कांग्रेस पर हमलावर 'INDI' गठबंधन के 3 किरदार, नीतीश-अखिलेश, केजरीवाल ने चौड़ी की अलायंस की दरार

INDI Alliance News: पहले तो अखिलेश यादव ने मीडिया के सामने ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन की इनसाइड स्टोरी रख दी थी और ये बताया था कि कैसे कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के नेताओं को बेवकूफ बनाया उन्हें रात भर जगाए रखा और फिर गठबंधन नहीं किया। अब अखिलेश यादव जनता को ये बता रहे हैं कि कांग्रेस तो चालू पार्टी है।

'INDI' गठबंधन के सियासी दलों के बीच बिखराव होने की जो अटकलें लग रही थीं, वे सही साबित होती दिख रही हैं। गठबंधन के तीन महत्वपूर्ण दलों के मुखिया जिस तरह से कांग्रेस की आलोचना एवं हमले कर रहे हैं, उससे जाहिर है कि इस गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। पहले नीतीश कुमार फिर अरविंद केजरीवाल और अब अखिलेश यादव कांग्रेस के नेतृत्व एवं उसकी राजनीति पर सवाल उठाए हैं।

अखिलेश ने सामने रख दी इनसाइड स्टोरी

पहले तो अखिलेश यादव ने मीडिया के सामने ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन की इनसाइड स्टोरी रख दी थी और ये बताया था कि कैसे कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के नेताओं को बेवकूफ बनाया उन्हें रात भर जगाए रखा और फिर गठबंधन नहीं किया। अब अखिलेश यादव एमपी में चुनाव प्रचार कर जनता को ये बता रहे हैं कि कांग्रेस तो चालू पार्टी है उस पर भरोसा मत करना।

इंडी गठबंधन को छोड़ना चाहते हैं अखिलेश?

यानी जो बात नरेंद्र मोदी कांग्रेस के लिए कहते हैं अब वही बात अखिलेश यादव भी कांग्रेस के लिए कह रहे हैं। अभी तक यही लग रहा था कि अखिलेश यादव कांग्रेस से नाराज हैं क्योंकि कांग्रेस ने एमपी में उनकी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया और अखिलेश यादव की ये नाराजगी एमपी चुनाव तक ही सीमित रहेगी। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि अखिलेश यादव कांग्रेस से इतने नाराज हैं कि वो अब इंडी गठबंधन को छोड़ना चाहते हैं, इतना ही नहीं उन्होंने तो इंडी गठबंधन की जगह नया गठबंधन बनाने के भी संकेत दे दिए, ऐसा गठबंधन जिसमें कांग्रेस की जगह ना हो।

  • लेकिन जैसे कुछ सवाल केजरीवाल जी से बनते थे वैसे ही अखिलेश जी से भी बनते हैं-
  • अगर कांग्रेस चालू पार्टी है तो इंडी गठबंधन में उसके साथ क्या कर रहे?
  • अगर कांग्रेस भरोसे के लायक नहीं तो एमपी में उससे गठबंधन क्यों करना चाहते थे?
  • गठबंधन नहीं हुआ तो कांग्रेस को चालू बताने लगे, पहले चुप क्यों रहे?
  • गठबंधन नहीं हुआ तो कांग्रेस भरोसे लायक नहीं रही, हो जाता तो पब्लिक पर ऐसी पार्टी को थोप देते फिर तो?

केजरीवाल भी कांग्रेस को कोस रहे

अरविंद केजरीवाल कांग्रेस को भर-भर कर कोस रहे हैं, नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि कांग्रेस का ध्यान गठबंधन पर नहीं है, इधर अखिलेश तो गठबंधन से अलग होने की बात कर रहे हैं। सहयोगियों की इतना नाराजगी के बाद भी कांग्रेस का पूरा फोकस सिर्फ विधानसभा चुनाव पर है वो अपने सहयोगियों की बयानों का कोई लोड नहीं ले रही। अखिलेश यादव ने तो कांग्रेस को चालू पार्टी तक कह दिया लेकिन कांग्रेस के नेता इस पर भी चुप हैं, देखिए जब प्रियंका वाड्रा से अखिलेश यादव पर सवाल किया गया तो वो कैसे बिना कुछ कहे चली गईं।

क्या लोकसभा में एक हो पाएंगे?

कांग्रेस के बड़े नेता कुछ नहीं बोल रहे हैं। लेकिन अखिलेश यादव सब समझते हैं। अखिलेश यादव तो साफ साफ कह रहे हैं कि राज्य के स्तर पर जो बयानबाजी हो रही है, वो दिल्ली में बैठे नेताओं के इशारे पर हो रही है। सुनिए अखिलेश यादव को जिस तरह से इंडी गठबंधन के नेता बात कर रहे हैं, उससे तो इंडी गठबंधन का मामला खत्म ही समझो। क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता कि एक दिन ये लोग गले मिले। एक दिन छूरियां निकालें। फिर अगले दिन गले मिलें। ऐसा नहीं हो सकता कि विधानसभा चुनाव में जो खटास हुई है वो लोकसभा चुनाव में खत्म हो जाएगी और ये लोकसभा चुनाव के लिए नहीं लड़ेंगे और एक हो जाएंगे। अंदर एक दूसरे के लिए जो नफरत हैं, वो निकल रही है और निकलती रहेगी

इंडी गठबंधन का मामला खत्म होता दिख रहा

अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो इंडी गठबंधन का मामला बढ़ने की जगह खत्म होता दिख रहा है। इस दौरान इंडी गठबंधन ने सिर्फ एक काम किया कि 14 एंकर्स का बायकॉट कर दिया। अब इन्हीं के लोग कह रहे हैं कि वो एक काम भी ये ढंग से नहीं कर पाए। एमपी कांग्रेस के नेता कमलनाथ का जो इंटरव्यू हमारी संपादक नाविका कुमार ने किया था, इंडी गठबंधन के समर्थक उस इंटरव्यू को लेकर पीछे पड़ गए और कांग्रेस सहित इंडी गठबंधन को ही कोसने में जुटे हैं कि कैसे कमलनाथ ने ये इंटरव्यू दे दिया। खुद इंडी गठबंधन के नेता उमर अब्दुल्ला ने कह दिया कि 14 एंकर्स का बायकॉट करने वाला फैसला बहुत स्टूपिड यानी बेवकूफाना था। और उन्हें खुशी है कि ये फैसला अपनी मौत खुद मर रहा है। सवाल ये है कि जब ये स्टूपिड फैसला था तो इसे लिया ही क्यों गया था।

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