चुनाव हुए तो चाचा ने उनसे चुन-चुन कर बदला लिया। अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार तक को हार का मुंह देखना पड़ा, महाराष्ट्र में अजित की एनसीपी को महज एक सीट नसीब हुई।
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