ऑडी वाली ट्रेनी IAS की खुली एक और पोल! 10 पॉइंट में जानिए पूजा खेडकर विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ

Maharashtra: पूजा खेडकर को लेकर आए दिन कई नए खुलासे सामने आ रहे हैं। भूमि विवाद मामले में आईएएस अधिकारी खेडकर की मां का पता पुणे पुलिस नहीं लगा पाई है। वहीं पूजा के पिता दिलीप खेडकर ने अपनी बेटी बचाव में कहा कि कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया। आपको इस केस से जुड़े 10 अपडेट बताते हैं।

IAS Pooja Khedkar Controversy

आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर विवाद से जुड़ा अपडेट।

IAS Pooja Khedkar Controversy: 'लेडी IAS' पूजा खेडकर से जुड़ी कॉन्ट्रोवर्सी को लेकर रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। पूजा खेडकर को अपने पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोपों के बाद कार्रवाई का दौर तेज हो चुका है। उनकी संपत्ति और अन्य विवाद को लेकर सामने आए दावों के बाद केंद्रीय समिति जांच कर रही है। इस बीच खुद पूजा ये कह रही हैं कि वो अपना पक्ष समिति के समक्ष रखेंगी। आपको इस रिपोर्ट में 10 पॉइंट में विवाद से जुड़ा सारा अपडेट बताते हैं।

1). कॉलेज में दाखिले के दौरान जमा किया था 'फिटनेस' प्रमाणपत्र

शक्तियों और विशेषाधिकारों के कथित दुरूपयोग को लेकर विवादों में आईं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की परिवीक्षाधीन अधिकारी पूजा खेडकर ने 2007 में एक निजी चिकित्सा महाविद्यालय में नामांकन कराने के दौरान ‘फिटनेस’ प्रमाणपत्र जमा किया था। संस्थान के निदेशक ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुणे के काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ अरविंद भोरे ने कहा, 'हमारे कॉलेज में 2007 में दाखिला लेने के दौरान पूजा खेडकर द्वारा सौंपे गये मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र में शारीरिक या मानसिक, किसी तरह की दिव्यांगता का उल्लेख नहीं किया गया था।' भोरे ने मराठी टीवी चैनल एबीपी माझा से कहा, 'उन्होंने जमा किये गए अपने प्रमाणपत्र में उल्लेख किया था कि वह घुमंतू जनजाति और वंजारी समुदाय से हैं। उन्होंने जाति प्रमाणपत्र और ‘गैर क्रीमी लेयर’ प्रमाणपत्र जमा किया था।' निदेशक ने कहा कि पूर्ववर्ती कॉलेज छोड़ने संबंधी खेडकर के प्रमाणपत्र में उनके जन्म की तारीख 16 जनवरी 1990 है। उन्होंने यह प्रमाणपत्र भी जमा किया था।

2). सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के लिए पूजा पर लगे ये आरोप

पूजा खेडकर (34) सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के लिए कपटपूर्ण तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर रही है। उन्होंने खुद को कथित तौर पर शारीरिक रूप से दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय का बताया था। एक अधिकारी ने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा में उम्मीदवारी सुनिश्चित करने और फिर चयन के लिए उनके द्वारा प्रस्तुत किये गये सभी दस्तावेजों की केंद्र द्वारा गठित एक सदस्यीय समिति द्वारा पुनः जांच की जाएगी। पुणे पुलिस ने लाइसेंसी बंदूक के कथित दुरुपयोग को लेकर उनकी मां मनोरमा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने अहमदनगर के भालगांव गांव की सरपंच मनोरमा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हाल में वायरल हुए एक वीडियो क्लिप में मनोरमा को एक भूखंड को लेकर विवाद के दौरान एक किसान पर पिस्तौल तानते देखा गया। यह वीडियो कथित तौर पर 2023 का है।

3). पूजा ने कहा, समिति के समक्ष अपना पक्ष रखूंगी, सत्य की जीत होगी

ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने सोमवार को कहा कि वह उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही केंद्रीय समिति के समक्ष अपना पक्ष रखेंगी और सत्य की जीत होगी। खेडकर ने वाशिम में संवाददाताओं से कहा, 'मैं समिति के समक्ष अपना पक्ष रखूंगी। मुझे लगता है कि समिति जो भी निर्णय लेगी, वह सभी को स्वीकार्य होना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'यहां एक परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में मेरी जिम्मेदारी काम करना और सीखना है और मैं यही कर रही हूं। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती। सरकार के विशेषज्ञ (समिति) ही फैसला करेंगे। न मैं, न आप (मीडिया) और न ही जनता फैसला कर सकती है।'

4). आप दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक आप निर्दोष हैं: पूजा खेडकर

पूजा खेडकर ने कहा, 'जब भी समिति का फैसला आएगा, वह सार्वजनिक होगा। लेकिन, अभी मुझे चल रही जांच के बारे में आपको बताने का कोई अधिकार नहीं है।' यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। खेडकर ने कहा, 'हर कोई जानता है कि क्या चल रहा है।' उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान इस तथ्य पर आधारित है कि जब तक आप दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक आप निर्दोष हैं।

5). आईएएस पूजा खेडकर की मां का पता नहीं लगा पाई पुणे पुलिस

पुणे पुलिस विवादों में घिरी परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर से भूमि विवाद को लेकर उनके खिलाफ दर्ज मामले में अभी तक संपर्क नहीं कर पाई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। भूमि विवाद को लेकर मनोरमा द्वारा कुछ लोगों को पिस्तौल दिखाकर कथित तौर पर धमकाने का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने मनोरमा और उनके पति दिलीप खेडकर के अलावा पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारी ने बताया कि पुणे ग्रामीण पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ एक दल मनोरमा के शहर के बानेर रोड स्थित बंगले गया था, लेकिन उनका पता नहीं चल सका।

6). खेडकर दंपति और 5 अन्य के खिलाफ पौड पुलिस थाने में मामला दर्ज

अधिकारी ने कहा, 'हम रविवार को और आज (सोमवार को) मनोरमा के बंगले पर पहुंचे थे, लेकिन परिसर में प्रवेश नहीं कर पाए। उनका मोबाइल फोन भी बंद है। एक बार जब हम उन्हें ढूंढ लेंगे, तो जांच दल बनाया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।' पुणे ग्रामीण पुलिस ने खेडकर दंपति और पांच अन्य के खिलाफ पौड पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-323 (बेईमानी या धोखाधड़ी से संपत्ति को हटाना या छिपाना) समेत अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यह मामला सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के कुछ दिनों बाद दर्ज किया गया था, जिसमें मनोरमा अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ पुणे की मुलशी तहसील के धडवाली गांव में हाथ में पिस्तौल लेकर कुछ लोगों के साथ तीखी बहस करती नजर आ रही थीं।

7). पूजा खेडकर के पिता ने बचाव में कहा, 'कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया'

सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने की आरोपी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता ने रविवार को उनका बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया है। पूजा हाल ही में तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने पुणे में अपनी तैनाती के दौरान कथित तौर पर अलग 'केबिन' और 'स्टाफ' की मांग की थी और उसके बाद उनका अचानक वाशिम जिले में तबादला कर दिया गया। इसके बाद उन पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) (आठ लाख रुपये से कम वार्षिक आय) और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा देकर और मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके आईएएस में स्थान प्राप्त करने के आरोप लगे। उनके पिता और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व कर्मचारी दिलीप खेडकर ने रविवार को एक मराठी समाचार चैनल से कहा कि वह वास्तव में गैर समृद्ध वर्ग (नॉन-क्रीमी लेयर) से संबंध रखते हैं। दिलीप खेडकर ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में 40 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी।

8). आईएएस पूजा के पिता बोले- ..तो मैं उसे नौकरी से इस्तीफा दिलवा दूंगा

उन्होंने कहा कि यदि सीमित साधनों वाला कोई व्यक्ति चार से पांच एकड़ जमीन का मालिक है, तो मूल्यांकन से पता चल सकता है कि उसकी संपत्ति कई करोड़ रुपये है। दिलीप ने कहा, 'हालांकि समृद्ध वर्ग (क्रीमी लेयर) के रूप में वर्गीकरण (संपत्ति) मूल्यांकन के बजाय आय पर निर्भर करता है।' दिलीप ने कहा, 'उसने (पूजा ने) सरकारी काम के लिए 'लग्जरी' कार का इस्तेमाल किया क्योंकि कोई सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं था। उसने प्रशासन में अपने वरिष्ठों से उचित अनुमति लेकर ऐसा किया। कार उसके रिश्तेदार की है। उसने उस पर लालबत्ती लगाकर किसी को धोखा नहीं दिया।' पूजा के खिलाफ आरोपों में से एक यह है कि जब एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें अपने कार्यालय के रूप में अपना पूर्व कक्ष उपयोग करने की अनुमति दी, तो उन्होंने पुणे कार्यालय में उस वरिष्ठ अधिकारी की 'नेमप्लेट' हटा दी थी। दिलीप ने कहा, 'उसने अपने वरिष्ठ से उचित अनुमति लेकर केबिन का इस्तेमाल किया। क्या ऐसा कहीं लिखा है कि एक युवा 'इंटर्न' महिला आईएएस को अलग केबिन नहीं दिया जाना चाहिए? अगर ऐसा लिखा है, तो मैं उसे नौकरी से इस्तीफा दिलवा दूंगा।' दिव्यांगता प्रमाण पत्र के दुरुपयोग के आरोपों के बारे में, दिलीप ने कहा कि सरकार एक मानक स्थापित करती है ताकि किसी व्यक्ति की विकलांगता का निर्धारण किया जा सके और उनकी बेटी उन मानदंडों को पूरा करती है।

9). लाल बत्ती लगाकर इस्तेमाल की गई आईएएस पूजा खेडकर की कार जब्त

पुणे पुलिस ने विवादों में रहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की परिवीक्षाधीन अधिकारी पूजा खेडकर द्वारा कथित तौर पर लाल बत्ती लगाकर अवैध रूप से इस्तेमाल की गई ‘लग्जरी कार’ रविवार को जब्त कर ली। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने शहर की एक निजी कंपनी को बृहस्पतिवार को नोटिस जारी किया था। खेडकर (34) की यहां नियुक्ति के दौरान उनके द्वारा इस्तेमाल की गई ‘ऑडी’ कार इसी कंपनी के नाम से पंजीकृत है। अधिकारियों के अनुसार, पंजीकृत उपयोगकर्ता का पता हवेली तालुका के शिवाने गांव उल्लेख किया गया था। खेडकर हाल में पुणे में अपने पदस्थापन के दौरान अलग कक्ष और कर्मचारी जैसी मांगों को लेकर विवाद खड़ा करने के बाद चर्चा में रही थीं।

10). दस्तावेजों की जांच की जाएगी और हम मामले की जांच कर रही है पुलिस

भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने जाने के लिए उन्होंने दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा का कथित तौर पर दुरुपयोग किया था। खेडकर ने ‘ऑडी’ कार पर कथित तौर पर लाल बत्ती का इस्तेमाल किया और बिना अनुमति उसपर ‘‘महाराष्ट्र सरकार’’ भी लिखवाया था। विवाद के बाद, उन्हें प्रशिक्षण पूरा होने से पहले पुणे से वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया, 'खेडकर जिस निजी कार का इस्तेमाल कर रही थीं, उस पर लाल बत्ती और सरकारी चिह्न के अनधिकृत इस्तेमाल को लेकर बृहस्पतिवार को नोटिस जारी किया गया था। कार को जब्त कर लिया गया है, उसके दस्तावेजों की जांच की जाएगी और हम मामले की जांच कर रहे हैं।'
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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