अमेरिका में मंहगाई बढ़ा सकती हैं ट्रंप की आर्थिक नीतियां? टैरिफ दरें और आव्रजन पॉलिसी होंगे अहम फैक्टर

फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरों में कटौती से जुड़ी कवायदों का सीधा असर पड़ता दिख रहा है, इस मुश्किल राह पर आगामी ट्रंप सरकार को काफी संजीदगी बरतनी होगी। तरह-तरह के अनुमानों के चलते बाज़ार पर इसका प्रभाव दिखेगा।

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप की तख्तपोशी के बाद कई बड़े बदलावों के दौर सामने आ सकते हैं। इस्राइल-ईरान-हिजबुल्लाह संघर्ष, चीन-ताइवान तनातनी, रूस-यूक्रेन युद्ध, बांग्लादेश में अस्थिर सरकार और म्यांमार में सैन्य शासन जैसी कई रणनीतिक और सामरिक समस्याओं पर वो पुख्ता अहम कदम उठायेंगे। ये सब मुद्दे बाहरी हैं, अंदरूनी तौर पर उन्हें अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देनी होगी। उम्मीद है कि अमेरिकी इकोनॉमी अगले वित्तीय वर्ष में विस्तार के नया आयाम की ओर बढ़ेगी, लेकिन उसकी रफ्तार मुमकिन तौर पर धीमी रहेगी। मौजूदा तस्वीर इस ओर इशारा कर रही है कि मामूली मंदी के साथ ये रफ्तार पकड़ेगी। माना जा रहा है कि जिस राह में इसके फैलाव के पैटर्न जाते दिख रहे हैं वो बेहतर हैं।

फेडरल रिजर्व ने शुरू की ब्याज दरों में कटौती

दो साल पहले वाले पायदान के मुकाबले मुद्रास्फीति काफी नीचे आयी है, ये वित्तीय वर्ष 2023-24 के आंकड़े के आसपास आकर स्थिर है। इस दिशा में बदलाव की रफ्तार या यूं कहे कि धीमेपन के साथ गिरावट को देखा जाने लगा है। अपने धुंआधार चुनावी प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप ने आर्थिक नीति में कुछ बड़े बदलावों का ऐलान किया था, अब उनके तख्तनशीं होने के साथ ही रिपब्लिकन पार्टी इन कथित नीतियों को फौरी तौर पर लागू करना चाहेगी। इसी बुनियाद पर लगता है कि नए साल में मुद्रास्फीति के ज्यादा दबाव और कम आर्थिक वृद्धि के मिलेजुले असर से अमेरिकी अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी। गौरतलब है कि बीते सितंबर महीने में ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कटौती शुरू कर दी थी।

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