2024 चुनाव से पहले क्या कम हो रहा कांग्रेस का मनोबल? समझिए चिदंबरम के बयान के मायने
Congress Internal Tension: छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस इन दोनों राज्यों की सत्ता से बाहर हो चुकी है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस के नसीब में आई ये हार कितनी चिंताजनक है, ये समझना मुश्किल नहीं है। कांग्रेस के नेता भी इसे समझ रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में मिली हार से टेंशन मे कांग्रेस के दिग्गज!
Lok Sabha Chunav News: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस के नेताओं की चिंता बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल, पांच राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस दो राज्यों- छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता से बेदखल हो गई, मध्य प्रदेश और मिजोरम में भी करारी हार झेलनी पड़ी और तेलंगाना में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार में आई। इस बीच पार्टी के दिग्गज नेताओं की सूची में शुमार पी. चिदंबरम का एक ऐसा बयान आया जो ये इशारा कर रहा है कि कांग्रेस के मनोबल में कमी आ रही है।
छत्तीसगढ, राजस्थान चुनाव में हार पर बोले चिदंबरम
हाल में हुए छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार को पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने 'अप्रत्याशित' और 'चिंता का विषय' करार दिया है। चिदंबरम ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हर चुनाव 'ऐसे लड़ती है कि जैसे यह अंतिम लड़ाई हो' और विपक्षी दलों को इसका 'अहसास होना चाहिए।'
भाजपा की तारीफ के क्या हैं मायने, समझिए
चुनाव में भाजपा के परफॉर्मेंस को लेकर पी. चिदंबरम ने आखिर ऐसा क्यों कहा? मतलब ये है कि वो भी इस बात को मानते हैं कि कांग्रेस के मनोबल में कुछ न कुछ कमी रह जाती है, जिससे वो चुनाव में भाजपा जितनी जान नहीं फूंक पाती है। निश्चित तौर पर उनके बयान का असल मायने ये है कि उन्हें भी ये बात लगती है कि कांग्रेसियों को भाजपा से काफी कुछ सीखने और खुद में सुधार करने की आवश्यकता है। चिदंबरम यहीं नहीं रुके उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भी चिंता जाहिर की।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर है असल चिंता
कांग्रेस के दिग्गज नेता चिदंबरम ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले तीन राज्यों - छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत 2024 के पार्टी के लिए काफी उत्साह बढ़ाने वाली है। कांग्रेस को छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली हार अप्रत्याशित है, ये चुनावी नतीजे चिंताजनक हैं और मुझे यकीन है कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कमजोरियों पर ध्यान देगा।'
चिदंबरम को कांग्रेस नेतृत्व पर कितना भरोसा?
एक तरफ तो चिदंबरम भाजपा की तारीफ कर रहे हैं और दूसरी ओर ये भरोसा जता रहे हैं कि उन्हें आलाकमान पर पूरा यकीन है कि वो कमजोरियों पर काम करेगा। वैसे सही मायने में पी. चिदंबरम का इस बयान से जी-23 के उन नेताओं के दिल को ठंडक जरूर मिलेगी, जो लंबे समय से यही बात बोल रहे थे और अब चिदंबरम भी उसी राह पर निकल पड़े हैं। मगर कांग्रेस आलाकमान को चिदंबरम की ये सलाह जरूर चुभ सकती है।
लोकसभा चुनाव से पहले चिदंबरम को है ये यकीन
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आगे बोला कि चार बड़े राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में पार्टी का 40 फीसदी मत प्रतिशत 'बरकरार नजर आता है। उन्हें उम्मीद है कि अंतिम व्यक्ति तक चुनाव प्रचार कर, बूथ प्रबंधन और मतदान वाले दिन सुस्त मतदाता को मतदान केंद्र तक लाने जैसे मुद्दों से निपटकर लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का मत प्रतिशत 45 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है।
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