'मनमोहन सिंह का मोदी सरकार ने किया अपमान', निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार को लेकर गरमाई सियासत; जानें पूरा विवाद

BJP vs Congress: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर सरकार ने उनका अपमान किया। वहीं उनकी बहन और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर अन्याय करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया है।

राहुल गांधी का दावा- सरकार ने किया मनमोहन सिंह का अपमान।

Politics on Manmohan Singh's Funeral: मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है। एक तरफ कांग्रेस ने सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान करने का आरोप लगाया है, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए इसे निम्न स्तर की राजनीति करार दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका (सिंह का) सरासर अपमान किया गया है। भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 92 साल के थे।

राहुल गांधी का दावा- सरकार ने किया मनमोहन सिंह का अपमान

मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार आज राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर किया गया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका सरासर अपमान किया गया है।" उन्होंने कहा कि एक दशक तक वह भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनके दौर में देश आर्थिक महाशक्ति बना तथा उनकी नीतियां आज भी देश के गरीब और पिछड़े वर्गों का सहारा हैं। राहुल गांधी के मुताबिक, आज तक सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की गरिमा का आदर करते हुए उनके अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों में किए गए, ताकि हर व्यक्ति बिना किसी असुविधा के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दे पाए।

उन्होंने कहा, ‘‘डॉ. मनमोहन सिंह हमारे सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं। सरकार को देश के इस महान पुत्र और उनकी गौरवशाली कौम के प्रति आदर दिखाना चाहिए था।’

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