भाजपा को केंद्र की सत्ता से कैसे बेदखल करेगा विपक्ष? अखिलेश यादव ने बताया ये फॉर्मूला

Akhilesh Yadav Slams BJP: सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने दावा किया है कि यदि भाजपा उत्तर प्रदेश में हारेगी, तभी केंद्र की सत्ता से हटेगी। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'भाजपा सरकार लोकतंत्र विरोधी है। भाजपा सरकार सामाजिक न्याय की विरोधी है। जातीय जनगणना की विरोधी है।'

Akhilesh Yadav in Tension

कहीं अखिलेश यादव का बड़बोलापन फिर न पड़ जाए भारी।

Lok Sabha Chunav: वो कहते हैं न कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है। तभी शायद उत्तर प्रदेश ने देश के सबसे अधिक प्रधानमंत्री दिए हैं। अखिलेश यादव भी इस खेल के अच्छी तरह समझते हैं कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) में उनकी आखिर कितनी अहमियत है। जाहिर है, ऐसे में अखिलेश अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।

अखिलेश ने बताया भाजपा को हराने का फॉर्मूला

पूरा विपक्ष ये प्लान बनाने में जुटा हुआ है कि कैसे केंद्र की सत्ता से भारतीय जनता पार्टी को उखाड़ फेंका जाए। मगर आपसी कलह के चलते विपक्षी गठबंधन इंडिया के बीच अब तक सीट बंटवारे का फॉर्मूला सेट नहीं हो सका है। खुद अखिलेश यादव भी जानते हैं कि देश की सियासत में उत्तर प्रदेश की कितनी अहम भूमिका है। 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में भाजपा का अच्छा खासा दबदबा है, मगर बीजेपी के बाद सपा इस सूबे की सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में अखिलेश यादव इस कोशिश में जुटे हैं कि भाजपा के खिलाफ यूपी की लड़ाई में विपक्षी धड़ा उनकी पार्टी सपा पर ज्यादा से ज्यादा भरोसा जताए। तभी शायद वो ये दावे कर रहे हैं कि भाजपा उत्तर प्रदेश में हारेगी, तभी केंद्र की सत्ता से हटेगी।

यूपी में अखिलेश की राह का असल कांटा कौन?

विपक्षी गठबंधन में सपा तो शामिल है, मगर लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों में भाजपा के बाद यूपी की सबसे अधिक सीटें जीतने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इन दलों के साथ गठजोड़ करने से सीधे-सीधे तौबा कर लिया है। ऐसे में इस बार अखिलेश के लिए मायावती तो परेशानी का सबब नहीं बनने वाली हैं। मगर यूपी में कांग्रेस और जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी की डिमांड अखिलेश की चिंता जरूर बढ़ा सकती है। अखिलेश इस कोशिश में तो हैं कि 80 में से ज्यादातर सीट उनके ही खाते में आए, मगर बीते दिनों कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय के तेवर ने इस ओर इशारा कर दिया है कि कांग्रेस इस मामले में नो कॉम्प्रोमाइज के मूड में है।

कितना असरदार होगा अखिलेश यादव का ये नारा?

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने सिर्फ यही नहीं कहा कि यूपी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हारेगी तो ही केंद्र की सत्ता से बाहर होगी। उन्होंने ये तक दावा कर दिया कि उत्तर प्रदेश की जनता 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का सफाया कर देगी। उन्होंने आगे ये भी बताया कि समाजवादियों ने नारा दिया है कि '80 हराओ, भाजपा हटाओ'। समाजवादी पार्टी इस नारे को लक्ष्य मान रही है, मगर अखिलेश का ये नारा और दावा कितना असरदार साबित होगा, ये फिलहाल किसी को समझाने की जरूरत नहीं है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा को हराने का दंभ भरना बिल्कुल हवा-हवाई बातें करने जैसा है।

अखिलेश यादव का बड़बोलापन पड़ जाता है भारी

पिछले वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ये दावा करते फिर रहे थे कि उनकी पार्टी इस चुनाव में 400 सीटों पर जीत हासिल करने जा रही है। शायद उस वक्त भी अखिलेश ये भूल चुके थे कि यूपी में कुल 403 सीटें हैं और अगर वो 400 सीटें जीत लेंगे तो क्या अन्य पार्टियां सिर्फ ताली बजाने के लिए चुनाव लड़ रही हैं? मगर नतीजे आए तो अखिलेश की पार्टी महज 125 सीटों पर सिमट कर रह गई और भाजपा ने 273 सीटें जीतकर दमदार कमबैक किया। अब एक बार फिर अखिलेश वैसा ही खोखला दावा कर रहे हैं। वो लोकसभा चुनाव से पहले भी ये बोल रहे हैं कि यूपी की सभी 80 सीटों पर भाजपा को हार मिलेगी। कहीं अखिलेश का बड़बोलापन फिर से 2024 में उन्हें ना ले डूबे।

अखिलेश ने भाजपा को बताया लोकतंत्र विरोधी

एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि 'भाजपा सरकार लोकतंत्र विरोधी है। भाजपा सरकार सामाजिक न्याय की विरोधी है। जातीय जनगणना की विरोधी है। बिना जातीय जनगणना सामाजिक न्याय नहीं मिल सकता।' यहां ये समझना दिलचस्प हो जाता है कि जातीय जनगणना दिन पर दिन एक चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। फ्लो-फ्लो में अखिलेश कुछ भी बोल देते हैं। उन्होंने ये तक कह दिया कि भाजपा फिर आ गयी तो लोगों के वोट डालने का अधिकार भी छीन लेगी।

सीट बंटवारे के मुद्दे पर क्या बोले अखिलेश यादव?

विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के बीच सीट बंटवारे को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'सीट बंटवारा कोई बड़ा सवाल नहीं है, बड़ा सवाल यह है कि विपक्षी गठबंधन आने वाले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को हराएगा।' उन्होंने कहा, 'समाजवादी पार्टी का मानना है कि भाजपा को (सत्ता से) हटाकर लोकतंत्र बचाया जाएगा और ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) स्वत: हट जाएंगी।' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त है। किसी को न्याय नहीं मिल रहा है। ‘इंडिया’ गठबंधन लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराएगा।'

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर अखिलेश ने क्या कहा?

क्या अखिलेश यादव को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण मिला है? इस सवाल उन्होंने कहा, 'भगवान के यहां से किसी को निमंत्रण नहीं आता है, भगवान जिसे चाहते हैं उसे स्वयं बुला लेते हैं। भगवान अपने आप बुलाते हैं। भगवान बुलाएंगे तो हम जाएंगे।' यादव ने कानून-व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा, 'भाजपा सरकार का ‘जीरो टॉलरेंस’ ‘जीरो’ हो चुका है। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है। सबसे ज्यादा अन्याय बेटियों, माताओं, बहनों के साथ उत्तर प्रदेश में हो रहा है।' उन्होंने कहा, 'एनसीआरबी (राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो) के आंकड़ों के अनुसार जबसे केन्द्र में भाजपा सरकार आयी है देश में एक लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। भाजपा के पास इसका कोई जवाब नहीं है।'

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited