India Evacuation Ops : दुनिया में जब-जब फंसे भारतीय, मुसीबत में 'देवदूत' बने सरकार के बचाव अभियान
India Evacuation Ops : समय-समय पर दुनिया में इस तरह के हालात बनते हैं जब देशों को अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चलाना पड़ता है। सूडान जैसा संकट भारत के लिए नया नहीं है। खाड़ी के देशों एवं अन्य मुल्कों में जब भी इस तरह के हिंसाग्रस्त हालात बने, भारत सरकार ने सफलतापूर्वक बचाव ऑपरेशन चलाए और अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला।
सूडान में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में जुटी भारत सरकार।
सूडान में फंसे हैं करीब 3000 भारतीय
सेना प्रमुख एवं पैरामिलिट्री के प्रमुख के बीच जंग
साल | ऑपरेशन | क्यों चलाया गया |
2022 | ऑपरेशन गंगा | 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर मिसाइल एवं बमों से हमले करने शुरू कर दिए। यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल एवं अन्य विषयों की पढ़ाई करते हैं। हमला शुरू होने के बाद यहां भारतीय छात्र फंस गए। यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा शुरू किया। यूक्रेन से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार ने रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, माल्दोवा, स्लोवाकिया की मदद ली। यूक्रेन से करीब 25000 नागरिकों को निकाला गया। भारत ने पड़ोसी देशों एवं अन्य मुल्कों के लोगों को भी बाहर निकाला। |
2020 | वंदे भारत | कोरोना संकट के दौरान दुनिया भर में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन 'वंदे भारत' चलाया। इस अभियान में सरकार ने वायु सेना के विमानों एवं युद्धपोतों को लगाया। इस अभियान के तहत दुनिया भर से करीब 60 लाख भारतीय सुरक्षित वापस लाए गए। यह अभियान कई चरणों में चला। |
2020 | समुद्र सेतु | कोविड-19 संकट के दौरान भारत सरकार ने ऑपरेशन 'समुद्र सेतु' भी चलाया। इस अभियान के तहत समुद्र मार्ग से करीब 4000 लोग सुरक्षित भारत लाए गए। इस अभियान को भारतीय नौसेना ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में नौसेना के पोत जलश्व, एरावत, शार्दुल, मागार की सेवाएं ली गईं। यह अभियान करीब 55 दिनों तक चला । भारतीय युद्धपोतों ने इस अभियान में 23,000 किलोमीटर से ज्यादा की समुद्री दूरी तय की। |
2016 | ब्रसेल्स में बचाव अभियान | साल 2016 में ब्रसेल्स में आतंकी हमले हुए। एक अहमला ब्रसेल्स के एयरपोर्ट पर और एक मालबीक मेट्रो स्टेशन पर हुआ। यहां से जेट एयरवेज की फ्लाइट से चालक दल के 28 सदस्यों सहित कुल 242 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाया गया। |
2015 | ऑपरेशन राहत | साल 2015 में यमन की सरकार एवं हुती विद्रोहियों के बीच संघर्ष शुरू होने पर भारत सरकार ने ऑपरेशन राहत चलाया। यमन में दोनों पक्षों में संघर्ष शुरू होने पर वहां रहने वाले हजारों भारतीय फंस गए। लड़ाई के दौरान सऊदी अरब ने अपने एयरस्पेस को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया था। फिर भी भारत सरकार ने अन्य देशों की मदद लेकर यमन से करीब 5,600 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। |
2015 | ऑपरेशन मैत्री | 2015 में नेपाल में भीषण भूकंप आया। यहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सेना एवं सरकार ने संयुक्त बचाव कार्य चलाया। वायु सेना एवं नागरिक विमानों से करीब 5000 से ज्यादा भारतीय वापस लाए गए। भारतीय सेना ने 170 विदेशी नागरिकों को भी सुरक्षित बाहर निकाला। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, रूस एवं जर्मनी के नागरिक भी शामिल थे। |
2011 | ऑपरेशन होमकमिंग | युद्ध ग्रस्त लीबिया में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार की ओर से 'ऑपरेशन होमकमिंग' चलाया गया। लीबिया में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वायु सेना एवं नौ सेना की तरफ से अभियान चलाया गया। यहां से करीब 15,400 भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। |
2006 | ऑपरेशन सूकून | साल 2006 में लेबनान एवं इजरायल में संघर्ष शुरू होने पर भारत सरकार ने ऑपरेशन सुकून चलाया। फंसे भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारतीय नौसेना ने बड़ा ऑपरेशन शुरू किया। इस अभियान को 'बेरूत सीलिफ्ट' नाम से भी जाना जाता है। इस अभियान के तहत करीब 2,280 नागरिकों को बाहर निकाला गया। इसमें नेपाल एवं श्रीलंका के कुछ नागरिक भी शामिल थे। भारत सरकार का यह अभियान 19 जुलाई से 1 अगस्त 2006 तक चला। |
1990 | कुवैत एयरलिफ्ट | साल 1990 में एक लाख इराकी सैनिकों ने करीब 700 टैंकों के साथ कुवैत पर धावा बोल दिया। हमला होने पर कुवैत के रॉयल परिवार के लोग एवं संभ्रांत परिवार भागकर सऊदी अरब चले गए। यहां करीब 1,70,000 भारतीय फंस गए। भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान शुरू किया। यहां से सभी भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया। इस घटना पर बॉलीवुड की एक फिल्म भी बनी है। |
अपने लोगों को निकाल रहे देश
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें
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