10 प्वाइंट में जानिए कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे की पूरी डिटेल; कब, कहां और कैसे टकराई ट्रेन, किसकी थी गलती?

Kanchenjunga Express Accident All Updates: कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना में किसकी गलती थी, क्यों ऐसी दुर्घटना हुई, ये तो जांच के बाद ही स्पष्ट रूप से पता चल सकेगा। इस दुर्घटना के लिए खराब सिंग्नल को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

Kanchenjunga Express accident

मालगाड़ी ने मारी कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर

Kanchenjunga Express Accident All Updates: त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से पश्चिम बंगाल के सियालदह जा रही है ट्रेन संख्या 13174 कंचनजंगा एक्सप्रेस सोमवार सुबह दुर्घटना का शिकार हो गई। एक मालगाड़ी ने तेज रफ्तार से कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। जिसके बाद हर ओर चीख पुकार मच गई। कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे में 9 लोग मारे गए, जिसमें गार्ड से लेकर चालक तक शामिल हैं।

किसकी गलती के कारण हुआ कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा

कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना में किसकी गलती थी, क्यों ऐसी दुर्घटना हुई, ये तो जांच के बाद ही स्पष्ट रूप से पता चल सकेगा। इस दुर्घटना के लिए खराब सिंग्नल को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। आइए कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे की पूरी कहानी समझते हैं, कैसे यह दुर्घटना हुई, किसकी गलती थी...
  1. उत्तर बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर दूर रंगापानी स्टेशन के पास ही मालगाड़ी के इंजन द्वारा पीछे से टक्कर मारे जाने के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डब्बे पटरी से उतर गए।
  2. भीषण टक्कर के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे तुरंत ही पटरी से उतर गए जबकि एक अन्य डिब्बा मालगाड़ी के इंजन के ऊपर चढ़ गया।
  3. भारतीय रेलवे की ट्रेन संख्या 13174 कंचनजंगा एक्सप्रेस अगरतला से सियालदह जा रही थी, तभी सुबह करीब नौ बजे यह दुर्घटना हुई।
  4. पश्चिम बंगाल में रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट जंक्शन के बीच स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली सुबह 5.50 बजे से ही खराब थी। इसी स्थान पर एक मालगाड़ी ने सियालदह कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी।
  5. ट्रेन संख्या 13174 (सियालदह कंचनजंगा एक्सप्रेस) सुबह 8:27 बजे रंगापानी स्टेशन से रवाना हुई थी और सुबह 5:50 बजे से स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के खराब होने के कारण रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट के बीच रुक गई।
  6. जब स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली विफल हो जाती है, तो स्टेशन मास्टर 'टीए 912' नामक एक लिखित आधिकार-पत्र जारी करता है, जो चालक को खराबी के कारण उस सेक्शन के सभी रेड सिग्नलों को पार करने का अधिकार देता है। रानीपतरा के स्टेशन मास्टर ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को ‘टीए 912’ जारी किया था।
  7. जीएफसीजे नामक एक मालगाड़ी लगभग उसी समय सुबह 8:42 बजे रंगापानी से रवाना हुई और 13174 नंबर ट्रेन के पिछले हिस्से से टकरा गई। जिसके परिणामस्वरूप गार्ड का डिब्बा, दो पार्सल डिब्बे और एक सामान्य डिब्बा पटरी से पटरी से उतर गये।
  8. जांच से ही पता चल सकेगा कि क्या मालगाड़ी को खराब सिग्नल को तेज गति से पार करने के लिए 'टीए 912' दिया गया था या फिर लोको पायलट ने खराब सिग्नल के नियम का उल्लंघन किया था।
  9. अगर मालगाड़ी को ‘टीए 912’ नहीं दिया गया था तो चालक को प्रत्येक खराब सिग्नल पर ट्रेन को एक मिनट के लिए रोकना था तथा 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ना था।
  10. रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा के अनुसार, टक्कर इसलिए हुई क्योंकि एक मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी की और सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर मार दी।

हादसे के कारण कई ट्रेनें रद्द, कई का मार्ग बदला

दुर्घटना के कारण उत्तर बंगाल और देश के पूर्वोत्तर भाग से लंबी दूरी की रेल सेवाएं प्रभावित हुईं। रेल हादसे के बाद न्यू जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी जंक्शन, बागडोगरा और अलुआबारी रोड रूट पर अब तक कुल 19 ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं। कोलकाता में पूर्वी रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना स्थल पर पटरियां अवरुद्ध होने के कारण लंबी दूरी की कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित कर उन्हें उनके सामान्य मार्ग के बजाय सिलीगुड़ी-बागडोगरा-अलुआबारी क्षेत्र से गुजारा जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जिन ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है उनमें गुवाहाटी-सरायघाट एक्सप्रेस, गुवाहाटी-बेंगलुरु एक्सप्रेस, एनजेपी-हावड़ा वंदे भारत, कामरूप एक्सप्रेस और उत्तरबंगा एक्सप्रेस शामिल हैं।

मुआवजे का ऐलान

पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में हुए ट्रेन हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है। वहीं कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिवार वालों को 2 लाख रुपये और घायलों की 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। इसके साथ ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। उन्होंने सोमवार को एक्स पर लिखा, ''पीड़ितों को बढ़ी हुई अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी; मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से चोटिल को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।''

बचाव कार्य पूरा

रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने मीडिया को बताया कि दुर्घटना सुबह करीब 9 बजे हुई। उन्होंने कहा कि बचाव कार्य पूरा हो चुका है। घायलों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है और उन्हें सर्वोत्तम संभव उपचार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कंचनजंगा एक्सप्रेस का अप्रभावित अगला हिस्सा जल्द ही अपनी आगे की यात्रा फिर से शुरू कर देगा ताकि यात्री अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।

कंचनजंगा एक्सप्रेस हेल्पलाइन नंबर

घायल यात्री और उनके परिवार के सदस्य निम्नलिखित नंबरों पर कॉल करके सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कंचनजंगा ट्रेन टक्कर के संबंध में सियालदह में हेल्प डेस्क नंबर: 033-23508794 033-23833326, हेल्पलाइन नंबर गुवाहाटी स्टेशन: 0361-2731621 0361-2731622 0361-2731623।

कंचनजंगा एक्सप्रेस के बारे में जानिए

कंचनजंगा एक्सप्रेस एक दैनिक ट्रेन है जो पश्चिम बंगाल को पूर्वोत्तर भारत के शहरों सिलचर और अगरतला से जोड़ती है। यह मार्ग चिकन नेक कॉरिडोर में है, जो पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। कंचनजंगा एक्सप्रेस का इस्तेमाल अक्सर पर्यटक दार्जिलिंग की यात्रा के लिए करते हैं।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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