देश के इन हिस्सों में नहीं लागू होगा CAA, जानिए कौन से हैं विशेष दर्जा वाले राज्य
Citizenship Amendment act : आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है। अधिकारियों ने नियमों के हवाले से कहा कि जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदें बनाई गई हैं।
पूर्वोत्तर के इन राज्यों में लागू नहीं होगा CAA
Citizenship Amendment act : चार साल के बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को नगारिकता संशोधन विधेयक (CAA) को अधिसूचित कर दिया। अधिसूचना जारी होने के बाद सीएए पूरे देश में लागू हो गया। अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों-हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन एवं पारसी को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। यह नागरिकता 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए लोगों को दी जाएगी। नागरिकता के लिए सरकारी वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। आवेदनों की जांच के बाद तीन देशों से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी।
CAA के दायरे से बाहर होंगे देश के ये हिस्से
CAA के दायरे से हालांकि, देश के कुछ हिस्से बाहर रहेंगे। इन इलाकों में सीएए के तहत नागरिकता नहीं दी जाएगी। खासतौर से पूर्वोत्तर के जनजातीय इलाके को इस कानून से बाहर रखा गया है। संविधान की छठी अनुसूची के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों को विशेष दर्जा दिया गया है। कानून के मुताबिक, इसे उन सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा जहां देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को यात्रा के लिए ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) की आवश्यकता होती है।
पूर्वोत्तर के राज्यों में लागू है LIP
आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है। अधिकारियों ने नियमों के हवाले से कहा कि जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदें बनाई गई हैं, उन्हें भी सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है। असम, मेघालय और त्रिपुरा में ऐसी स्वायत्त परिषदें हैं।
अल्पसंख्यकों को ही नागरिकता क्यों?
देश के विरोधी दल सवाल उठा रहे हैं कि इन तीन देशों के अल्पसंख्यकों को ही नागरिकता क्यों? नागरिकता देनी है तो इन देशों के मुस्लिम को भी दिया जाए तो यह बात बतानी जरूरी है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं वे बहुसंख्यक हैं और ये कानून अल्पसंख्यकों के लिए हैं। इन तीन देशों से ही शायद ही कोई मुस्लिम धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आया होगा।
पाकिस्तान में मुस्लिम 97 प्रतिशत
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में मुस्लिम आबादी की बात करें तो पाकिस्तान में मुस्लिम 97 प्रतिशत, अफगानिस्तान में 99.7 प्रतिशत और बांग्लादेश में करीब 91 फीसद है। इन देशों में हिंदू आबादी की अगर बात करें तो पाकिस्तान में हिंदू आबादी 1.18 फीसद, बांग्लादेश में 8.5 और अफगानिस्तान में 0.04 है। जाहिर है कि किसी देश में बहुसंख्यक आबादी धार्मिक कारणों से प्रताड़ित नहीं होती।
विपक्ष के निशाने पर सरकार
सीएए लागू करने के बाद सरकार विपक्ष के निशाने पर है। विपक्ष का कहना है कि सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सीएए लेकर आई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की सख्ती के बाद यह घोषणा ‘सुर्खियां बटोरने’ का एक और प्रयास है। रमेश ने पूछा कि सरकार चार साल तक इसे लागू क्यों नहीं किया। नियम तो छह महीने में बन जाते हैं। वह चुनावों के समय वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहती है।
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