आयुष्मान भारत योजना पर संसद में संग्राम, कांग्रेस ने लगाए 3 गंभीर आरोप; तो सरकार ने दिया ये जवाब
Congress vs Modi Sarkar: कांग्रेस ने दावा किया है कि आयुष्मान भारत निजी अस्पतालों को मरीज उपलब्ध कराने वाली योजना बनकर रह गई है। वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने संसद में ये बताया है कि आयुष्मान भारत के तहत 29,000 अस्पताल सूचीबद्ध हुए। आपको बताते हैं कि किसने क्या कहा।
संसद में आयुषमान भारत योजना पर सरकार बनाम कांग्रेस।
Ayushman Bharat Yojana: मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई स्वास्थ्य बीमा योजना पर संसद में कोहराम का सिलसिला जारी है। कांग्रेस ने शुक्रवार को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इलाज के नाम पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया, तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में इसका जवाब दिया। कांग्रेस ने कहा कि यह निजी अस्पतालों को मरीज उपलब्ध कराने की योजना बनकर रह गई है। केंद्रीय बजट में वर्ष 2024-25 के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने यह भी कहा कि सरकार को सार्वभौमिक स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाना होगा। वहीं नड्डा ने बताया कि आयुष्मान भारत के तहत 29,000 अस्पताल सूचीबद्ध हुए। आपको पहले बताते हैं कि कांग्रेस ने सरकार पर क्या आरोप लगाए।
1) 'प्राइवेट अस्पतालों को मरीज उपलब्ध कराने वाली योजना'
उन्होंने दावा किया कि आयुष्मान भारत योजना निजी अस्पतालों को मरीज उपलब्ध कराने वाली योजना बनकर रह गई है और इसका मूल उद्देश्य प्राप्त नहीं हो रहा है। अनवर ने दावा किया कि कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना में इलाज के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है और मरीजों को कम तथा निजी अस्पतालों को अधिक लाभ हो रहा है। कांग्रेस सांसद ने देश में ‘स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने’ का दावा करते हुए कहा कि कभी चिकित्सकों की तुलना भगवान से की जाती थी, लेकिन आज चिकित्सा का पेशा व्यवसाय का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि एक होड़ चल रही है कि कैसे इस माध्यम से अधिक से अधिक धन जमा किया जाए।'
2) 'आम आदमी और गरीबों की पहुंच से बाहर हैं महंगी दवाएं'
अनवर ने कहा कि आज देश में जरूरी तथा जीवन रक्षक दवाएं बहुत महंगी हो गई हैं और आम आदमी तथा गरीब जनता की पहुंच से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में चिकित्सा सुविधाएं लोगों तक पहुंचाने की और सार्वभौमिक स्वास्थ्य क्षेत्र में अत्यधिक निवेश की महती आवश्यकता है। अनवर ने कहा कि कोविड महामारी ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि सरकार से आशा की जा रही थी कि इस बजट में सार्वजनिक स्वास्थ्य वित्तपोषण में मौजूदा अंतराल को पाटने का काम किया जाएगा, कुछ दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान किया जाएगा, मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जाएगा तथा अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
3) स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट आवंटन को लेकर सरकार पर लगाए आरोप
उन्होंने इशारा किया कि इन सभी पहलुओं पर बजट में कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि 2024-25 के संघीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 90,959 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, लेकिन पिछले कुछ सालों में कुल बजट में स्वास्थ्य बजट की हिस्सेदारी घटी है। अनवर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 के माध्यम से 2025 के स्वास्थ्य बजट को देश की जीडीपी के 2.5 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने संसद की एक स्थायी समिति की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट आवंटन की सरकार की प्रवृत्ति का राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 में निर्धारित 2.5 प्रतिशत स्वास्थ्य बजट के लक्ष्य के साथ कोई मेल नहीं है और सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
सरकार ने आयुष्मान भारत को लेकर सदन में क्या कहा?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि गत 30 जून तक 12,625 निजी सहित 29,000 से अधिक अस्पतालों को ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी सूचीबद्ध अस्पतालों ने अपनी-अपनी राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों (एसएचए) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। नड्डा ने कहा कि पैनल में शामिल अस्पतालों द्वारा इलाज से इनकार करने या योजना से संबंधित किसी अन्य मुद्दे के संबंध में लोग वेब आधारित पोर्टल ‘केंद्रीकृत शिकायत निवारण प्रबंधन प्रणाली’ (सीजीआरएमएस), केंद्रीय और राज्य कॉल सेंटर सहित विभिन्न मीडिया का उपयोग करके अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं और इन शिकायतों का निवारण भी करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि लाभार्थी अस्पतालों को पैनल से हटाने सहित दोषी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य स्वास्थ्य एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में नड्डा ने कहा कि सभी सूचीबद्ध अस्पताल पात्र लाभार्थियों को उपचार प्रदान करने के लिए उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पताल को सूचीबद्ध करना एक सतत प्रक्रिया है।
'आयुष्मान भारत के तहत 3,029 ट्रांसजेंडर हुए शामिल'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि अगस्त, 2022 से कुल 3,029 सत्यापित ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत शामिल किया गया है। नड्डा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि इन लाभार्थियों को स्वास्थ्य लाभ पैकेज, 2022 के अनुसार कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं।
जहां एक ओर सरकार की ओर से आयुषमान भारत को लेकर अपनी उपलब्धियां गिनाई जा रही हैं, तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि आयुष्मान भारत निजी अस्पतालों को मरीज उपलब्ध कराने वाली योजना बनकर रह गई है। आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है और इसे लेकर सियासत गरमाई हुई है। कुछ दिन पहले ही केंद्र ने इस योजना को लेकर पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।
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