लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी और मल्लिकर्जुन खड़गे के सामने नेताओं को बांधे रखना बड़ी चुनौती
Congress Crisis: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस को रोज एक न एक झटका लग रहा है। 2014 के चुनाव के समय से ही जो कहानी कांग्रेस के साथ शुरू हुई थी, वो 2024 में भी जारी है। उसके नेता कब उसका दाम छोड़ दें पता नहीं चलता। चुनाव शुरू होता और नेताओं का कांग्रेस छोड़कर जाना शुरू हो जाता है। इस बीच कांग्रेस में तीन अध्यक्ष आए और गए, राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अब मल्लिकार्जुन खड़गे, लेकिन नेताओं के जाने का सिलसिला जारी है। सिर्फ नेता ही नहीं कांग्रेस के पास सहयोगी दल भी नहीं ठहर रहे हैं, कभी पास आते हैं तो कभी दूर।
मिशन 2024 से पहले कांग्रेस छोड़ रहे नेता
लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहा है, कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ते जा रहे हैं। क्या महाराष्ट्र, क्या मध्यप्रदेश, क्या कर्नाटक, सभी राज्यों से कांग्रेस के कई बड़े नेता या तो पार्टी छोड़ चुके हैं या छोड़ने की अटकलें लग रही है। महाराष्ट्र से मिलिंद देवड़ा, अशोक चव्हाण, कर्नाटक से जगदीश शेट्टार, हरियाणा से पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा, मध्य प्रदेश से राकेश कटारे, जैसे नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी या बीजेपी के साथ वाली पार्टियों में जा चुके हैं। साथ ही कई बड़े नेता ऐसे हैं जिनके बारे में अटकलें हैं कि वो पाला बदल सकते हैं। मध्यप्रदेश में तो कमलनाथ और विवेक तन्खा तक को लेकर चर्चा है कि वो बीजेपी के साथ जा सकते हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस निकाल चुकी है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा, कांग्रेस के और नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। जिसमें कई चौंकाने वाले नाम दिख सकते हैं।
राहुल गांधी के कई करीबी बीजेपी के साथ
अभी जो भगदड़ मची है वो नई नहीं है, काफी सालों से कांग्रेस में यह भगदड़ जारी है। सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक और अब मल्लिकार्जुन खड़गे तक इस भगदड़ को रोकने में असक्षम दिखें है। सोनिया गांधी के साथी, कैप्टम अमरिंदर, गुलाम नबी आजाद (अलग पार्टी), रीता बहुगुणा जोशी, तो वहीं राहुल गांधी की लगभग टीम आज बीजेपी के साथ हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, सुष्मिता देव, प्रियंका चतुर्वेदी, जितिन प्रसाद, अशोक तंवर, आरपीएन सिंह, हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर, जैसे नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं। इसके अलावा अशोक चौधरी, हिमन्त बिश्व शर्मा, सुनील जाखड़, अश्वनी कुमार, जैसे बड़े नेता भी पार्टी को अलविदा कर चुके हैं।
नेता ही नहीं सहयोगियों का भी छूटा साथ
हाल ही में कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी पार्टियों ने इंडिया गठबंधन खड़ा किया था। लेकिन चुनाव से पहले ही इंडिया गठबंधन टूट गया। ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग में नहीं हैं। जयंत चौधरी बीजेपी के साथ जा चुके हैं। नीतीश कुमार फिर पलटी मार चुके हैं। शिवसेना और एनसीपी टूट चुकी है। दोनों का नेतृत्व जिनके पास है, वो कांग्रेस के खिलाफ हैं।
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