Bihar Politics: लालू यादव क्यों हुए बेचैन? नीतीश कुमार को 5 बार किया फोन; जानें फिर क्या हुआ
Bihar Political Crisis: बिहार में सियासी उठापटक के बीच लालू यादव के बेचैनी की खबरें सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि लालू ने शुक्रवार को 5 बार नीतीश को फोन किया। मगर सीएम नीतीश कुमार ने लालू से बात करने से इनकार कर दिया। आखिर बिहार में क्या खिचड़ी पक रही है, इस रिपोर्ट में समझिए।
अब तेजस्वी यादव का क्या होगा?
Lalu Vs Nitish: नीतीश कुमार ने शायद लालू यादव और तेजस्वी यादव को गच्चा देने का मन बना लिया है। यही वजह है कि बार-बार लालू और आरजेडी के नेता उनसे संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं और वो उनसे बात करने से साफ इनकार कर रहे हैं। बिहार की सियासी हलचल से राजद नेताओं में सन्नाटा पसर गया है। नीतीश के मन में क्या चल रहा है, इसका अंदाजा लगा पाना बिल्कुल वैसा ही है जैसे रेत के भंडार में एक सुई तलाशना।
नीतीश ने लालू से बात करने से किया इनकार
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार नीतीश ने लालू से बात करने से साफ इनकार कर दिया है। लालू यादव बेचैन हैं, उन्होंने शुक्रवार को 5 बार नीतीश को लालू ने फोन मिलाया, लेकिन शायद नीतीश को लालू से कोई चर्चा नहीं करनी है। लालू ने लैंडलाइन पर भी फोन किया, यहां भी नीतीश ने लालू यादव से बात करने से मना कर दिया।
लालू और आरजेडी के साथ से आजिज आ गए नीतीश
दावा ये भी किया जा रहा है कि इससे पहले लालू यादव ने नीतीश से बृहस्पतिवार को भी पूछा था क्या चल रहा है, जिसके जवाब में नीतीश ने कल कहा था चलने दीजिए। मतलबू साफ है, नीतीश कुमार शायद लालू और उनकी पार्टी आरजेडी के साथ से आजिज आ गए हैं। अब वो महागठबंधन और विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA से पीछा छुड़ाना चाहते हैं। तभी वो लालू को किसी तरह का जवाब नहीं देने के मूड में हैं।
क्या है लालू और तेजस्वी यादव का सबसे बड़ा दर्द?
लालू यादव ये सपना देख रहे थे कि नीतीश कुमार का साथ पाकर 2025 में अपने बेटे तेजस्वी यादव की बतौर मुख्यमंत्री ताजपोशी होती देखेंगे, मगर नीतीश ने तो विधानसभा दूर, लोकसभा चुनाव से ही पहले उनके पैरों तले जमीन खिसकाने का मन बना लिया। याद दिला दें, नीतीश ने एक तरह से तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए यह घोषणा की थी कि राजद नेता 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। नीतीश की इस घोषणा के बाद जद(यू) में नाराजगी फैल गई जिसके कारण उपेन्द्र कुशवाहा जैसे उनके करीबी सहयोगी को पार्टी छोड़नी पड़ी।
अब लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव का सबसे बड़ा दर्द यही होगा कि नीतीश कुमार ने उन्हें गच्चा दे दिया और पलटी मार कर उनकी कुर्सी का ख्वाब अधर में लटका दिया।
कांग्रेस के 13 विधायकों के फोन बंद, लालू खेमे की उड़ी नींद
बिहार में मची सियासी उथलपुथल के बीच शनिवार का दिन महत्वपूर्ण होने वाला है। उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार की राजनीति में छाए संकट के बादल आज पूरी तरह साफ हो जाएंगे, इसके साथ ही यह भी तय हो जाएगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किस ओर जाते हैं। इस सियासी उठापटक में अब तक साइलेंट मोड में बैठी कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस के 13 विधायकों के फोन बंद बताए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि ये विधायक नीतीश कुमार के संपर्क में हैं।
विपक्षी गठबंधन INDIA को भी लगेगा बड़ा झटका
बिहार में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहने वाले नीतीश कुमार ने इससे पहले जब भाजपा का साथ छोड़ा था और सूबे में महागठबंधन की सरकार बनाई थी, तब उन्होंने भाजपा को केंद्र में सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए देशभर में सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने का अभियान शुरू किया था। इसी के बाद विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ का गठन हुआ था। नीतीश की पहल पर विपक्षी दल साथ आए थे, जिसके बाद पश्चिम बंगाल से निकली चिंगारी अलग-अलग राज्यों में फैल रही है। अगर कुमार NDA में वापस लौटते हैं, तो सवाल यही है कि विपक्षी गठबंधन INDIA का क्या होगा?
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आयुष सिन्हा author
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
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