विपक्ष पर हमलावर होगी BJP, ओबीसी कोटा पर NCBC की रिपोर्ट ने भगवा पार्टी को दिया मौका

NCBC report : सूत्रों का कहना है कि इन राज्यों में भाजपा के नेता एवं मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए विपक्ष पर हमलावर होंगे। पार्टी इसे एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए ओबीसी में अपनी पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत करेगी। इन संवाददाता सम्मेलनों के जरिए भगवा पार्टी विपक्ष के एंटी-ओबीसी मानसिकता को बेनकाब करेगी।

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विपक्ष को अब एंटी-ओबीसी बताएगी भाजपा।

NCBC report : राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग (एनसीबीसी) की रिपोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को विपक्ष को घेरने का मौका दे दिया है। दरअसल, एनसीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण लागू करने में उसे खामियां मिली हैं। इस रिपोर्ट के बाद भगवा पार्टी ने पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार एवं पंजाब सरकार पर हमला बोलने के लिए ओबीसी समुदाय के अपने शीर्ष मंत्रियों एवं नेताओं को मैदान में उतारने का फैसला किया है। बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस, बिहार में जद-यू, राजद, बंगाल में टीएमसी और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है।
भाजपा ने फैसला किया है कि इस रिपोर्ट के आधार पर वह इन राज्य सरकारों को घेरेगी। एनसीबीसी का दावा है कि इन राज्यों के सत्तारूढ़ दलों ने तुष्टिकरण की राजनीति के आगे झुकते हुए ओबीसी के योग्य उम्मीदवारों को उनके आरक्षण के अधिकार से वंचित किया है। सूत्रों का कहना है कि इन राज्यों में भाजपा के नेता एवं मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए विपक्ष पर हमलावर होंगे। पार्टी इसे एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए ओबीसी में अपनी पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत करेगी। इन संवाददाता सम्मेलनों के जरिए भगवा पार्टी विपक्ष के एंटी-ओबीसी मानसिकता को बेनकाब करेगी।
भाजपा के एक बड़े नेता ने कहा 'सामाजिक न्याय को लेकर विपक्ष के ये नेता भाजपा सरकार पर सवाल उठते रहते हैं। यह उसी सामाजिक न्याय पर हमला है जब ओबीसी को उनके वाजिब हक से वंचित किया जाता है। इन चार राज्य सरकारों ने ओबीसी के योग्य उम्मीदवारों को उनके हक से वंचित किया है।'
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कुछ समय पहले जातिगत गणना के मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने जादिगत गणना कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जातिगत गणना के बिना सामाजिक एवं सशक्तिकरण के कार्यक्रम खासकर ओबीसी को वाजिब हक देने की सोच अधूरी रहेगी।
अब ओबीसी कोटा लागू करने में कथित रूप से विसंगतियां सामने आने के बाद विपक्ष को घेरने एवं उसे बैकफुट पर करने के लिए भाजपा को एक बड़ा मौका हाथ लग गया है। सूत्रों का कहना है कि इन सभी राज्यों में विपक्ष को निशाने पर लेने के लिए भगवा पार्टी ने अपनी अलग-अलग रणनीति बनाई है।
चूंकि, राजस्थान में चुनाव होने हैं और यहां ओबीसी समुदाय की आबादी अच्छी-खासी है। इसे देखते हुए भाजपा गहलोत सरकार पर सीधे हमला बोलेगी। भाजपा यह बताएगी कि गहलोत सरकार ने योग्य उम्मीदवारों को उनके लाभ से वंचित किया है। साथ ही वह यह भी बताएगी राज्य सरकार ने जानबूझकर खेती से होने वाली आय को वार्षिक आय में शामिल करते हुए उन्हें क्रीमी लेयर के दायरे में रखा है। भाजपा का मानना है कि गहलोत सरकार में कई योग्य उम्मीदवारों को आरक्षण के उनके जायज हक से वंचित किया गया है। पार्टी नेताओं का मानना है कि राज्य में ओबीसी आरक्षण का यह मुद्दा तूल पकड़ेगा और इससे आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बिहार के लिए भाजपा ने अगल रणनीति बनाई है। ओबीसी के साथ हुए इस अन्याय को लेकर वह नीतीश सरकार से जवाब मांगेगी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि 'ये लोग सामाजिक न्याय का ठेकेदार होने का दावा करते हैं। बिहार ओबीसी आरक्षण लागू करने में जो विसंगतियां हुई हैं उससे सबसे ज्यादा नुकसान कुर्मी समुदाय को हुआ है। सीएम नीतीश कुमार को अपनी जाति के लोगों को जवाब देना होगा।' भाजपा का तर्क है कि जातिगत गणना की मुहिम चलाने वाले नीतीश कुमार को ओबीसी आरक्षण कोटा लागू करने में जो विसंगतियां हुई हैं, उस पर भी बोलना चाहिए। ओबीसी के साथ ऐसा अन्याय क्यों हुआ और उनकी सरकार में सामाजिक न्याय क्यों नहीं मिला, उन्हें इस पर भी जवाब देना होगा।
पंजाब की अगर बात करें तो यहां ओबीसी समुदाय बड़ी संख्या में है लेकिन यहां केवल 12 प्रतिशत लोगों को आरक्षण का लाभ मिला है जबकि यह आंकड़ा 27 फीसदी तक हो सकता था।
वहीं, बंगाल में तुष्टिकरण राजनीति को लेकर ममता बनर्जी का घेराव करने का फैसला किया है। भाजपा का आरोप है कि यहां ओबीसी के हिस्से के आरक्षण को ममता सरकार ने मुस्लिमों को दिया है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, 'बंगाल में ओबीसी आरक्षण मुस्लिमों को दिया गया है। श्रेणी ए जिसमें आरक्षण का सर्वाधिक लाभ मिलना है उसमें 90 प्रतिशत मुस्लिमों को शामिल किया गया है।' समझा जाता है कि यादव ने राजस्थान, बिहार, बंगाल एवं पंजाब में ओबीसी के पात्र अभ्यर्थियों को आरक्षण से वंचित किए जाने पर एनसीबीसी की इस रिपोर्ट की जानकारी पार्टी नेताओं को दी है।
यह दूसरा मौका होगा जब भाजपा देश भर में कांग्रेस को एंटी-ओबीसी बताकर उस पर हमला करेगी। 'मोदीs सरनेम' वाले मामले में भाजपा पहले ही कांग्रेस पर ओबीसी का अपमान करने का आरोप लगा चुकी है। इस मामले में गुजरात की एक कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए उन्हें सजा सुनाई जिसके बाद उन्हें लोकसभा की अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी। साथ ही भगवा पार्टी उन मामलों को भी उठाएगी जब बीते सालों में कांग्रेस ने मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू करने से इंकार कर दिया।
एक अन्य नेता ने कहा कि 'राजीव गांधी ने ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था लेकिन यह भाजपा के समर्थन वाली विश्वनाथ प्रसाद सिंह की सरकार थी जिसने इस आरक्षण को लागू किया।' भाजपा इस तथ्य को जोर-शोर से बताएगी कि मोदी सरकार ने ही एनसीबीसी को संवैधानिक दर्जा दिया है और इससे सच्चाई सामने आएगी।

भाजपा चाहेगी कि यह मुद्दा गर्म रहे

नेशनल सैंपल सर्वे आर्गनाइजेशन के मुताबिक देश में ओबीसी की आबादी करीब 41 प्रतिशत है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा 51 प्रतिशत वोट हासिल करने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। भाजपा का मानना है कि ओबीसी समुदाय यदि पूरी तरह से उसके साथ आ जाता है तो उसे अपना लक्ष्य पाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। कई राज्यों में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है और चुनाव में यह समुदाय निर्णायक है। भाजपा का दावा है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी ने उसे वोट दिया था। अब एनसीबीसी की रिपोर्ट के जरिए भाजपा कांग्रेस एवं विपक्षी दलों को एंटी-ओबीसी बताने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी।
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    Pragya Kaushika author

    Pragya Kaushika, News Editor with Times Now, reports on the BJP and RSS. She has covered politics and policy, government and Parliament for nearly 18 ...और देखें

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