पाकिस्तान–चीन के बाद भारत पर बांग्लादेश की बुरी नजर, पढ़ें इनसाइड स्टोरी
India-Bangladesh: बांग्लादेश से पाकिस्तान को रक्षा सामग्री की एक बड़ी खेप मिल रही है, जिस पर भारत सरकार की नजर है। बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है, बांग्लादेश ने भारी तादात में गोला बारूद के ऑर्डर पाकिस्तान को दिए है। ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब चीन-पाकिस्तान के बाद ये देश भी भारत की टेंशन बढ़ा रहा है।
क्या भारत के लिए सिरदर्द बन रहा बांग्लादेश?
World News: भारत जब पड़ोसी मुल्कों से सुरक्षा की बात करता है, तब सबसे पहले पाकिस्तान और चीन का खयाल आता है। लेकिन अगले कुछ साल भारत के लिए बांग्लादेश बन गया है नया सिरदर्द। बांग्लादेश में एक भयावह साजिश सामने आ रही है, जिसका उद्देश्य भारत विरोधी भावना को कायम रखना और दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को खतरे में डालना है। बांग्लादेश में खुले तौर पर भारत विरोधी शत्रुता में वृद्धि देखी गई है, जिसकी तस्वीर बांग्लादेश से सामने आई है।
पाकिस्तान को दिए भारी तादात में गोला बारूद
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद बांग्लादेश ने भारी तादात में गोला बारूद के ऑर्डर पाकिस्तान को दिए है। 15 वर्षों तक बांग्लादेश पर शासन करने वाली शेख हसीना के जाने से इस्लामाबाद में दोनों देशों के बीच संबंधों में संभावित नरमी की उम्मीद जगी है। हसीना के कार्यकाल के दौरान, बांग्लादेश-पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण बने रहे, लेकिन ढाका में नेतृत्व में हालिया बदलाव ने संबंधों में सुधार के लिए आशावाद को फिर से जगा दिया है।
» शेख हसीना के जाने के बाद एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भारत सरकार की नजर बांग्लादेश से पाकिस्तान को रक्षा सामग्री की एक बड़ी खेप मिलने पर है, जिसमें 40,000 राउंड गोला-बारूद, 2000 मात्रा में टैंक गोला-बारूद, 40 टन आरडीएक्स विस्फोटक और 2,900 उच्च तीव्रता वाले प्रोजेक्टाइल शामिल हैं। यह पिछले वर्ष के ऑर्डर वृद्धि दर्शाता है, जिसमें 12,000 राउंड गोला-बारूद शामिल था।
» यह पाकिस्तान द्वारा बांग्लादेश को गोला-बारूद की आपूर्ति करने का पहला मामला नहीं है, मौजूदा ऑर्डर पिछले ऑर्डर की तुलना में काफी बड़ा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिपमेंट तीन चरणों में होने वाला है, जो दिसंबर 2024 तक समाप्त होगा।
» बांग्लादेश दो देशों से सबसे करीब है जो भारत और म्यानमार है। बांग्लादेश की सीमाएं तीन तरफ से भारत से घिरी है और चौथी तरफ बंगाल की खाड़ी होने के चलते अक्सर नई दिल्ली को यह सवाल करने पर मजबूर करती है कि बांग्लादेश की सेना गोला-बारूद का इस्तेमाल कहां करना चाहती है।
» यह कदम बांग्लादेश की अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के प्रयासों की ओर इशारा करता है और संभावित रूप से नए नेतृत्व के तहत पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने का संकेत भी देता है।
» भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि 5 अगस्त को बांग्लादेश में पीएम शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए हुए विरोध प्रदर्शनों को जमात-ए-इस्लामी ने चीनी और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर समर्थन दिया था। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) द्वारा प्रकाशित ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, बांग्लादेश चीनी हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा गंतव्य स्थान है।
राजनाथ ने चीन, बांग्लादेश को लेकर जताई थी चिंता
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 05 सितंबर, 24 को शीर्ष स्तर की सैन्य नेतृत्व बैठक में लखनऊ, उत्तर प्रदेश बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए, रक्षा मंत्री ने कमांडरों को इन प्रकरणों का विश्लेषण करने, भविष्य में देश के सामने आने वाली समस्याओं का पूर्वानुमान लगाने और "अप्रत्याशित" से निपटने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। राजनाथ ने चीन, बांग्लादेश में चल रहे संघर्षों पर चिंता जताई और कहा कि सैन्य नेतृत्व द्वारा व्यापक, गहन विश्लेषण की आवश्यकता है।
पाकिस्तान को मिली चीन से बड़ी मदद
चीन ने पाकिस्तान को शाहीन-3 बैलिस्टिक मिसाइल के लिए रॉकेट मोटर्स की आपूर्ति की है, जिसकी रेंज लगभग 2,750 किलोमीटर है और यह भारत को निशाना बना सकती है। संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश विभाग ने 13 सितंबर को बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री पर रॉकेट के लिए मोटर्स और लगभग 2,000 किलोमीटर की रेंज वाली अबाबील मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल की शिपिंग के लिए प्रतिबंध लगा दिए। अबाबील में MIRV या मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेट रीएंट्री व्हीकल क्षमताएं हैं, जिसका मतलब है कि मिसाइल में कई वारहेड हैं और यह एक ही समय में तीन या चार अलग-अलग स्थानों पर हमला कर सकती है। पाकिस्तान की MIRV तकनीक भी चीन से आई होने की संभावना है।
चीन पर अमेरिका पर कई बार लगाया प्रतिबंध
संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले साल के अंत सहित कई बार चीन पर प्रतिबंध लगाया है। चीन ने पहले भी पाकिस्तान को परमाणु तकनीक की आपूर्ति की है। चीन पाकिस्तान का सबसे करीबी सैन्य सहयोगी बना हुआ है, जो दशकों से उसे हर तरह के हथियार मुहैया करा रहा है। चीन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि यह उन कुछ देशों में से एक है, जिनमें तुर्की भी शामिल है, जो पाकिस्तान को नियमित रूप से हथियार मुहैया कराता रहा है।
ऐसे में भारत ने न सिर्फ सतर्कता बनाई है बल्कि बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा को अलर्ट मोड पर रखा है। चीन का पाकिस्तान और पाकिस्तान का बांग्लादेश को सैन्य नेतृत्व समर्थन भारत के लिए अलार्म के तौर पर देखा जा रहा है।
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