क्या होती Point Blank Range, जिससे Atique Ahmed बना दिया गया अतीत? जानिए

Atique Ahmed Death News in Hindi: दअसल, गैंगस्टर से नेता बने 60 बरस के अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल, 2023 रात को लगभग 10 बजे के आस-पास तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग के जरिए हत्या कर दी। पुलिस उस वक्त दोनों को यूपी के प्रयागराज में एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी। अतीक और अशरफ उस वक्त मीडिया वालों के सवालों के जवाब दे रहे थे, तभी उन पर हमला हुआ था और यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया था।

Atique Ahmed Death News in Hindi: माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद का मर्डर प्वॉइंट ब्लैंक रेंज से हुआ था। तीनों हमलावर (23 साल के हमीरपुर के सनी, 22 साल के बांदा के लवलेश तिवारी और 18 साल के कासगंज के अरुण कुमार मौर्य) पुलिस की मौजूदगी में मीडिया के सामने आए और ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार करने लगे थे।

15 अप्रैल, 2023 की रात 10 बजे के आसपास की इस वारदात को अंजाम देने के लिए उन्होंने खास विदेशी पिस्टल का इस्तेमाल किया था। हालांकि, सोमवार (17 अप्रैल, 2023) को तीनों को यूपी के प्रयागराज की सेंट्रल जेल से प्रतापगढ़ जिला कारागार में शिफ्ट कर दिया गया। आइए, जानते हैं प्वॉइंट ब्लैंक रेंज के बारे में:

सरल भाषा में समझें तो प्वॉइंट ब्लैंक रेंज का मतलब किसी को बेहद करीब से गोली मारने से है। गोली चलाने वाला इस स्थिति में अपने टारगेट से बिल्कुल सटा होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस तरह से फायर किए जाने के बाद टारगेट के बचने की उम्मीद न के बराबर होती है।

आमतौर पर लोगों को लगता है कि हाई हॉरिजॉन्टल वेलॉसिटी की वजह से बुलेट हमेशा सीधे जाती है, पर असल में ऐसा नहीं होता है। दरअसल, जब बुलेट गन से निकलती है तब वह पृथ्वी के ग्रैविटेश्नल फोर्स और एयर फ्रिक्शन आदि की वजह से नीचे की ओर हल्की से गिरने लगती है। ऐसे में शूटर्स जब निशाना साधते हैं तब वह उसे अपने टारगेट के थोड़ा या हल्सा सा ऊपर साधते हैं ताकि वह आगे जाने के बाद सही जगह लगे।

वैसे, प्वॉइंट ब्लैंक शब्द साल 1570 के दशक का है। यह फ्रांसीसी मूल का माना जाता है, जो पॉइंट ए ब्लैंक (pointé à blanc) से निकला है, "पॉइंटेड एट व्हाइट"। ऐसा माना जाता है कि ब्लैंक शब्द का इस्तेमाल एक छोटे सफेद स्पॉट स्थान के लिए किया जा सकता है जो पहले शूटिंग टारगेट्स के केंद्र में था।

अहमद बंधु केस में तीनों हमलावरों ने अतीक की कनपटी के बेहद पास अपनी गन लगा उसका भेजा (मुंडी) उड़ा दिया था। हमले में तुर्की की जिगाना पिस्टल (Zigana Pistol) का इस्तेमाल किया गया था, जिसकी कीमत पांच से छह लाख रुपए के आसपास है। रोचक बात यह है कि इंडिया में यह गन बैन है।

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लेटेस्ट न्यूज

अभिषेक गुप्ता author

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