Yamuna Express Way: सुपरफास्ट स्पीड से आफत में पड़ जाती है जान, जानिए नियम और रखें ये सावधानियां
यमुना एक्सप्रेस-वे को सड़क परिवहन के इतिहास में एक बड़ी सफलता माना जाता है। आपको पता रहे हैं इसकी खासियतें और यात्रा करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में।

यमुना एक्सप्रेस वे पर जानिए नियम और रखें सावधानियां
Yamuna Express Way: यमुना एक्सप्रेस वे अपनी शानदार सड़कों और सुविधाओं के लिए चर्चा में तो रहती ही है, साथ ही तेज गति से होने वाली मौतों को लेकर भी अक्सर सुर्खियों में रहती है। तेज गति के कारण यहां हादसे आम घटना बन गई है। हाल ही में हुई एक दुर्घटना ने हर किसी को हिलाकर रख दिया। देहरादून के मशहूर यू-ट्यूबर 25 साल के अगस्त्य चौहान की 3 मई 2023 को इसी एक्सप्रेस वे पर हादसे में मौत हो गई।
अगस्त्य की मौत ने सभी को चौंका दिया। अगस्त्य यमुना एक्सप्रेस वे पर सबसे तेज गति से बाइक चलाने का रिकॉर्ड बनाना चाहते थे। 300 की स्पीड में विदेशी बाइक दौड़ाने की कोशिश में वह हादसे का शिकार बन बैठे और उनकी दर्दनाक मौत हो गई। अलीगढ़ के पास टप्पल में उनकी बाइक अनियंत्रित होकर गिर पड़ी और अगस्त्य मौत के मुंह में समा गए।
इस तरह के अनगिनत हादसे यहां होते रहते हैं और अधिकतर मामलों की वजह बनते हैं तेज गति से गाड़ी चलाना। हम आपको बता रहे हैं कि यमुना एक्सप्रेस वे क्या खासियतें और यहां गाड़ी चलाते समय किन सावधानियों का ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि आप किसी अनहोनी से दो-चार न हों।
जानिए नियम
- शहर की अन्य सड़कों के मुकाबले एक्सप्रेस वे पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा काफी ज्यादा रखी जाती है। अधिकतर एक्सप्रेस वे पर गति सीमा 80 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है। जबकि शहरों में यह सीमा 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक्सप्रेस वे पर गति कितनी तेज होती है।
- आमतौर पर एक्सप्रेस वे पर कम से कम चार लेन होती हैं। सबसे लेफ्ट साइड की लेन ट्रकों के लिए होती है, जिसमें अधिकतम स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है। लेफ्ट से दूरी लेन बसों के लिए होती है जिसमें अधिकतम स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से बसें दौड़ती हैं। इसके बाद लेफ्ट से तीसरी लेन कारों के लिए होती है, जिसमें 120 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से कार चलती है। राइट साइड की चौथी लेन को ओवरटेक के लिए रखा जाता है।
रखें ये सावधानियां
- जब किसी वाहन को ओवरटेक करना हो तो हमेशा ओवरटेक के लिए बनाई गई लेन में जाकर ही ओवरटेक करें। ओवरटेक करने से पहले हॉर्न देने पर आगे चल रही कार के ड्राइवर को पता चल जाता है कि आप ओवरटेक करना चाहते हैं। इसके बाद आप सुरक्षित रहते हुए ओवरटेक कर सकते हैं।
- एक्सप्रेस वे पर अपनी लेन छोड़कर दूसरी लेन में जाना हो तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके पीछे कोई दूसरा वाहन तो नहीं आ रहा। अगर दूसरा वाहन सुरक्षित दूरी पर है तो पहले इंडीकेटर दें और फिर लेन बदलें।
- एक्सप्रेस वे पर सफर के दौरान तेज स्पीड होती है और लगातार सावधानी बरतनी पड़ती है। लंबी दूरी और तेज गति के कारण ड्राइवर को थकान हो जाती है। ऐसे में हर 70 से 100 किलोमीटर के बाद कुछ देर के लिए ब्रेक लेना जरूरी है। इससे नींद भी भागेगी और आप खुद को तरोताजा महसूस करेंगे।
यमुना एक्सप्रेस वे की बड़ी बातें
लंबाई- 165 किमी.
कुल लेन - 06 लेन
इंटरचेंज - 07
टोल प्लाजा - 05
इंटरचेंज लूप पर टोल प्लाजा - 07
यमुना एक्सप्रेस-वे 6-लेन चौड़ा (8 तक विस्तार योग्य) है और 165.5 किमी. लंबा है। यह भारत का छठा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है। इसे पुरानी दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-2) या मथुरा रोड पर भीड़भाड़ कम करने के लिए बनाया गया था।
इसलिए है बेहद उपयोगी
यमुना एक्सप्रेस-वे ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक केंद्रों और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के साथ लगते हुए वाणिज्यिक केंद्रों के पास बना हुआ है। कई विश्वविद्यालयों और शिक्षा केंद्रों की मौजूदगी इसे रहने की पसंदीदा जगह बनाती है। यहां किफायती आवास उपलब्ध हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे को सड़क परिवहन के इतिहास में एक बड़ी सफलता माना जाता है। इसने दिल्ली से आगरा तक यात्रा के समय को कम करके बहुत बड़ी राहत और सुविधा दी है।
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