Explainer: कभी सोचा चुनाव के दौरान जो पैसा और शराब जब्त होती है आखिर उसका होता क्या है?

cash and liquor seized in election: देश में जारी लोकसभा चुनाव के बीच अक्सर आपने देखा होगा कि अवैध तौर पर या नियम विरूद्ध ले जाने वाले कैश और शराब को पुलिस द्वारा जब्त कर लिया जाता है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तो होती ही है पर आखिर इस जब्त शराब और कैश का क्या होता है, यहां जानिए सरकार उसके साथ क्या करती है।

cash and liquor seized in election

चुनाव में जब्त शराब और कैश का क्या किया जाता है

देश भर में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटिंग की जा रही है अभी तक 19 अप्रैल और 26 अप्रैल यानी वोटिंग के दो चरण बीत चुके हैं और अभी पांच और चरणों में वोटिंग होनी है, आपने अक्सर सुना होगा कि फलां जगह शराब ले जाते हुए जब्त की गई या फलां जगह कैश जब्त (cash and liquor seized in election) किया गया है पर आपने कभी सोचा कि आखिर अचार संहिता (code of conduct) लागू होने के बाद पकड़े गए इस कैश और शराब का आखिर होता क्या है, तो यहां हम आपको इसी के बारे में बताने की कोशिश कर रहे हैं।
खबरें आती रहती हैं कि कहीं से कुछ लाख कैश या कुछ करोड़ कैश बरामद हुआ है या कहीं पर मतदाताओं को बांटने के लिए अवैध रूप से शराब को ले जाया जा रहा है और खबर होने पर उसे पकड़ लिया गया फिर संबधित विभाग उसे जब्त करता है और कार्रवाई भी, पर इस कैश और शराब का सरकार करती क्या है और ये जाता कहां है?
गौर हो कि भारत में चुनाव में अक्सर ही ब्लैक मनी यानी की काले धन (black money) की खासी खपत होती है आसान भाषा में कहें तो ब्लैक मनी चुनाव में प्रत्याशी और उनको चुनाव लड़ाने वाले चुपचाप खर्च करते हैं, चूंकि इस धन का कोई रिकॉर्ड नहीं होता है इसलिए इसे पार्टियों और प्रत्याशियों के पास अलग-अलग जगहों से भारी मात्रा में पहुंचाया जाता है ताकि इस धन से वोटरों को प्रभावित किया जा सके।

पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी से पकड़ा जाता है कैश और शराब

चुनाव में चूंकि पुलिस और प्रशासन की टीमें मुस्तैद रहती हैं और इस बारे में अक्सर वह संदिग्ध दिखने वाले वाहनों और लोगों की चेकिंग करती रहती है और जब उन्हें सूत्रों से खुफिया जानकारी मिलती है या सटीक सूचना, इसपर वो कार्रवाई करते हैं और अवैध रूप से ले जा रहे कैश या शराब को पकड़कर जब्ती की कार्रवाई करती है।

Income Tax विभाग को सूचना देना जरूरी

बताते हैं कि नियमानुसार 10 लाख से ज्यादा का कैश जब्त किए जाने पर उसे जिले की ट्रेजरी में जमा कराना होगा वहीं दस लाख से ज्यादा का कैश जब्त होने पर आयकर विभाग के ऑफिसर को इसकी खबर देना भी जरूरी है।

ऐसा नहीं कि जो भी कैश पकड़ा जाता है वो सभी गैरकानूनी हो

ऐसा नहीं है चुनाव के दौरान जो भी कैश पकड़ा जाता है वो सभी गैरकानूनी हो कई दफा कुछ लोग व्यापार या अपने किसी जरूरी काम के सिलसिले में भी कई बार कैश लेकर जाते हैं चुनाव के दौरान सख्ती से ऐसे लोग भी पुलिस की लपेटे में आ जाते हैं, हालांकि अगर वो शख्स ये साबित कर दे कि ये अवैध तरीके से नहीं कमाया गया है और ये पैसा उसका अपना है और वह इसकी पूरी जानकारी सबूत के साथ पेश करे जैसे उसके पास बैंक की रसीद, बैंक पासबुक में एंट्री या एटीएम ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड है और वो सही है तो पैसा उसे निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के बाद वापस कर दिया जाता है।

पैसे की वापसी लिए क्लेम

चुनाव के दौरान पुलिस जो भी कैश या नगदी जब्त करती है उसे आयकर विभाग को सौंप दिया जाता है पुलिस जिसके कैश को जब्त करती है वह बाद में उस पैसे की वापसी लिए क्लेम कर सकता है पर उसके लिए उसके पास पर्याप्त सबूत होना चाहिए कि ये उसका ही पैसा है और लीगल है पर अगर ऐसे पैसे को सोर्स ही ना पता नहीं चले तो वह पैसा डिपार्टमेंट के पास पैसा पड़ा रहता है

भारी मात्रा में शराब भी जब्त की जाती है

चुनाव के दौरान भारी मात्रा में शराब भी जब्त की जाती है माना जाता है कि अक्सर वोटरों को लुभाने के लिए शराब काम में आती है और बिना कागजों के ले जाए जाने पर उसे जब्त कर लिया जाता है पर अगर इस शराब को कानूनी तरीके से ले जाया जा रहा है तो निर्धारित प्रक्रिया के तहत उसे छोड़ देते हैं।

जब्त की गई शराब का आखिर क्या होता है?

वहीं मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए जो शराब ले जाई जा रही होती है, उसे जब्त कर पुलिस आबकारी विभाग को सौंप देती है, फिर ऐसी सभी शराब को पहले तो एक जगह जमा कर दिया जाता है और बाद में उसे एक साथ नष्ट करने की प्रक्रिया होती है इसके लिए इन शराब की बोतलों पर रोड रोलर या फिर बुलडोजर चला दिया जाता है वहीं कुछ स्थानों पर ऐसी जब्त की गई शराब की बोतलों को किसी बड़े गड्ढे में डालकर भी नष्ट किया जाता है।
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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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