राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो सकती है BSP, लोकसभा चुनाव में खस्ता हाल प्रदर्शन से पार्टी पर मंडराया खतरा
BSP National Party Status : हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। पार्टी देश भर में 424 सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन उसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। अब बसपा अपना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो सकती है। चुनाव आयोग इसकी समीक्षा करने वाला है।
राष्ट्रीय पार्टी की दर्जा खो सकती है बसपा।
- लोकसभा चुनाव से जुड़ा सांख्यिकीय रिपोर्ट जारी करने के बाद समीक्षा शुरू करेगा चुनाव आयोग
- पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है, उसे एक भी सीट नहीं मली है
- बसपा को 1997 में मिला था राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा, 2019 के चुनाव में 10 सीटें जीती थी पार्टी
BSP National Party Status : कभी देश और उत्तर प्रदेश की राजनीति में दबदबा रखने वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP) इस समय हाशिए पर चली गई है। लोकसभा चुनाव 2024 में उसका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा है। इस चुनाव में उसे केवल 2.04 प्रतिशत वोट मिले हैं। बीएसपी राष्ट्रीय स्तर की एकमात्र दलित पार्टी है लेकिन इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उसके राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे पर खतरा मंडराने लगा है। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद चुनाव आयोग अपनी पारंपरिक समीक्षा करता है। समझा जाता है कि इस समीक्षा में बसपा अपना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो सकती है।
1997 में बसपा को मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
साल 1984 में कांशी राम ने बसपा की स्थापना की और बाद में मायावती को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। इसके बाद 1997 में बसपा को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता मिली। 2012 के यूपी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी लगातार अपना प्रभाव बढ़ाती दिखी। हालांकि, 2012 के बाद पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट दिख रही है। अभी देश में छह राजनीतिक पार्टियां हैं जिन्हें राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है। ये दल हैं-भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी, माकपा और बसपा।
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राष्ट्रीय दर्जा मिलने के ये हैं नियम
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने की अगर नियम की बात करें तो इसके लिए किसी पार्टी को पिछले आम चुनाव में चार अथवा उससे ज्यादा राज्यों में कुल वैध मतों में से कम से कम छह प्रतिशत वोट मिलने चाहिए। साथ ही कम से कम उसके चार सांसदों को जीत मिलनी चाहिए। इन मानकों पर सही उतरने वाली पार्टी को चुनाव आयोग उसे राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा देता है। एक पार्टी लोकसभा चुनाव में अगर कम से कम दो फीसद वोट प्राप्त करे और उसके उम्मीदवार कम से कम तीन राज्यों में जीत दर्ज करें तो भी उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है। किसी पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा मिलने की तीसरी शर्त यह है कि उसे कम से कम चार राज्यों में राज्य स्तर की पार्टी की मान्यता मिली हो।
2019 में बसपा को मिली थीं 10 सीटें
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने 10 सीटें जीती थीं लेकिन इस बार उसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। 2019 के चुनाव में उसने सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। इस बार पार्टी ने यूपी की 80 सहित लोकसभा की 424 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। 2019 के चुनाव में उसका वोट प्रतिशत 3.67 फीसद था। जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में उसे 6.17 प्रतिशत वोट मिला और वह 21 सीटों पर विजयी हुई। 2014 के लोकसभा चुनाव में उसे 4.19 प्रतिशत वोट मिले लेकिन वह कोई सीट नहीं जीत पाई।
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समीक्षा प्रक्रिया शुरू कर सकता है EC
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय दर्जा बरकरार रखने के पहले दो नियम एवं शर्तों को बसपा पूरा नहीं कर पा रही है। तीसरी शर्त जो कि चार अथवा उससे ज्यादा राज्यों में मान्यता प्राप्त दल होने की जो शर्त है, उसे भी वह पूरा नहीं कर पा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 चुनाव से जुड़ी सांख्यिकीय रिपोर्ट जारी होने के बाद चुनाव आयोग अपनी समीक्षा प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
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