केजरीवाल और ममता की मुलाकात, कांग्रेस के लिए कितनी टेंशन की बात? समझिए सियासी बिसात

Mamata With Kejriwal: विपक्षी पार्टियों के गठबंधन 'INDIA' में पड़ी दरार किसी से छिपी नहीं है, इस बीच इंडिया की बैठक से ठीक एक दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है। ये मुलाकात कांग्रेस की टेंशन में इजाफा कर सकती है। आपको सियासी मायने समझाते हैं।

Arvind Kejriwal And Mamta Banerjee Meeting

ममता-केजरीवाल की मुलाकात से टेंशन में कांग्रेस?

Lok Sabha Election 2024: एकता का राग अलापने वाली विपक्षी पार्टियों के बीच बीते विधानसभा चुनाव में जमकर सिरफुटव्वल देखने को मिला, जब वो एक-दूसरे के लिए गड्ढे खोदते दिखे। आम आदमी पार्टी बनाम कांग्रेस, सपा बनाम कांग्रेस और कांग्रेस बनाम टीएमसी की लड़ाई खुलकर सामने आई। इस बीच 19 दिसंबर को विपक्षी दलों के गुट की बैठक से ठीक पहले ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल की मुलाकात से कहीं न कहीं कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में कांग्रेस को मिली करारी हार बैठक में पार्टी के पक्ष को निश्चित कमजोर करेगी।

ममता बनर्जी से मिले अरविंद केजरीवाल

विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस ‘इंडिया’ की बैठक से एक दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की। ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी के साउथ एवेन्यू आवास पर हुई इस बैठक में करीब 45 मिनट तक चर्चा हुई, हालांकि केजरीवाल ने इसपर कोई टिप्पणी नहीं की। इसके ठीक बाद केजरीवाल ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की। विपक्षी पार्टियों के गठबंधन में मची भीतरी कलह के बीच ये मुलाकात कांग्रेस के लिए सिरदर्द साबित हो सकती है।

'इंडिया' की आपसी लड़ाई बढ़ा रही गठबंधन की चिंता

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही अब तक विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बन सकी है। 'NDA' vs 'INDIA' के बीच होने वाली चुनावी लड़ाई से पहले ही 'इंडिया' की आपसी लड़ाई चिंता बढ़ा रही है। हाल ही में गठबंधन के चार बड़े दलों के एक-दूसरे के प्रति मनमुटाव देखने को मिली। इनमें कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी और आम आदमी पार्टी शामिल हैं। इस रंजिश का आगामी चुनावों में बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। पहले केजरीवाल ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला, फिर कांग्रेस ने दीदी की टीएमसी में सेंध लगाने की कोशिश की। फिर मध्य प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस ने कुछ ऐसा किया कि समाजवादी पार्टी की नाराजगी खुलकर सामने आ गई।

किन-किन राज्यों में खतरे में 'इंडिया' का अस्तित्व?

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ये मुख्य 9 राज्य हैं, जहां विपक्षी गठबंधन की एकता में दरार देखी जा सकती है। जाहिर है कि कांग्रेस को राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सत्ता से कांग्रेस बेदखल हो चुकी है, ऐसे में कांग्रेस की कमजोरी का मुद्दा इस बैठक में उठ सकता है। मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ, ऐसे में समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी उसके खिलाफ आवाज बुलंद कर सकती हैं। गुजरात में कांग्रेस और आप के बीच की लड़ाई किसी से नहीं छिपी है। उधर पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के अधीर रंजन की बयानबाजी से ममता बनर्जी की टीएमसी बार-बार नाराज हो ही जाती है। खुद लालू यादव ये मुद्दा उठा चुके हैं कि जब केंद्र में टीएमसी और कांग्रेस साथ हैं तो पश्चिम बंगाल में अधीर रंजन टीएमसी के खिलाफ बयानबाजी क्यों करते हैं? वहीं केजरीवाल दिल्ली की 7 सीटों पर समझौता करने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं।

सीट बंटवारे समेत कई मुद्दों पर बैठक में होगी चर्चा

विपक्षी गठबंधन के दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक में अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट के बंटवारे, साझा जनसभाएं करने और नए सिरे से रणनीति बनाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन बैठक का अहम मुद्दा हो सकता है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। बता दें, विपक्षी दलों की बैठक दिल्ली के अशोका होटल में होगी।

ममता को 'इंडिया' का चेहरा बनाने का अनुरोध

वहीं तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस से अनुरोध किया कि वह अपनी 'जमींदारी संस्कृति' को त्यागकर ममता बनर्जी जैसे वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन के चेहरे के तौर पर पेश करने की दिशा में काम करे। खुद ममता बनर्जी ने 2024 लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित करने की वकालत की है। उन्होंने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि गठबंधन ने चीजों को व्यवस्थित करने में समय गंवा दिया है। उन्होंने कहा, 'देर आए दुरुस्त आए।'

उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विपक्षी गठबंधन के चेहरे के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इस गठबंधन की मजबूती कितनी देर तक टिकी रहती है, ये देखना बेहद अहम होगा। अगर विपक्षी गठबंधन को भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव मजबूती से लड़ना है तो सबसे पहले अपने भीतरी कलह पर शिकंजा कसना होगा।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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