जयललिता, ओपी चौटाला, लालू यादव से लेकर हेमंत तक, गिरफ्तारी पर इन नेताओं को गंवानी पड़ी CM की कुर्सी
Arvind Kejriwal Arrest : अरविंद केजरीवाल से पहले कई मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो महीने के भीतर गिरफ्तार होने वाले केजरीवाल दूसरे सीएम हैं। इसके पहले 31 जनवरी को हेमंत सोरेन गिरफ्तार हुए।
भ्रष्टाचार के मामलों में मुख्यमंत्रियों को गंवानी पड़ी कुर्सी।
Arvind Kejriwal : दिल्ली की आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हो चुके हैं। उनकी कुर्सी रहेगी या जाएगी इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। सीएम और सार्वजनिक पदों पर रहने वाले नेता या नौकरशाह गिरफ्तार होने पर अपने पद से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देते रहे हैं लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) ने साफ तौर पर कहा है कि केजरीवाल सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे। जरूरत पड़ी तो वह जेल से सरकार चलाएंगे। गिरफ्तार होने पर सीएम पद से इस्तीफा देना ही होता है, इसके बारे में नियम भी नहीं है। नियमों में किसी मामले में दोषी होने पर ही सीएम पद से इस्तीफा देने का प्रावधान है। जेल मैनुअल की अगर बात करें तो जेल में किसी तरह की बैठक करने की मनाही है।
लालू यादव को छोड़नी पड़ी कुर्सी
साल 1997 में बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में दोषी होने पर अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी। उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री नियुक्त किया।
जे जयललिता
भ्रष्टाचार के मामले में 1996 में जयललिता को गिरफ्तार किया गया। आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें 2014 में जेल की सजा हुई। सीएम पद पर रहते हुए दोषी करार दिए जाने वाली जयललिता देश की पहली मुख्यमंत्री थीं। उन्हें इस मामले में चार साल की सजा हुई। चार साल की सजा होने पर सीएम के रूप में वह स्वत: अयोग्य हो गईं। दोषी होने पर उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सीएम पद की कमान एआईएडीएमके के ही ओ पनीरसेल्वम को सौंप दी।
भ्रष्टाचार के मामलों में कई अन्य मुख्यमंत्री भी हैं जिन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। इनमें हरियाणा के ओम प्रकाश चौटाला, आंध्र प्रदेश के एन चंद्रबाबू नायडू, झारखंड के मधु कोडा शामिल हैं।
चौटाला, नायडू, मधु कोड़ा हुए गिरफ्तार
ओम प्रकाश चौटाला 1989 से 2005 तक कई बार सीएम रहे। वह साल 2013 के शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी हुए। इस मामले में उन्हें 10 साल की सजा हुई। आंध्र प्रदेश में 2014 से 2019 तक सीएम रहे चंद्रबाबू नायडू को अपने कार्यकाल के दौरान हुए कथित घोटालों के लिए साल 2023 में गिरफ्तार किया गया। वहीं, साल 2006 से 2008 तक झारखंड के सीएम रहे मधु कोडा खनन घोटाले में
गिरफ्तार हुए।
दिल्ली सरकार के सामने संवैधानिक संकट
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद AAP और दिल्ली सरकार के सामने नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया है और ऐसे में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल, कैबिनेट मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज को इस भूमिका के लिए उनके संभावित विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। ‘आप’ के सामने अब एक ऐसे नेता को चुनने की चुनौती है जो केजरीवाल की अनुपस्थिति में पार्टी और दिल्ली में उनकी सरकार की कमान संभाल सके। ‘आप’ नेतृत्व के लिए ऐसे नेता को चुनना वास्तव में एक कड़ी चुनौती है जिसका कद पार्टी संयोजक केजरीवाल के कद के समान या इसके आस-पास हो।
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