गृहयुद्ध की राह पर अमेरिकी लोकतंत्र

अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले के बाद देश में हंगामा मचा हुआ। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप पर यह हमला कई सवालों को जन्म दे रहा है।

ट्रंप को इसी जगह पर मारी गई थी गोली

मुख्य बातें
  • ट्रंप पर हुआ है जानलेवा हमला
  • ट्रंप हैं राष्ट्रपति पद उम्मीदवार
  • हमलावर भी मौके पर मारा गया
सियासत बेहद तिलिस्मी चीज है, अय्यारों और नुज़ूमियों से भरी इस दुनिया में क्या कब हो जाए, इसका अंदाज़ा कोई नहीं लगा सकता। इस बात की तस्दीक तब हुई जब अमेरिकी सूबे पेंसिल्वेनिया के बटलर फार्म शो में अमेरिकी सदर रह चुके डोनाल्ड ट्रम्प पर गोली चलायी गयी। इस वारदात के दौरान वो बाल बाल बचे, जवाबी कार्रवाई में सीक्रेट सर्विसेज के जवानों ने मौके पर ही हत्यारे शख्स थॉमस मैथ्यू क्रुक्स को ढ़ेर कर दिया। साथ ही हमलावर की गोली से मौका-ए-वारदात पर रिपब्लिकन पार्टी का एक मेम्बर भी मारा गया। दुनिया भर की अमन पसंद ताकतों ने इस मामले की खुली मजम्मत की।
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रम्प उस पॉलिसी की शिकार बने जिसके साथ वो हमेशा खड़े रहे। ये बात किसी से भी छिपी नहीं है कि अमेरिकी गन लॉबी और रिपब्लिकन पार्टी के रिश्ते कैसे है? अमेरिका गन कल्चर के लिए मशहूर है। जिस तरह हमारे मुल्क में गली के हर नुक्कड़ पर परचून की दुकानें होती है, उसी तरह अमेरिका में हर जगह ऑटोमैटिक और सेमी ऑटोमैटिक हथियारों की खुली खरीद फरोख्त होती है। कई मौके पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस इस मुद्दे पर सख्त तकरीरें दे चुकी है, साथ ही वो इस पर नकेल कसने की बात भी कहती आयी हैं। जिस हथियार से थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने डोनाल्ड ट्रम्प को निशाना बनाया वो AR-15 सेमीऑटोमैटिक राइफल है, जो कि बेहद आसानी से अमेरिकी सरजमीं पर कहीं भी हासिल की जा सकती है। जिस जगह से ट्रंप चुनावी भाषण दे रहे थे, उससे ठीक 140 मीटर की दूरी से उन्हें निशाना बनाया गया।
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