क्या सचमुच उपचुनावों में बुरी तरह हारी है BJP? फिर कांग्रेस को कितना फायदा हुआ; समझिए गुणा-गणित

Election News: बीते दिनों 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेता ऐसा दावा कर रहे हैं कि भाजपा की बुरी तरह हार हुई है। आपको इस रिपोर्ट में समझाते हैं कि आखिर उपचुनाव में किसको फायदा हुआ और किसको नुकसान।

INDIA vs NDA Understand Calculations

कौन जीता, कौन हारा, समझिए किसे फायदा-किसे नुकसान हुआ।

INDIA vs NDA: भारतीय जनता पार्टी और NDA गठबंधन को हाल ही में हुए 7 राज्यों के 13 विधानसभा सीटों में से 11 पर हार झेलनी पड़ी है। विपक्ष इसे करारी शिकस्त करार दे रहा है, लेकिन क्या सचमुच भाजपा को उपचुनावों में बड़ी हार नसीब हुई है? चुनावी नतीजों में विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत का डंका बजाया। 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को सिर्फ दो सीटें नसीब हुईं, जबकि कांग्रेस और टीएमसी ने 4-4 सीटों पर अपना कब्जा जमाया। आपको एक-एक सीट का समीकरण समझाते हैं और ये बताते हैं कि आखिर ज्यादा बड़ा फायदा किसे हुआ और ज्यादा नुकसान किसे हुआ।

बिहार के रूपौली में किसका हुआ नुकसान?

रूपौली विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में निर्दलीय शंकर सिंह को जीत हासिल हुई। उन्होंने जदयू के कलाधर प्रसाद मंडल और राजद की बीमा भारती को चुनाव हराया। बीमा भारती इस सीट से वर्ष 2000 से विधायक थीं। हालांकि शंकर सिंह ने 2005 में लोजपा से जीत हासिल की थी, लेकिन त्रिशंकु विधानसभा होने के चलते उसी साल अक्टूबर नवंबर में दोबारा चुनाव कराए गए, जिसमें इस सीट से बीमा भारती ने राजद के टिकट पर जीत हासिल की थी। बीमा भारती ने जदयू का साथ छोड़ राजद का रुख किया था, जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। ये सीट जदयू के कब्जे में थी, यानी इस सीट पर एनडीए के जदयू को असल नुकसान हुआ।

बंगाल की दो सीट पर भाजपा को हुआ नुकसान

पश्चिम बंगाल की चार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए थे, चार में से दो सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी। हालांकि उपचुनाव में चारों सीटों पर टीएमसी ने अपना दबदबा बनाया। एक सीट तो ऐसी थी, जिस पर ममता की पार्टी ने पहली बार जीत दर्ज की। राणाघाट दक्षिण सीट पर टीएमसी के टिकट पर मुकुट मणि अधिकारी ने जीत हासिल की, विधानसभा चुनाव में अधिकारी ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने पार्टी बदली और ममता खेमे में शामिल हो गए थे, जिसके बाद उपचुनाव हुए। खास बात ये है कि अब तक इस सीट पर टीएमसी ने सिर्फ एक बार जीत हासिल की थी। वर्ष 2011 में अबीर बिस्वास ने इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस को पहली जीत दिलाई थी।

रायगंज सीट पर पहली बार खुला टीएमसी का खाता

पश्चिम बंगाल की रायगंज विधानसभा सीट पर पहली बार टीएमसी ने जीत हासिल की। उपचुनाव में कृष्णा कल्याणी को जीत मिली, जिन्होंने भी भाजपा छोड़ टीएमसी का दामन थामा था। इसके अलावा अन्य जो सीटों पर भी टीएमसी ने अपना कब्जा जमाया। मानिकतला विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में सुप्ती पांडे ने जीत दर्ज की। इस सीट पर 2011 से तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है। वहीं बदगाह सीट पर हुए उपचुनाव में टीएमसी की मधुपर्णा ठाकुर ने जीत हासिल की। ये सीट भी पिछली बार टीएमसी के खाते में थी। यानी बंगाल में भी एनडीए को भारी नुकसान हुए और भाजपा के खाते से दो सीटें कम हो गईं।

हिमाचल प्रदेश में किसे नुकसान किसे फायदा?

सूबे की तीन विधानसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव हुए हैं, तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा का रुख किया था। इनमें से सिर्फ एक को जीत नसीब हुई, अन्य दो को हार झेलनी पड़ी। भाजपा ने उन तीनों को उपचुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन देहरा और नालागढ़ सीट पर दोनों उम्मीदवारों की हार हुई, जबकि हमीरपुर सीट को बहुत कम वोटों से आशीष शर्मा ने जीत लिया। हमीरपुर सीट से 2022 के विधानसभा चुनाव में आशीष ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था। इस उपचुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा को चुनाव हराया।

वहीं हिमाचल प्रदेश की देहरा सीट हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने जीत हासिल की। उन्होंने 2022 में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले होशियार सिंह को चुनाव हराया, जिन्हें इस उपचुनाव में भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था। इसके अलावा नालागढ़ सीट पर भी कांग्रेस के हरदीप सिंह बाजवा ने जीत हासिल की। उन्होंने 2022 में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले कृष्ण लाल ठाकुर (केएल ठाकुर) को चुनाव हराया, जिन्होंने इस बार भाजपा के टिकट पर अपनी किस्मत आजमाई थी।

उत्तराखंड में INDIA गठबंधन को हुआ फायदा

उत्तराखंड के मंगलौर सीट पर काजी मुहम्मद निजामुद्दीन ने कांग्रेस के टिकट पर इस उपचुनाव में जीत हासिल की। ये सीट इससे पहले बहुजन समाज पार्टी के कब्जे में थी। जहां 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा के सरवत करीम अंसारी ने जीत हासिल की थी। वहीं बदरीनाथ पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार है। राजेंद्र सिंह भंडारी ने 2022 में इस सीट पर चुनाव जीता था, जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने जीत हासिल की। यानी उत्तराखंड में कांग्रेस को फायदा हुआ।

मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा में कांग्रेस को लगा झटका

साल 2013 से इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस के टिकट से कमलेश शाह को जीत हासिल होती रही है। उन्होंने हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा का रुख किया, जिसके बाद इस विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया। कमलेश शाह ने इस बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की।

पंजाब और तेलंगाना में NDA को हाथ आई निराशा

पंजाब की जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपना कब्जा बरकरार रखा और आप उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने जीत हासिल की। इस सीट पर इससे 2022 में पहले शीतल अंगुराल ने जीत हासिल की थी। वहीं तमिलनाडु की विक्रवंडी विधानसभा सीट पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने अपना अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा। द्रमुक उम्मीदवार अन्नियूर शिवा की जीत हुई। इससे पहले 2021 में इस सीट पर द्रमुक के एन. पुगाजेन्थी को जीत हासिल हुई थी।

विधानसभा उपचुनाव में कौन कहां से जीता?

सीटराज्यविजेतापार्टी
रूपौलीबिहारशंकर सिंहनिर्दलीय
देहराहिमाचल प्रदेशकमलेश ठाकुरकांग्रेस
हमीरपुरहिमाचल प्रदेशआशीष शर्माभाजपा
नालागढ़हिमाचल प्रदेशहरदीप सिंह बाजवाकांग्रेस
अमरवाड़ामध्य प्रदेशकमलेश प्रताप शाहभाजपा
जालंधर पश्चिमपंजाबमोहिंदर भगतआप
विक्रवांडीतमिलनाडुअन्नियूर शिवाद्रमुक
बदरीनाथउत्तराखंडलखपत सिंह भुटोलाकांग्रेस
मंगलौरउत्तराखंडकाजी मोहम्मद निजामुद्दीनकांग्रेस
रायगंजपश्चिम बंगालकृष्णा कल्याणीटीएमसी
बगदाहपश्चिम बंगालमधुपर्णा ठाकुरटीएमसी
राणाघाट दक्षिणपश्चिम बंगालमुकुट मणि अधिकारीटीएमसी
मानिकतलापश्चिम बंगालसुप्ति पांडेटीएमसी
सीटों के नफा-नुकसान का सारा गुणा-गणित समझिए

राज्यNDAINDIA
पश्चिम बंगालदो सीट का नुकसानदो सीट का फायदा
हिमाचल प्रदेशएक सीट का फायदादो सीट का फायदा
उत्तराखंडकोई नफा-नुकसान नहींएक सीट का फायदा
बिहारएक सीट का नुकसानकोई नफा-नुकसान नहीं
पंजाबकोई नफा-नुकसान नहींकोई नफा-नुकसान नहीं
मध्य प्रदेशएक सीट का फायदाएक सीट का नुकसान
तमिलनाडुकोई नफा-नुकसान नहींकोई नफा-नुकसान नहीं
कुल नफा-नुकसानएक सीट का नुकसानचार सीट का फायदा
किस पार्टी को कितना नुकसान, कितना फायदा?

भारतीय जनता पार्टी को पश्चिम बंगाल की दो सीटों से हाथ धोना पड़ा, जिस पर उसने पिछले चुनाव में जीत हासिल की थी। जबकि सूबे की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में टीएमसी ने सभी पर जीत हासिल की और इस चुनाव में उसे दो सीट की बढ़त हुई। यानी IDNIA गठबंधन ने बंगाल में क्लीन स्वीप किया। इसी तरह उत्तराखंड में इंडिया गठबंधन को एक सीट की बढ़त मिली कांग्रेस ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की। हिमाचल प्रदेश में भाजपा को एक सीट पर बढ़त मिली, जबकि कांग्रेस को दो सीटों पर बढ़त हासिल हुई। मध्य प्रदेश की एक सीट पर NDA यानी भाजपा को बढ़त हासिल हुई और कांग्रेस यानी INDIA गठबंधन को एक सीट का नुकसान हुआ। पंजाब और तमिलनाडु में जिसकी जो स्थिति थी, वो बरकरार है। कुल मिलाकर इंडिया गठबंधन को चार सीटों का फायदा और NDA को एक सीट का नुकसान हुआ।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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