बिहार में किस जाति की कितनी आबादी...जानिए जाति-आधारित सर्वेक्षण की 10 बड़ी बातें
शीर्ष अदालत की हरी झंडी के बाद नीतीश सरकार ने आज जातिगत सर्वे के आंकड़े सामने रख दिए। आइए जानते हैं कि इसमें क्या-क्या खास है।
बिहार का जातिगत सर्वे
Bihar Caste Census: बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को जाति-आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी कर दी। इस जातिगत सर्वेक्षण पर सियासी विवाद छिड़ा हुआ था। इसे लेकर बिहार सरकार और केंद्र सरकार के विचार अलग-अलग थे। मामला पहले पटना हाई कोर्ट पहुंचा फिर सुप्रीम कोर्ट तक। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस सर्वे पर काफी काम हो चुका है, इसलिए रोका नहीं जाना चाहिए। शीर्ष अदालत की हरी झंडी के बाद नीतीश सरकार का रास्ता साफ हुआ और आज जातिगत सर्वे के आंकड़े सामने आ गए। आइए जानते हैं कि इसमें क्या-क्या खास है।
जानिए 10 बड़ी बातें
- सर्वेक्षण के अनुसार, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) की आबादी 36.01%, पिछड़ा वर्ग 27.12% और सामान्य वर्ग की जनसंख्या 15.52% है।
- सर्वेक्षण में शामिल आबादी में अनुसूचित जाति की आबादी 19.65% और अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68% है।
- ओबीसी में 14.26% यादव हैं, जबकि कुशवाह और कुर्मी की आबादी 4.27% और 2.87% है।
- सर्वेक्षण का पहला चरण घरों को चिह्नित करना और परिवार के सदस्यों और उनके मुखिया का नाम नोट करना था।
- सर्वेक्षण का दूसरा चरण जाति सहित 17 सूत्री सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर प्रोफार्मा भरना था, जो पूरा हो चुका है।
- विकास आयुक्त विवेक सिंह द्वारा पटना में जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है।
- जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा सुमदाय है, जो प्रदेश की कुल आबादी का 14.27 प्रतिशत है।
- देश में आखिरी बार सभी जातियों की गणना 1931 में की गई थी।
- सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में हिंदू समुदाय कुल आबादी का 81.99 प्रतिशत है जबकि मुस्लिम समुदाय 17.70 प्रतिशत है।
- सर्वेक्षण का आदेश पिछले साल तब दिया गया था जब केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह जनगणना के हिस्से के रूप में एससी और एसटी के अलावा अन्य जातियों की गिनती नहीं की जाएगी।
2.64 लाख प्रगणकों ने लिया हिस्सा
लगभग 2.64 लाख प्रगणकों ने 17 सामाजिक-आर्थिक मानदंडों - रोजगार, शिक्षा, वैवाहिक स्थिति, भूमि स्वामित्व और संपत्ति के स्वामित्व और जाति से लेकर 2 करोड़ 90 लाख पंजीकृत परिवारों के विवरण का दस्तावेजीकरण किया है। प्रगणकों को 214 पूर्व-पंजीकृत जातियों के बीच चयन करना होगा जिन्हें व्यक्तिगत कोड आवंटित किया गया है।
लालू ने बताया ऐतिहासिक क्षण
पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की तमाम साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम साजिशों के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे जारी कर दिया। ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और प्रगति के लिए समग्र योजना बनाने और आबादी के अनुपात में हाशिए पर रहने वाले समूहों को प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव ...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited