India's Widest Expressway: 8-10 नहीं 14 लेन वाला है यह हाईटेक एक्सप्रेसवे, घंटों नहीं मिनटों में मिलती है मंजिल
India's Widest Expressway: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) को सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन, भारत के सबसे चौड़े एक्सप्रेसवे के बारे में शायद ही कोई जानता हो...इस एक्सप्रेसवे में 8-10 नहीं बल्कि, 14 लेन हैं। तो आइये जानते हैं ये एक्सप्रेसवे कहां से कहां तक दूरी तय करता है और इसकी खासियत क्या है?
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
India's Widest Expressway: भारत के कोने-कोने तक सड़कों की कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा रहा है। खासकर, एक्सप्रेसवे बनाकर वाहनों को कम समय में गंतव्य तक पहुंचने का रास्ता सुगम किया जा रहा है। वैसे, देश में सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के तौर पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे Delhi-Mumbai Expressway) 1350 किलोमीटर का विकास किया जा रहा है। इसके कुछ हिस्से को आवागमन के लिए खोल दिया गया है। लेकिन, आप शायद ही देश के सबसे चौड़े एक्सप्रेसवे के बारे में जानते हों। फिलहाल, यह चौड़ा सड़क मार्ग वाहनों के लिए संचालित है। इस एक्सप्रेसवे पर 6,8 या 10 लेन नहीं, बल्कि 14 लेन शामिल हैं। इस पर रोजाना लाखों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं। तो आज हम आपको उस मार्ग की खासियत से लेकर लंबाई और चौड़ाई बताने वाले हैं। हम आपको यह भी बताएंगे कि यह कब शुरू हुआ और इसकी अन्य खासियतें क्या-क्या हैं?
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे भारत का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे है। इस सड़क मार्ग में कुल 14 लेन हैं। 96 किलोमीटर का यह मार्ग डासना और गाजियाबाद के रास्ते दिल्ली को मेरठ से जोड़ता है। इसके 4 सेक्शन हैं। इस पर कुल 23 छोटे-बड़े ब्रिज, 10 फ्लाई ओवर, 3 रेलवे ब्रिज और 35 अंडरपास हैं। हालांकि, यह पूरा 14 लेन का नहीं है। इसके 27 किमी. का हिस्सा ही 14 लेन का विकसित किया गया है। शेष हिस्से को 6 लेन में बनाया गया है।यह भी पढे़ं- हाईवे से गायब होने वाले हैं टोल प्लाजा, टैक्स देने के झंझट को टाटा बाय-बाय
पहला चरण | निजामुद्दीन ब्रिज से दिल्ली-यूपी बॉर्डर | 8.7 किमी. |
दूसरा चरण | दिल्ली-यूपी बॉर्डर से डासना तक | 19.2 किमी. |
तीसरा चरण | डासना से हापुड़ तक | 22 किमी. |
चौथा चरण | डासना से मेरठ | 46 किमी. |
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का पहला सेक्शन मई 2018 में आम लोगों के लिए खोला गया था। यह सेक्शन हजरत निजामुद्दीन ब्रिज से यूपी बॉर्डर तक है। सितंबर 2019 में डासना से हापुड़ सेक्शन और अप्रैल 2021 में दिल्ली बॉर्डर से डासना व डासना से मेरठ का सेक्शन आम जनता के लिए खोल दिया गया था।
एक्सप्रेसवे का नाम | दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे |
परियोजना की लंबाई | 96 किमी. |
परियोजना की लागत | 8000 से 9000 करोड़ |
लेन संख्या | 14 पहले 8 थीं |
गति सीमा | दिल्ली में 70 किमी प्रति घंटा |
गाजियाबाद | 100 किमी प्रति घंटा |
डासना-मेरठ | 120 किमी प्रति घंटा |
उद्घाटन तिथि | 1 अप्रैल 2021 |
निर्माणकर्ता कंपनी | एनएचएआई |
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स (Delhi Meerut Expressway Toll Rate)
सराय काले खां से मेरठ स्थित काशी टोल प्लाजा तक कार, जीप, वैन और दूसरे हल्के वाहनों के लिए 160 रुपये खर्च करने होते हैं। वहीं, मिनी बस और कामर्शियल वाहनों के लिए 250 रुपये देने पड़ते हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के कारण दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़ के बीच यात्रा काफी सुगम हो गई है। इस एक्सप्रेसवे को डेवलप करने पर 8300 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट खर्च किया गया है। इस मार्ग से दिल्ली से मेरठ पहुंचने में महज 45 मिनट का ही समय लगता है। इससे पूर्व इतनी दूरी तय करने में 2.5 घंटे खर्च करने पड़ते थे। देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
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Pushpendra kumar author
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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