'यहां भी क्रॉस वोटिंग...' महाराष्ट्र के MLC चुनाव में कहां हुआ खेल? पढ़ें MVA की हार और महायुति की जीत की इनसाइड स्टोरी
Maharashtra MLC Elections: लोकसभा चुनाव के नतीजों से गदगद कांग्रेस के नेतृत्व वाले महाविकास अघाड़ी को MLC चुनाव में भी बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन जब चुनाव के परिणाम सामने आए तो खेला हो गया। विधानपरिषद चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुती ने 11 में से 9 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, महाविकास अघाड़ी के एक उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा।
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव
Maharashtra MLC Elections: लोकसभा चुनाव में दो राज्यों ने BJP के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन को चौंकाया था। ये राज्य थे- उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र। उत्तर प्रदेश में जहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन ने शानदान प्रदर्शन किया था, तो वहीं महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी ने NDA नेताओं की टेंशन बढ़ा दी थी। इस चुनाव के बाद शुक्रवार को महाराष्ट्र में हुए MLC चुनाव NDA बनाम INDIA के बीच पहला मुकाबला थे। लोकसभा चुनाव के नतीजों से गदगद कांग्रेस के नेतृत्व वाले महाविकास अघाड़ी को MLC चुनाव में भी बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन जब चुनाव के परिणाम सामने आए तो खेला हो गया।
राज्य विधान परिषद की 11 में से 9 सीटों पर बीजेपी नीत महायुति ने जीत हासिल की है। इसमें भाजपा ने पांच सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि दो-दो सीट पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने जीत दर्ज की है। वहीं, विपक्षी गठबंधन एमवीए की तरफ से शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी मिलिंद नार्वेकर और कांग्रेस उम्मीदवार प्रज्ञा सातव ने जीत दर्ज की है। गठबंधन के तीसरे घटक दल शरद पवार की अगुवाई वाली राकांपा (एसपी) द्वारा समर्थित पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के उम्मीदवार जयंत पाटिल चुनाव हार गए।
क्या था विधान परिषद चुनाव का गणित
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में प्रत्येक जीतने वाले उम्मीदवार को 23 प्रथम वरीयता वोट के कोटे की आवश्यकता होती है। 288 सदस्यीय विधानसभा इस चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल थी और इसकी वर्तमान ताकत 274 है। भाजपा 103 सदस्यों के साथ विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है, उसके बाद शिवसेना (38), राकांपा (42), कांग्रेस (37), शिवसेना (यूबीटी) 15 और राकांपा (एसपी) 10 हैं।
कहां हुआ खेल?
महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीट के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में थे। इसमें से भाजपा नीति महायुति ने सभी 9 उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है। वहीं, महाविकास अघाड़ी के तीन में एक उम्मीदवार को हार का मुंह देखना पड़ा है। चुनाव के बाद सामने आए आंकड़ों को देखें तो कांग्रेस के कम से कम सात उम्मीदवारों ने क्रॉस वोटिंग की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि 37 विधायकों वाली कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार प्रज्ञा सातव के लिए 30 प्रथम वरीयता के वोटों का कोटा तय किया था और शेष सात वोट सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार मिलिंद नार्वेकर को मिलने थे। लेकिन, प्रज्ञा सातव को 25 और नार्वेकर को 22 प्रथम वरीयता के वोट मिले, जिसका मतलब है कि कम से कम सात कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। वहीं, शरद पवार की एनसीपी समर्थित उम्मीदवार जयंत पाटिल को प्रथम वरीयता के 12 वोट मिले। ये 12 वोट शरद पवार गुट के ही हैं।
भाजपा के सभी उम्मीदवार जीते
भाजपा ने पांच उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे, योगेश तिलेकर, परिणय फुके, अमित गोरखे और सदाभाऊ खोत शामिल थे। ये सभी उम्मीदवार चुनाव जीत गए। वहीं, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने लोकसभा के दो पूर्व सदस्य सशिवाजीराव गर्जे और राजेश विटेकर को टिकट दिया था। कांग्रेस ने प्रज्ञा सातव को एक और कार्यकाल के लिए नामित किया था, जबकि शिवसेना (यूबीटी) ने मिलिंद नार्वेकर को मैदान में उतारा था। एमवीए के तीसरे घटक राकांपा (एसपी) ने अपना उम्मीदवार उतारने के बजाय पीडब्ल्यूपी के जयंत पाटिल को समर्थन दिया।
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मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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