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Cash for Job Scam: गोवा में नौकरी घोटाले ने पकड़ा तूल, सवालों के घेरे में आया सीएम प्रमोद सावंत का बयान; जानें पूरा मामला

Goa Politics: गोवा में इन दिनों 'पैसों के बदले नौकरी घोटाला' ने जोर पकड़ रखा है। मामले की जांच जारी है, लेकिन सियासी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। कांग्रेस ने सरकार पर नौकरियां बेचने का आरोप लगाया, तो मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बयान दिया। अब उनके बयान पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आपको समझाते हैं कि आखिर सारा माजरा क्या है।

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गोवा में कैश के बदले नौकरी घोटाले का सच क्या है?

What is Cash for Job Scam: गोवा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इन दिनों प्रमोद सावंत की सरकार की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। विपक्ष लगातार राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर नौकरियां बेचने का आरोप लगा रही है और धन लेकर सरकारी नौकरी दिलवाने जैसे घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग कर रही है। इस बीच बृहस्पतिवार को खुद सीएम सावंत ने इस मामले पर बयान दिया है, जिसके बाद एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं।

सीएम सावंत ने राजनीतिक संबंध को नकारा तो उठे सवाल

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने चल रहे कैश-फॉर-जॉब्स घोटाले की जांच में किसी भी राजनीतिक संलिप्तता को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस पूरी तरह से और पारदर्शी जांच कर रही है। सीएम डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा, "नौकरी के लिए नकद घोटाले और बैंक धोखाधड़ी की सभी जांच पारदर्शी तरीके से की गई है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने कहा, "जांच सही दिशा में चल रही है, जिसमें फतोर्दा से लंदन तक का मामला भी शामिल है।" इस बयान से राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। सवाल खड़े हो रहे हैं कि जांच समाप्त होने से पहले राजनीतिक संबंध की संभावना को क्यों नकारा जा रहा है? गोवा के मुख्यमंत्री के बयान से ऐसे सवाल उठ रहे हैं।

सीएम के बयान के बाद विपक्षी दल ने सरकार को घेरा

गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने इस मामले में सवाल उठाते हुए कहा कि 'हर कोई जानता है कि गोवा के मुख्यमंत्री जो राज्य के गृह मंत्री भी हो वो खुद को कैश-फॉर-जॉब्स घोटाले में खुद से ही क्लीन चिट दे रहे हैं ये कहकर कि इस मामले में कोई राजनीतिक कनेक्शन नहीं है। ये बात तो हर कोई जानता है कि अब तक इस घोटाले में जो भी गिरफ्तार हुआ है, उनके राजनीतिक संबंध हैं। निकाय चुनाव में जो व्यक्ति भाजपा के टिकट पर लड़ा था, उसे तक गिरफ्तार किया गया।'

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